केवल यीशुनमूना

केवल यीशु

दिन 4 का 9

केवल यीशु- आश्चर्य कर्म करने वाला।  

यीशु परमेश्वर का पुत्र था। वरन वह देहधारण किया हुआ परमेश्वर था जिसने अपने आपको अद्भुत रूप से प्रगट किया और जिसके तहत उसने लोगों को चंगा किया, बहाल किया और मुर्दों को जीवित किया। हम निश्चय तौर पर कह सकते हैं कि वह कोई साधारण गुरू नहीं था। 

यूहन्ना 21: 25 में लिखा हुआ है  और भी बहुत से काम हैं, “जो यीशु ने किए; यदि वे एक एक करके लिखे जाते, ते मैं समझता हूं, कि पुस्तकें जो लिखी जातीं वे वे जगत में भी न समातीं। ”

आज के अनुच्छेदों में हम ने यीशु द्वारा प्रगट किये गये तीन आश्चर्य कर्मों को देखा। मत्ती 8 अध्याय का 1से 4 पद में, यीशु की मुलाकात एक कोढ़ी से हुई जो यीशु से बात करते समय उसे “प्रभु” कहकर सम्बोधित करता है। यह बहुत जरूरी है कि हम अपने जीवन में चमत्कारों का अनुभव करने के लिए पहले प्रभुओं के प्रभु को स्वीकार करें । कई बार हम अपनी चंगाई का श्रेय पूरी तरह से अपने सामान्य ज्ञान, वैद्य की मदद या दवाईयों के कारनामों को दे देते हैं। जबकि ये कार्य सभी परमेश्वर की भलाई और हमारे प्रति परमेश्वर की देखरेख प्रगट करने के माध्यम हैं, हमें  केवल यीशु की प्रभुता के कारण ही , चंगाई प्राप्त हुई है । 

मत्ती 8 अध्याय पद 5 से 13 में,यीशु की मुलाकात एक रोमी सूबेदार  से होती है जिसका दास बहुत बीमार था। जब यीशु उससे कहते हैं कि वह स्वयं आकर उसके दास को चंगा करेगें, तब वह सूबेदार कहता है कि वह केवल अपना शब्द ही भेज दे और उसका दास चंगा हो जाएगा। वह सूबेदार ठीक ढंग से समझ गया कि यीशु के पास चंगा करने का सारा अधिकार है और उसके द्वारा कहा गया एक शब्द उसके दास को चंगा करने के लिए काफी होगा। उसे यीशु के अधिकार पर इतना विश्वास इसलिए था क्योंकि वह विश्वास करता था कि स्वयं परमेश्वर ने यीशु में होकर मानव रूप धारण किया है। तो जागृति या बेदारी के लिए कुंजी क्या हैः साधारण विश्वास के साथ यीशुके अधिकार को पूर्णतः स्वीकार करना। 

लूका 5 में, हम एक अविश्वसनीय उल्लेख पाते हैं जिसमें एक झोले के  मारे हुए को उसके मित्र यीशु के पास चंगा करने के लिए लाते हैं, लेकिन घर लोगों से भरा होने के कारण उन्हें उस बीमार को यीशु के पास ले जाने का रास्ता नहीं मिला । उसके बाद वे योजना बनाते हैं और घर की छत को उघाड़ कर अपने दोस्त को यीशु के सामने उतार देते हैं, ताकि यीशु उसे देख सकें। यह एक शक्तिशाली कहानी है जो बताती है कि विश्वास करने वाले समुदाय का विश्वास क्या कर सकता है। पद 20 में लिखा है कि, जब यीशु ने उस बीमार के दोस्तों के विश्वास को देखा, तो उसने उस व्यक्ति को चंगा कर दिया। विश्वासियों के विश्वास में धनी होने पर और जब वे दृढ़ता के साथ जागृति या बदलाव के लिए प्रभु में बने रहते हैं तो चमत्कार होते हैं। स्वीकार करें कि यीशु ही प्रभु है, कि उसके पास सारे अधिकार हैं और उसी पर सम्पूर्णतः विश्वास करने से चमत्कार का माहौल तैयार होता है। 

प्रार्थनाः प्रिय प्रभु, मैं आपकी शक्ति और सामर्थ का आभारी हूं। मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मैं नये तरीके से अपने जीवन में आपका अनुभव करने पाऊं और आप मेरे जीवन में ऐसे चमत्कार करते रहे जिसे दूसरे लोग देखें और उन्हें देखकर आपकी महिमा करें ।यीशु के नाम में, आमीन। 

पवित्र शास्त्र

दिन 3दिन 5

इस योजना के बारें में

केवल यीशु

इस दुविधाजनक समय में मसीह को और गहराई से जानने और इस अनिश्चित समय में भय से बढ़कर भरोसा करने का चुनाव करें। हम विश्वास करते हैं जब आप इस योजनाबद्ध अध्ययन का अनुपालन करेगें तो आप भविष्य में एक नये आत्म विश्वास के साथ प्रवेष करेगें, फिर चाहे रोज़मर्रा की परिस्थितियां जैसी भी हों।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.wearezion.in