उत्तरदायित्वनमूना
मसीह की देह में उत्तरदायित्व – कलीसिया
एक मसीही के रूप में, हम मसीह के देह में एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायी है| यदि मैं, यीशु का चेला होकर भी पाप में जीवन बिताता हूँ, तो कहीं ना कहीं मैं मसीह के पूरे देह को प्रभावित करता हूँ| जैसे (यहोशू में) अकान का पाप पूरे इस्राएल राष्ट्र को दुश्मन के हमले के खतरे में डाल रहा था, वैसे ही मसीही लोग जो पाप में है वे मसीह के पूरे देह को कमज़ोर कर देता है, उसकी शुरुआत उनके परिवार से होता है| जब हम मसीह के शरीर का अंग होते हैं, और हमें कोई भाई-बहन पाप से संघर्ष करते मिलता है तब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम प्रेम से भरकर उसका सामना करें और उन्हें फिर से स्थापित करें जैसा गलतियों 6:1 में दिया गया है| हमें मसीही की देह में एक-दूसरे की ज़रुरत है|
रोमियों 14 में, पौलुस बताता है की एक परिपक्व विश्वासी को कैसे अपने विश्वास में कमज़ोर भाई की मदद कर उन्हें विश्वास में मज़बूत करना चाहिए| हम एक परिपक्व विश्वासी होकर हमें अपने कमज़ोर भाई को गिरने नहीं देना चाहिए, बल्कि उन्हें मज़बूत बनने में मदद करना चाहिए|
जैसे 1 कुरिन्थियों 12 में, हम सब को मसीह के देह में विभिन्न वरदान मिले हैं| हम सब से आशा की जाती है की हम अपने वरदानों का प्रयोग परमेश्वर की महिमा से अन्य लोगों तक प्रेम और करुणा पहुंचा सकें| अक्सर हम परमेश्वर के वरदान जो दूसरों को मिले हैं उसकी कामना करते हैं और अपने दिए वरदानों की हम उपेक्षा करते हैं|
प्रेरित पौलुस 1 कुरिन्थियों 6 में विश्वासियों के बीच में चल रहे विवाद के बारे में बात करते हैं| यीशु मत्ती 18:15,17 बात करती है कि भाइयों के बीच में कैसे विवाद को सुलझाया जाए| कलीसिया में हमें यह समझना बेहद ज़रूरी है कि हमें परमेश्वर के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए है| कई बार कलीसिया विवाद और झगड़ों के कारण टूट जाता है| मसीही देह होने के नाते हमारा फ़र्ज़ है कि हम उसकी देखभाल और पोषण करें| 1 कुरन्थियों 3:16, 17 में सज़ा के बारे में लिखा है जो मसीह की देह को तोड़ते है|
आज के दिन के लिए विचार:
जब मसीही लोग मसीह में समर्पित होते है, उनके लिए अपने आप को मसीह के देह के लिए समर्पित करना भी आसान हो जाता है|
प्रार्थना:
प्रिय प्रभु यीशु, मुझे मसीह की देह में मेरे भाईयों और बहनों के प्रति समर्पित होने में मदद कीजिये| मेरे जीवन के प्रत्येक भाग को स्वच्छ कीजिये ताकि मैं आपके समान मसीह की देह में बढ़ता जाऊं|
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
मनुष्य होने के नाते और खासतौर पर मसीही होने के नाते, कई स्त्तर पर अपने परिवार, दोस्त, मालिक और कार्यस्थल के लोगों के प्रति परमेश्वर को जवाब देने की ज़िम्मेदारी हम पर है| मनुष्य स्वभाव से ही किसी के प्रति उत्तरदायी होना पसंद नहीं करता| परमेश्वर को हिसाब-किताब देना ही मूल रूप से सभी स्त्तर पर उत्तरदायी होने में हमारी मदद करता है|
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हम इस योजना को उपलब्ध कराने के लिए विक्टर जयकरन का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें:
http://victorjayakaran.blogspot.in/