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कठिन मार्गों में उमड़ना Sample

कठिन मार्गों में उमड़ना

DAY 4 OF 7

बंदीगृह में उमड़ना 

जब यूसुफ जेल में था तब एक बार फिर से बंदीगृह के दरोगा के अनुग्रह की दृष्टि उस पर हुई और इसलिए दरोगा ने उन सभी बन्दियों को यूसुफ के हाथ में सौंप दिया। यह वास्तव में एक आश्चर्यजनक बात है कि किस प्रकार बार-बार एक विदेशी भूमि में अधिकारियों की अनुग्रह की दृष्टि इस व्यक्ति पर होती है। उन्होंने उसमें कुछ अलग महसूस किया, जिसे उसके अपने परिवार के लोग भी नहीं देख पाए। आख़िरकार फिरौन के पिलानेहारे और पकानेहारे को उसी बंदीगृह में रखा गया जहाँ यूसुफ बंदी था और उसे उनकी सेवाटहल करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया। दिलचस्प बात यह है कि यूसुफ इन पुरुषों की ज़रूरतों के बारे में अपनी आत्मा में जान जाता है और उनसे उन स्वप्नों को साझा करने का आग्रह करता है जिसकी वजह से वे दोनों उदास थे। उसकी व्याख्याएँ सच होती हैं जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और दूसरे को स्वतंत्र कर दिया जाता है। जब यूसुफ ने पिलानेहारे के सपने का अर्थ बताया था तब उसने उससे एकमात्र यही आग्रह किया था कि जब उसे फिर से उसके अपने पद पर नियुक्त किया जाये तो वह उसे स्मरण रखे, फिर भी वह तुरंत उसे भूल गया।

दो वर्ष के बीतने पर, जब फिरौन ने स्वप्न देखा जिसका अर्थ कोई भी नहीं बता पर रहा था, तब यूसुफ को स्मरण करके उसे बुलाया गया।

इस बात का कोई ज़िक्र नहीं है कि यूसुफ ने इस लंबे समय को कैसे व्यतीत किया लेकिन हम यह मान सकते हैं कि उसने बंदीगृह में दूसरों की सेवा करना जारी रखा होगा, जहाँ वह स्वयं बंदी था। वह शायद सभी बन्दियों को भोजन की आपूर्ति कराने के कार्य में शामिल होगा, वहाँ शांति बनाए रखने के कार्य को संभालता होगा,विवादों को निपटाता होगा और आशाहीन लोगों को प्रोत्साहित करता होगा।

जब हम उमड़ते हैं तो हमारी वर्तमान परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हो, हम अपने आसपास के लोगों की ज़रूरतों के प्रति संवेदनशील बने रहते हैं। हम धैर्यपूर्वक इस प्रतीक्षा के समय में भी दृढ बने रहेंगे जिसकी माँग ये परिस्थितियाँ करती हैं, और यह विश्वास करेंगे कि ये प्रतीक्षा अपने कायरोस (परमेश्वर द्वारा नियुक्त) समय में समाप्त हो जाएँगी और तब तक विश्वासयोग्य रहकर वह कार्य करते रहें जिसे करने की आज्ञा हमें दी गयी है। ये कठिन परिस्थितियाँ असमान्य प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन दीर्घ दृष्टिकोर्ण से देखा जाये तो ये बाधाएँ हमारे भीतर उन भूमिकाओं में बढ़ने में एक बड़ी भूमिका निभाएँगी, जिनमें हम अन्त में कदम रखेंगे ।

Day 3Day 5

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कठिन मार्गों में उमड़ना

क्या आज आप बहुतायत से उमड़ने वाले स्थान से चलने, कम करने, प्रेम करने और सेवा करने का निर्णय लेंगे? क्या आप पवित्र आत्मा से प्रार्थना करना चाहेगें कि वह आपको इस हद तक भर दे ताकि जब दूसरे लोग आपको देखें तो उन्हें भली प्रकार से सींचा गया बगीचा या ऐसा उमड़ता हुआ झरना नज़र आये जिसका पानी किसी भी मौसम में कभी नहीं सूखता ?

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