परमेश्वर ने प्रगट किया- नये नियम की एक यात्रानमूना
पृथ्वी पर परमेश्वर का राज्य
मत्ती ने बताया की लम्बे समय से जिस राजा के आने की प्रतीक्षा हो रही थी,वह धरती पर अपने राज्य को विभिन्न आयामों में स्थापित कर रहा है।
धरती पर परमेश्वर का राज्य
परमेश्वर का राज्य धरती पर निम्न बातों को अनुभव नहीं कर रहा हैः
- धन सम्पत्ति का
- रोगों से मुक्ति का
- असीमित सामर्थ्य का
- रहस्यमयी अनुभवों का
पापों से प्रायश्चित किये बिना।
परमेश्वर का राज्य उन लोगों का है जोः
- मन के दीन हैं (मत्ती5:3)
- मसीह के लिए सताए गये हैं (मत्ती5:10)
- बच्चों के समान विश्वास करने वाले हैं (मत्ती18:1-10)
जो लोग पाप को पूरी तरह से दूर करने के लिए कार्यरत हैं।
मसीह के उपदेशों में परमेश्वर के राज्य के मूल्यों के बारे में बताया गये है,जो सांसारिक मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है।
राजा का अवतरण
ज्योतिषी,राजा हेरोदस,और कुछ चरवाहे,कुछ भले पुरूष और स्त्रियां जान गये थे कि यीशु ही मसीह हैं।
लेकिन बाकि के यहूदी यशायाह6:10में यशायाह द्वारा की गयी भविष्यद्वाणी से पूरी तरह से अनजान थे।
राज्य के लोग
यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का परिचय हमारे सामने एक ऐसे जन के रूप में किया गया है जो (अध्याय3):
- जो न्यूनतम आवश्यक वस्तुओं का इस्तेमाल करता है
- जो निर्भीक और“जगलं में पुराने वाले की एक”सच्ची आवाज है जो यीशु के आगमन की घोषणा कर रहा है।
- जो एक शहीद की मौत मरता है।
मसीह के चेले वे लोग हैं जो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के समान सकेंन्द्रित और त्यागपूर्ण जीवन जीने और आज्ञापालन करने का चुनाव करते हैं।
राज्य की लड़ाई
मसीह की परीक्षाओं में (मत्ती4:1-11)अधिकतर लड़ाई का ज़िक्र किया गया हैः
- संसार में - बाहरी ताकतें शैतान के विरोध संघर्ष करती हैं
- हमारे जीवन में - भीतरी शक्तियां देह के विरोध में लड़ाई लड़ती है।
झूठे भविष्यद्वक्ता धोखा देने के लिए शैतान के हथियार के रूप में कार्य करते हैं (मत्ती24:5,11,24,मत्ती7:15)। यह लड़ाई चलती रहती है।
राजा छुड़ाता और जीतता है- मत्ती 26-28
परमेश्वर के राज्य को लाने के लिए मसीह को दर्दनाक मृत्यु में अपना निर्दोष लहू बहाना पड़ा। जिससे हम संसार (संसार के राज्य में) में आत्मिक छुटकारा और आने वाले संसार (अनंत राज्य में) में सम्पूर्ण छुटकारा पाते हैं।
राजा का वापस आता है - मत्ती24
इसके अलावा पृथ्वी पर कलह और अव्यवस्था व चिन्ह मसीह के दूसरे आगमन की ओर इंगित कर रहे हैं जिसमें निम्न बातें शामिल हैंः
- मसीह विरोधी का आना और यहूदी मन्दिर में घृणित बातों को स्थापित करना।
- सूर्य और चन्द्रमा अंधियारे हो गये हैं,तारागण गिर रहे हैं और आसमान की शक्तियां हिलाई जा रही हैं।
मसीह का दूसरा आगमन सबको दिखाई देगा और उस समय पर सिद्ध राज्य और नये आकाश और नई धरती की घोषणा करने के लिए एक तुरही फूंकी जाएंगी।
राजा के आदेश – अध्याय28
यीशु के चेलों के रूप में चुने गये लोगों के लिए उसके अन्तिम वचन निम्नलिखित हैंः
- स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।
- इसलिए सारे संसार में जाओ
- चेले बनाओ
- बपतिस्मा दो
- उन्हें मेरी आज्ञाएं मानना सिखाओ
- मैं जगत के अन्त तक तुम्हारे साथ मे हूं
मत्ती28:18-20
यदि हमने अभी तक मसीह को उद्धारकर्ता के रूप में नहीं चुना है तो,यह अवसर हमारे लिए बहुत अधिक समय तक प्रतीक्षा नहीं करेगा। लेकिन यदि हमने उसे चुन लिया है तो,हम दूसरों के लिए परमेश्वर के राज्य को खोलने के लिए किस तरह से उसके आदेश का व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
जिस प्रकार से अंधकार में ज्योति का प्रकाश, ठीक उसी प्रकार से नया नियम इस पापमय संसार में आशा प्रदान करता है।अपने बलिदान रूपी मृत्यु के माध्यम से, हर एक विश्वास और चुनाव करने वाले जन को - मसीह पापों से छुटकारा और अपना राज्य प्रदान करते हैं।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Bella Pillai को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.bibletransforms.com/