परमेश्वर ने प्रगट किया- नये नियम की एक यात्रानमूना
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मरकुसः कोने का प्रमुख पत्थर
मसीह की बुनियाद पर परमेश्वर की विश्व व्यापी कलीसिया को स्थापित किया गया है। इस पूरी पुस्तक में परमेश्वर के पुत्र के रूप में उसकी पहिचान का धर्म के“ठेकेदारों”यहूदियों द्वारा विरोध किया गया है।
यूहन्ना मरकुस के द्वारा लिखा गया यह सुसमाचार ग्रीक भाषा में गैरयहूदियों के लिए लिखा गया है। [1] इसकी प्रेरणा पतरस (रोम में मरकुस के साथी) के यीशु के पहले हाथा के अनुभवों से ली गई है
मसीह
इस सुसमाचार में,यीशु को निम्नलिखित लोगों द्वारा परमेश्वर के पुत्र के रूप में सम्बोधित किया गयाः
- मरकुस(मरकुस1:1)
- बपतिस्में के समय पर पवित्र आत्मा द्वारा (मरकुस1:11)
- रूपान्तरण के समय में परमेश्वर द्वारा
- परतस के द्वारा अपने अंगीकार पर (मरकुस8:11)
- दुष्टात्मा द्वारा (मरकुस5:7)
- महायाजक के सम्मुख स्वयं यीशु द्वारा (मरकुस14:61)इत्यादि।
रूचिकर बात यह है कि,मसीह ने अधिकतर अपने आप को भविष्यसूचक तौर पर मनुष्य का पुत्र कहकर सम्बोधित किया। उसके चमत्कार
इसमें लगभग27चमत्कारों का ज़िक्र किया गया है,जो अन्य सुसमाचारों की तुलना में सबसे अधिक हैं। इस सुसमाचार पर शिक्षाओं पर कम लेकिन चमत्कारों पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया गया है। परमेश्वर की सामर्थ्य को समुद्र,मृतक और दुष्टात्माओं पर प्रगट किया गया है।
राजमिस्त्रियों द्वारा अस्विकार किया गया
ईश्वरीय शक्ति का सबसे अधिक यहूदी धार्मिक अगुवों के द्वारा विरोध किया गया। सभी सुसमाचारों में विभिन्न प्रकार के विरोधों और मसीह द्वारा उन कठोर हृदयों वाले लोगों को जीतने की आशा से की जाने वाली प्रतिक्रियाओं को लिखा गया है।
आज भी मसीह को - संसार से अधिक कलीसिया द्वारा अस्विकृत किया जाता है।
बहुत कम लोगों ने स्वीकार किया।
आज के समान पहले भी जीवन के हर क्षेत्रों से कुछ ही सच्चे खोजियों ने ही मसीह को ग्रहण या स्वीकार किया थाः
- शास्त्री ने (जिसने प्रभु से सबसे बड़ी आज्ञा के विषय में पूछा था)
- सूबेदार (एक रोमी जन)
- यहूदी याइर
- सामरी (जो उसकी मेज से टुकड़े बीनना चाहती थी)
- कोढ़ी ने
- लकवे के रोगी ने (ऐतिहासिक तौर पर,एक रोमी अगुवा जो संसार का दूसरा सबसे सामर्थी जन था)
- चेलों ने
खदान में अन्य पत्थर
मसीह को कोने का पत्थर कहकर सम्बोधित किया गया है,लेकिन इस पुस्तक में अन्य प्रकार के पत्थरों को भी ज़िक्र किया गया है।
- शैतान और उसके अनुयायियों का -गले में चक्की के पत्थर;लूका17:2,मरकुस9:42
- सदूकी और फरीसी - चूना फिरी हुई कब्रों के समान हैं- मत्ती23:27,मरकुस7:15
- हेरोदेस -विनाश का पत्थर- लूका18:41-44,मरकुस13:2हेरोदेस के द्वारा बनाए गये पत्थरों का भार लगभग160000पाउंड का था। उन्हें अगस्त10, 70ईसा पश्चात रोमियों द्वारा मन्दिर को ध्वस्थ किये जाने के समय में पश्चिम की दिवार के ऊपर50फीट की ऊंचाई तक रखा गया था। यह यीशु द्वारा की गयी भविष्यवाणी थी - यह यहूदियों द्वारा अपने परमेश्वर को अस्वीकार करने का नतीज़ा था।
- अन्य (अधिकतर यहूदी) - पत्थर का हृदय - यहेजकेल11:19
- शिष्य - जीवते पत्थर -1पतरस2:4,5
आजकल की दुनिया में विभिन्न पत्थरों को देखें। हम“जीवित पत्थरों”से निर्मित इमारतों को किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं,जिससे परमेश्वर की कलीसिया और पृथ्वी प परमेश्वर का राज्य स्थापित हो सके?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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जिस प्रकार से अंधकार में ज्योति का प्रकाश, ठीक उसी प्रकार से नया नियम इस पापमय संसार में आशा प्रदान करता है।अपने बलिदान रूपी मृत्यु के माध्यम से, हर एक विश्वास और चुनाव करने वाले जन को - मसीह पापों से छुटकारा और अपना राज्य प्रदान करते हैं।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Bella Pillai को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.bibletransforms.com/
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