BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन नमूना

BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

दिन 3 का 28

आशावाद यह देखने का निर्णय लेता है की कैसे सभी परिस्थितियां भलाई उत्पन्न करने की संभावना रखती हैं| पर, बाइबिल की आशा परिस्थितियों पर आश्रित नहीं है| बल्कि बाइबिल में तो आशावादी लोग अनेक बार कठिन समय का सामना करते हुए भी आशा को ही चुनते हैं, जबकी ऐसा कोई प्रमाण नहीं है की परिस्थितियाँ कभी बेहतर भी होंगी| उद्धारण के रूप में, इस्राएल का भविष्यद्वक्ता मीका अन्याय और दुष्टता के बीच में रहते हुए भी, आशा के लिए, परमेश्वर की ओर देखता है|  


पढ़ें: मीका ७:६-८ 


चिंतन करें: ६ पद में, मीका द्वारा दी गयी कुछ विपत्तियों की सूची पर ध्यान दें और ७ और ८ पदों में देखें की वह कैसे इनका सामना करता है| आपके चारों ओर आज किस प्रकार की समस्याएँ हैं? मीका का प्रतिउत्तर, आज आपको कैसे प्रोत्साहित करता या चुनौती देता है? 


मीका की प्रार्थना को परमेश्वर के सामने दोहराने के लिए, एक क्षण लीजिये| वह आपकी सुनता है|

पवित्र शास्त्र

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन

बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए BibleProject को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://bibleproject.com