एक साशय जीवन का निर्माण करनाः अभी प्रारम्भ करें। नमूना
जीवन के उद्देश्य में तीन प्रमुख घटक निहित होते हैंः जुनून, नियोग तथा दर्शन। आपका जुनून आपके जीवन की बुनियाद है। यह दर्शाता है कि आपका मन किन बातों पर लगा हुआ है;अर्थात जो आपको घेरे रहता, सशक्त बनाता और जो आपको छुड़ाता है। यह आपके मन का प्रमुख केन्द्र है। यह ही आपका बुनियादी उद्देश्य है।
इस इमारत को बनाने की प्रक्रिया में, आपका नियोग आपके जीवन का भूतल है। यह दर्शाता है कि आपको कौन सा कार्य बार-बार, जिम्मेदारी के साथ तथा जीवन में नियमित तौर पर करना चाहिए। यह आपके परवर्ती उद्देश्य का वहन करता है।
आपका दर्शन आपके जीवन की अधिरचना है। यह दर्शाता है कि आप इस संसार में क्या प्रभाव डालने, भिन्न कार्य व परिवर्तन करने जा रहे हैं। यह आपकी महत्वपूर्ण जीवन शैली है। यह आपके सर्वोच्च उद्देश्य में आपके अनोखे उद्देश्य को पहचानता है।
ये भिन्नताएं एक निश्चित क्रम में काम करती हैं। उदाहरण के तौर पर,यदि आप अपने नियोग को अपनी बुनियाद बनाते हैं, तो आप छिछले और अस्थिर होगें। आपको अपने जीवन को विवश करने वाला उद्देश्य प्रदान करने के लिए तीनों घटकों की,सही क्रम में आवश्यकता है।
अपने आप से पूछेंः
- मुझे प्रेम, भरोसे और सार्म्थ्य की क्यों आवश्यकता है(जुनून)
- मेरी प्रतिदिन की ज़िम्मेदारियां क्या हैं? (नियोग)
- मैं व्यक्तिगत तौर पर इस चोटिल संसार की किस तरह सेवा कर सकता हूँ?(दर्शन)
एक उद्देश्यपूर्ण, सार्थक,अभिप्रेत जीवन आपके हृदय की दशा, आपके प्राण की ज़रूरत,और एक सर्वश्रेष्ठ वस्तु-अर्थात एकमात्र मसीह के द्वारा आपके मन के भरे होने को दर्शाता है।
डॉ.रमेशरिचर्ड की सेवकाई बारे में अधिक जानकारी के लिएhttps://rreach.org/ .पर जाए।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
चार दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH (वैश्विक स्तर पर सुसमाचार सुनाने वाली सेवकाई) के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, और एक साशय, सार्थक और लाभदायक जीवन पर एक पासबान के दृष्टिकोण को रखेंगें। आपके पास अभी प्रारम्भ करके, एक मूल्यवान भविष्य बनाने का अद्भुत और तत्कालीन अवसर है। आप सहभागी योजना, "यीशुः आपके प्राण की एकमात्र लालसा" का भी आनन्द उठा सकते हैं।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/