एक चौथा दिन मनुष्य: मृत्यु में आशा नमूना

एक चौथा दिन मनुष्य: मृत्यु में आशा

दिन 7 का 7

तीसरी मूठभेड़लाज़रकी बहन मरियम के साथ है। मरियम ने मार्थाकी आपत्ति को दोहराया:

जब मरियम वहाँ पहुँची जहाँ यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पाँवों पर गिर पड़ी और कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” (यूहन्ना 11:32)

जब यीशु मरियम को रोते हुए देखते हैं, तो वह अंदर से दुखी हो जाते हैं। यूहन्ना 11 मेंहमबाइबल के सबसे छोटे वचन को पाते हैं:

यीशु रोया। (यूहन्ना 11:35)

वह गुस्से, दुख, और सहानुभूति में रो रहे हैं। तीनों मूठभेड़ोंमें यीशु इस बात का संकेत दे रहे थे कि क्या होने वाला है। अब यीशु उन्हें दिखाएँगेकि मृत्यु का उसका शत्रु होने का क्या अर्थ है। वह कब्र में आते हैं:

यीशु ने कहा, “पत्थर हटाओ।” उस मरे हुए की बहिन मार्था उससे कहने लगी, “हे प्रभु, उसमें से अब तो दुर्गंध आती है, क्योंकि उसे मरे चार दिन हो चुके हैं।” (यूहन्ना 11:39)

यूनानी में, शाब्दिक रूप में लाज़रको “एक चौथे दिनका मनुष्य” कहा गया है। वह बिलकुल मर चुका है। लेकिन यीशु को फर्क नहीं पड़ा:

यीशु ने उससे कहा, “क्या मैं ने तुझ से नहीं कहा था कि यदि तू विश्‍वास करेगी, तो परमेश्‍वर की महिमा को देखेगी।” यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, “हे लाज़र, निकल आ!”जो मर गया था वह कफन से हाथ पाँव बँधे हुए निकल आया, और उसका मुँह अँगोछे से लिपटा हुआ था। यीशु ने उनसे कहा, “उसे खोल दो और जाने दो।” (यूहन्ना 11:40-44)

मृत्युयीशु के लिए पहेली नहीं है। और यह हमारे लिए भी पहेली नहीं होना चाहिए। अनंतकाल के दृष्टिकोण से मृत्यु केवल यीशु का शत्रु है, जिसे पराजित किया जाना है। वह पुनरुत्थान और जीवन हैं।

क्रूस पर किये गए मसीह के कामों के कारण,मृत्यु केवल एक हल्की बात बनकर रह गयी है। यीशु पर विश्वास करके,आप आत्मिक मृत्यु से बच जाते हैं।क्योंकि वह पुनरुत्थान है, इसलिए आप शारीरिक मृत्यु पर विजय पा सकते हैं।उसके जीवन होने के कारण, आप अनंत मृत्यु से बच सकते हैं।

यूहन्ना 11 लिखागयाताकिआपविश्वासकरे कि यीशु परमेश्वर का पुत्र मसीह है। क्या आपने यीशु के नाम में जीवन और आशा को पाया हैं?

डॉ. रमेश रिचर्डकी सेवकाई के बारे में और जानकारी के लिए : https://rreach.org .पर जाएँ।

पवित्र शास्त्र

दिन 6

इस योजना के बारें में

एक चौथा दिन मनुष्य: मृत्यु में आशा

RREACH के अध्यक्ष और डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के प्रोफेसर डॉ. रमेश रिचर्ड के साथ सात दिन बिताएं, वह हमें पासबान के नज़रिए से मृत्यु कि वास्तविकता के बारे में बताएंगे। हम में से प्रत्येक जन निश्चित तौर पर मृत्यु का सामना करेगा, लेकिन एक मसीही कि मसीह में आशा है- जो कोई उसमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी न मरेगा। क्या आप विश्वास करते हैं?

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/