उत्तरदायित्वनमूना
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अपने कार्य के प्रति उत्तरदायी – हमारा नज़रिया और विश्वासयोग्यता
इस सह्शताब्दी की शुरुआत में जब डॉट-कॉम का भ्रम टूटा, तब सीईओ और अन्य ग्लोबल कंपनी के प्रमुखों के प्रति लोगों में सामान्य गुस्सा भरा हुआ था क्योंकि शेयरधारकों का पैसा उन लोगों ने गलत जोखिमों और अपनी अय्याशी में उड़ा दिया था| करोड़ों शेयरधारकों ने अपने पैसा स्टॉक मूल्यों के धराशायी होने से लुटा दिया| भारत के एक उद्योगपति, श्री नारायणमूर्ति, इन्फोसिस के सीईओ ने कहा, “जैसे लोग संगठन में आगे बढ़ते जाते हैं, उन्हें अहसास होता है कि अधिक ताकत और अधिकार के साथ और भी अधिक उत्तरदायित्व बढ़ जाता है|”
जब हम अपने संगठन में उन्नति करते जाते हैं, हमें अपने जीवन में और भी अधिक पारदर्शी होना पड़ता है| संगठन के एक प्रबंधक या प्रमुख के रूप में हमारा जीवन और गवाही उन लोगों को प्रभावित करता है जो हमारे साथ और हमारे लिए कार्य करते है| जब राजा दाऊद ने पाप किया, उसका प्रभाव इस्राएल पर पड़ा| यहूदा और इस्राएल में महामारी फैली क्योंकि दाऊद धमंड में लोगों की गिनती करना चाहता था| दाऊद को महामारी को रोकने के लिए प्रार्थना करना पड़ता है| यीशु के चेले के रूप में हम उन लोगों के प्रति ज़िम्मेदार है जो हमारे साथ काम करते है| जब हम एक अगुवे के रूप में सही और धर्मी होंगे तो लोग भी वैसे ही होंगे|
हम अपने साथ कार्य करने वाले लोगों की समूह के बारे में क्या विचार रखते है? क्या हम उन लोगों को प्यादा समझते हैं जिन्हें हम अपनी सफलता के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर उन्हें बहुमूल्य लोग मानते हैं जिनके प्रति हम परमेश्वर की नज़रों में उत्तरदायी हैं| आज के व्यवसाय में, भर्ती करना और फिर काम से निकालना जीवन का तरीका बन गया है| लेकिन यदि हम यीशु के पीछे चलते हैं तो उनको हुनर सिखाना और काम देना हमारी ज़िम्मेदारी है जो हमारे साथ काम करते है| जब लोगों को पता चलता है कि वे आप पर भरोसा कर सकते हैं तो वे आपके परमेश्वर को मसीहा मानने को भी तैयार हो जायेंगे|
आज के दिन के लिए विचार:
मसीही के रूप में, हमारी जीवनशैली हमारे संकल्प को दर्शाए|
प्रार्थना:
प्रभु, मेरी मदद कीजिये कि मैं अपने कार्यक्षेत्र में पारदर्शी और उत्तरदायी बनूँ| मुझे एक पात्र के समान अपने उद्देश्य के लिए प्रयोग कीजिये| हमेशा विश्वासयोग्यता के लिए मुझे अपने सामर्थ से भर दीजिये| आमीन
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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मनुष्य होने के नाते और खासतौर पर मसीही होने के नाते, कई स्त्तर पर अपने परिवार, दोस्त, मालिक और कार्यस्थल के लोगों के प्रति परमेश्वर को जवाब देने की ज़िम्मेदारी हम पर है| मनुष्य स्वभाव से ही किसी के प्रति उत्तरदायी होना पसंद नहीं करता| परमेश्वर को हिसाब-किताब देना ही मूल रूप से सभी स्त्तर पर उत्तरदायी होने में हमारी मदद करता है|
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हम इस योजना को उपलब्ध कराने के लिए विक्टर जयकरन का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें:
http://victorjayakaran.blogspot.in/