केवल यीशुनमूना

केवल यीशु

दिन 8 का 9

केवल यीशु- सिद्ध बलिदान  

एक ऐसे समय में जीवन व्यतीत करने की कल्पना करें जब आप स्वयं परमेश्वर की उपस्थिति में सीधे प्रवेष न कर सकें और आपको एक महायाजक के माध्यम से जाना पड़ता हो जो आपके लिए मध्यस्थता करता है। 

क्या होता होगा जब आपका परमेश्वर आग और बादल के खम्बे के बीच में विद्यमान रहता हो, और जब वह अपने चुने हुए नबियों से बात करने के लिए उतरता हो तो बिजली कड़कती हो धरती कांप जाती हो। 

मूसा उन्हीं लोगों में से एक था जिसने परमेश्वर से आमने सामने होकर बातें की और उसका जीवन परिवर्तित हो गया। उसके बाद परमेश्वर ने मूसा को हारून और उसके पुत्रों का याजक होने के लिए अभिषेक करने की जिम्मेदारी सौंपी ताकि वे उसकी व्यवस्था को लिखें,और उसका प्रचार करें। व्यवस्था में निर्देष दिये गये थे कि इस्राएली किस प्रकार से बेहतर ढंग से परमेश्वर की सेवा कर सकते व उसे सम्पूर्ण हृदय से उसे प्रेम कर सकते हैं। और केवल इतना ही नहीं, उस में विभिन्न उपलक्ष्यों पर चढ़ाई जाने वाली भेटों के बारे में भी लिखा हुआ था। इन बलियों को अन्नबलि,मेलबलि, पापबलि, होमबलि के नाम से जाना जाता है और जिन्हें प्रायश्चित करने तथा उन्हें देने वाले लोगों के पुनः प्रत्यर्पण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मैं उम्मीद करता हूं कि एक वर्ष के भीतर इन सारी बलियों का हिसाब रखना और उन्हें देना निश्चय ही कठिन और अति परिश्रम से भरा काम होता होगा। और जैसा कि अपेक्षा की जा सकती है कि लोग अपने हिस्से का कार्य पूरा नहीं कर पाने की वजह से लोग अपने परमेश्वर को त्यागकर दूसरे धर्मों की ओर जाने लगे और मूर्तिपूजा को अपनाने लगे। 

ऐसा प्रतीत होता था कि मनुष्य चाहे कितना भी प्रयास कर ले वह कभी परमेश्वर की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सकता। इसीलिए यीशु को इस धरती पर मनुष्यों के पापों के लिए सिद्ध बलिदान के रूप में भेजा गया। वह परमेश्वर का निष्पाप मेम्ना था जो हम सब के गुनाहों को अपने ऊपर उठा ले गया और उसके लहू बहाने के द्वारा हमें हमेशा  के लिए पापों से प्रायश्चित व छुटकारा प्राप्त हुआ। अपने बच्चों को बचाने के लिए प्रेमी पिता की ओर से दिया गया यह सबसे सुन्दर और बहुमूल्य विकल्प था । वर्तमान में जब भी हम प्रभु भोज को स्वीकार करते हैं हम याद करते हैं हमें उद्धार का उपहार प्रदान करने के लिए यीशु की देह को तोड़ा गया और उसका लहू बहाया गया था। और इस मुफ्त उपहार को प्राप्त करने के लिए  हमारे सामने केवल एक ही शर्त रखी गयी है कि हम परमेश्वर के सामने पश्चातापी मन के साथ आएं। बिना पश्चाताप के, क्षमा का कोई मूल्य नहीं रह जाता। बिना पश्चाताप के, उद्धार की अहमियत खत्म हो जाती है। परमेश्वर आज भी उतना ही पवित्र है जितना कि वह मूसा और हारून के समय में हुआ करता था। वह सारे आदर, सारी स्तुति और सारी महिमा के योग्य परमेश्वर है। वह आज भी भययोग्य और अति महाप्रतापी परमेश्वर है। उसकी महानता और उसकी सामर्थ को किसी शब्द के द्वारा बयान नहीं किया जा सकता । बाइबल कहती है कि जब हम अपने पापों का अंगीकार करते हैं तो वह हमारे अपराधों को क्षमा करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है ।यीशु का बलिदान केवल हमें शुद्ध नहीं करता वरन वह हमारे रिश्ते को बहाल भी करता है। उसने परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते को बहाल कर दिया है क्योंकि अब हम परमेश्वर के पास सीधे जा सकते हैं और उसने हर एक विश्वास करने वाले के लिए अनन्त जीवन की आशा  को भी बहाल कर दिया है। 

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आपने मेरी जगह पर मरने के लिए अपने पु़त्र को भेज दिया। मेरे प्रति आपके इस अद्भुत प्रेम के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं। मैं अपने पापों से पश्चाताप करता हूं और आप से प्रार्थना करता हूं कि जाने अनजाने में मैं ने जितने भी ऐसे काम किये हैं जिससे आपको चोट पहुंची है उसके लिए मुझे क्षमा करें। मेरे भीतर नई आत्मा को उत्पन्न करें और अनन्त मार्ग में मेरी अगुवाई करें। यीशुके नाम में, आमीन। 

दिन 7दिन 9

इस योजना के बारें में

केवल यीशु

इस दुविधाजनक समय में मसीह को और गहराई से जानने और इस अनिश्चित समय में भय से बढ़कर भरोसा करने का चुनाव करें। हम विश्वास करते हैं जब आप इस योजनाबद्ध अध्ययन का अनुपालन करेगें तो आप भविष्य में एक नये आत्म विश्वास के साथ प्रवेष करेगें, फिर चाहे रोज़मर्रा की परिस्थितियां जैसी भी हों।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.wearezion.in