भीतरी और बाहरी चंगाईनमूना
यीशु महान वैद्य
सुसमाचार में लिखी बातों में,बहुत सी मर्मस्पर्शी बातें हैं यीशु की चंगाई की सेवकाई के सम्बन्ध में लिखी गयी हैं।
उसने लोगों को कुछ समय के लिए चंगा नहीं किया था। उसने लोगों को सदा सर्वदा के लिए परिवर्तित कर दिया था। उनके पास शैतानी क्षेत्र पर सम्पूर्ण अधिकार था और उन्होंने कभी दुष्टात्माओं को बोलने की आज्ञा नहीं दी।
उन्होंने बीमारों पर अपने दिल की गहराई से तरस खाया और उन्हें चंगा किया।
बीमारों और दुःखी लोगों के लिए तरस यीशु की अपनी पहिचान से उत्पन्न होता था। सभी प्राणियों का सृजनहार होने के नाते,वह अपने द्वारा सृजे गये लोगों को स्वस्थ्य और चंगा देखना चाहते थे।
यीशु लोगों को अनन्त जीवन प्रदान करने के लिए तो आए ही थे लेकिन वह चाहते थे कि वे इस धरती पर अपनी पूर्ण क्षमता में जीवन व्यतीत कर सकें। सृष्टिकर्ता यह देखना चाहते थे कि उनकी रचना बहाल हो तथा उन्हें परमेश्वर के राज्य को इस धरती पर लाने के लिए जिन भी कार्यों को करने की जरूरत हो, वे उन कार्यों को कर सकें।
देहधारी यीशु पवित्र आत्मा से भरे हुए थे और उनके अन्दर से परमेश्वर की सामर्थ्य का प्रवाह नियमित तौर पर होता रहता था। यह सामर्थ्य,बीमारों को चंगा,टूटे हृदयों को बहाल और बंदियों को स्वतन्त्र किया करती थी। वह वास्तव सर्वश्रेष्ठ वैद्य थे ।
इस योजना के बारें में
हमें सम्भवतः इस विषय पर सारी बातों की जानकारी न हो, लेकिन हम जानते हैं कि यीशु की ज़मीनी सेवकाई के बड़े भाग में चंगाई शामिल थी। मेरी प्रार्थना है कि जब आप इस बाइबल योजना को पढ़ें, तो आप चंगाई की गहराई और सम्पूर्णता को प्राप्त कर सकें। अर्थात ऐसी चंगाई जो एक निपुण चिकित्सक ही प्रदान कर सकता है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए क्रिस्टीन जयकरन को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.instagram.com/christinegershom/