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BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन Sample

BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

DAY 25 OF 28

बाइबिल का परमेश्वर प्रेम को केवल अभिव्यक्त ही नहीं करता है, वह तो स्वयं प्रेम है| त्रिएक परमेश्वर, पिता, पुत्र और आत्मा के रूप में, वह सदैव ही दूसरों के प्रति केन्द्रित, आत्म-त्याग करने वाला सामुदायिक प्राणी था और रहेगा| प्रेम, केवल उसकी अनेक विशेषताओं में से एक विशेषता ही नहीं है| प्रेम तो उसके मूल अस्तित्व की अभिव्यक्ति है| परमेश्वर का पुत्र यीशु, परमेश्वर के प्रेम को पूर्ण रूप से प्रस्तुत करता है और मनुष्यों की लिए अपने प्राण देकर, इस प्रेम को सर्वाधिक रूप से दर्शाता भी है| जब लोग यीशु के उस प्रेम पर भरोसा रखना सीख जाते हैं जो उसने उनसे किया, तब वे परमेश्वर के प्रेम के समुदाय में जुड़ जाते हैं और उनका स्वभाव कुछ ऐसा परिवर्तित हो जाता है की वे भी उसके साथ मिलकर दूसरों से प्रेम रखने लगते हैं| 


पढ़ें: १ यूहन्ना ४:८, १ यूहन्ना ४:१६, १ यूहन्ना ३:१६, यूहन्ना १५:९-१३ 


चिंतन करें: १ यूहन्ना ४:१६ का पुनरावलोकन कीजिये|क्या आपने इस बात पर भरोसा करना सीख लिया है की परमेश्वर आपसे वास्तव में प्रेम रखता है?  


यदि ऐसा है, तो उससे प्रेम पाने के अपने अनुभव का वर्णन कीजिये| आपके जीवन में क्या बदल गया है, जबसे आपने इस बात पर भरोसा किया की परमेश्वर आप से प्रेम रखता है? आज आप उसके प्रेम को किसी और के साथ कैसे बाँट सकते हैं? 


यदि नहीं, तो फिर वर्णन कीजिए की परमेश्वर का प्रेम पाने के लिए आपने किस प्रकार से संघर्ष किया? आपके अनुसार, आपके जीवन में क्या बदल सकता है यदि आप इस बात पर पूरा भरोसा रखें की परमेश्वर आपसे प्रेम रखता है?   


यूहन्ना १५:९ का पुनरावलोकन कीजिए| आपके अनुसार, परमेश्वर यीशु से कितना प्रेम रखता है? इस विचार पर चिंतन कीजिए की यीशु भी आपसे उतना ही प्रेम रखता है| कौन से प्रश्न, विचार और भावनाएं उभर कर सामने आती हैं जब आप इस बात पर चिंतन करते हैं? यीशु ने अपने प्रेम की तुलना एक ऐसे स्थान से की है जहाँ आप रह सकते या जहाँ आप “बने रह सकते”  हैं| वास्तविक रूप से किसी स्थान पर रहने के लिए, सबसे पहले आपको उसमें प्रवेश करना पड़ता है, फिर सामान खोलना है, उस जगह को और इस बात को समझना है की आप कैसे यहाँ पर सहजता से काम कर सकते हैं| जब आप कहीं पर रहते हैं, तो और क्या-क्या करना पड़ता है? इसकी तुलना यीशु के उस प्रेम से कैसे की जा सकती है, जो वह आप से रखता है और जिसपर आप का भरोसा है?  


आपका पढ़ना और चिंतन करना, आपको परमेश्वर से प्रार्थना करने के लिए उत्साहित करे| परमेश्वर को बताइये की कैसे उसका प्रेम आपको अचंभित करता है, इमानदारी से उसको बताइये की कैसे इसे पाने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ता है, और आज उसके प्रेम पर भरोसा रखने के लिए आपको जिस भी चीज़ की आवश्यकता है, उससे मांग लीजिये|

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BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|

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