गलत सोच से हटते हुए उपवास करनानमूना

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

दिन 14 का 40

दिन 14

“मैं तो बस ऐसा ही हूँ।”

आज हम उस दवचार से हटने का उपवास कर रहे हैं जो कहता है: “्ैं तो बस ऐसा ही हूँ।”

जो बातें हमें सीदमत करती और परादजत रखती है, उन में से एक है हमारी अपने बारे सोच। समय के सार, हम अपने को एक ऐसे रूप में सवीकार लेते हैं जो दक परमेश्वर का दनयोदजत नहीं होता। हम अपने बारे में अनय लोगों के दवचारों को भी सवीकार करते हैं: “वह रमषीला है"; “वह सवयं में ही मगन रहती है"; “वह बस बातें ही कर सकता है"; “वह बेवकू ि है"

हम अक्सर उन दवचारों और अपेषिाओं के अनुसार जीवन यापन करते हैं जो अनय लोगों की हमारे दलए है, क्योंदक उनहोंने हमें इसके अनुकू ल बना दिया है। इसदलए   

आइए आज हम इसे बिलें

1. आप कलात्क रिना हैं – ऐसी जो प्रगडतशील है। परमेश्वर कु महार है और हम दमट्ी हैं (दयम्तयाह 18:1-6)। परमेश्वर आप पर काय्त करता है तादक आपको वह वही बनाए जो वह चाहता है। महान कृ दत बनाने के दलए कलाकार पर भरोसा करें। सवयं को लचीला और अनुकू ल बनाए रखें। सवयं को प्रगदत के एक अचछरे काय्त के रूप में िेखें।

2. अपनरे सव्यं (्या अन्य लोगों) करे डनण्त्य को रोकें । दिदलदपपयों 1:6 कहता है, “मुझे इस बात का भरोसा है दक दजसने तुम में अचछा काम आरमभ दकया है, वही उसे यीरु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।” इस बात का पूवा्तनुमान न लगाएं दक आपकी योगयता क्या है या आपकी षिमता क्या है। उसने तो अभी आरमभ ही दकया है!

3. पर्रेश्वर आपको बाहर नहीं फें कता। वह ह्ाररे ऊपर अपनी आशा को कभी नहीं त्यागता। दयम्तयाह 18:4 कहता है, ‘’जो दमट्ी का बत्तन वह बना रहा रा वह दबगड़ गया, तब उसने उसी का िूसरा बत्तन अपनी समझ के अनुसार बना दिया।’’ उसने इसे िें का नहीं। उसने उसे दिर से बनाया। परमेश्वर का िनयवाि करें! वह आपको दिर से बना रहा है!

4. जब आप इसरे पढ़ रहरे हैं तब आप बदल रहरे हैं! आपकी जो भी कदमयाँ हैं, व अंत नहीं हैं। आप अब यीरु के सवरूप में बिल रहे हैं!

5. अनुग्ह को अपना लें! पौलुस ने 1 कु ररदनरयों 15:10 में कहा, “परनतु ्ैं जो कु छ भी हूँ, ्ैं परमेश्वर के अनुग्ह से हूँ।” यह परमेश्वर का अनुग्ह आप ्ें है दक वह आपको वही बना रहा है जो आप हैं। आप अपने माता-दपता की गलदतयों, अपनी गलदतयों, या आपके बारे में िूसरों के दवचारों का एक दमश्ण नहीं हैं। आप अद्ुत हैं! आप परमेश्वर के अनुग्ह का एक काय्त हैं।

6. एक और दृडष्टकोण को लें! बाइबल एक ऐसा िप्तण है जो यह िरा्तता है दक परमेश्वर और आप वासतव में कै से दिखते हैं! हम वह सब कु छ है, जो परमेश्वर कहता है दक हम हैं। जैसा यीरु इस संसार में है, वैसरे ही हम भी हैं! –1 यूहनना 4:17  आप ऐसे हैं!

इसे सोचें और इसे कहें

मैं बढने और बिलने की अपनी असीदमत षिमता में हूँ। परमेश्वर कु महार हैं और मैं दमट्ी हूँ। मैं वही हूँ जो परमेश्वर कहता है दक मैं हूँ। उसने मुझमें एक अचछा काय्त आरमभ दकया है, और वही इसे पूरा करेगा। वह मुझे एक कु छ अचछा बना रहा है। मैं उसके हार की कारीगरी हूँ- उसकी कलाकृ दत हूँ। वह इस काय्त में अचछा है और एक लमबे समय स इसे कर रहा है! मैं अपनी कमजोररयों और अतीत की सीमाओं के बनिन में नहीं हूँ। वे मुझे पररभादषत नहीं करते हैं। प्रतयेक दिन और प्रतयेक पल जो बीत रहा है, वह मुझे अदिकादिक यीरु के जैसा बना रहा है!

दिन 13दिन 15

इस योजना के बारें में

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

यह भोजन से "तेज" नहीं है, यह 40 नकारात्मक विचारों से उपवास है जो आपको संकट, चिंता, उदासी, दर्द, अवसाद और चोट पहुंचा रहे हैं - और वे विचार जो आपको मार रहे हैं - और आपको वास्तविक अनुभव करने से रोक रखा है यीशु। हजारों लोगों ने गलत सोच से उपवास का अनुभव किया है। यह आपके जीवन को बदल देगा।

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए ग्रेगरी डिको मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://gregorydickow.com