नमकीन और चमकदार नमूना
धन्य हैं वे जो नम्र हैं कमज़ोर नहीं
नम्र या विनम्र वे हैं जिनके पास अधिकार या पद है, लेकिन वे अपने जीवन के लिए पूर्ण रूप से परमेश्वर की इच्छा के प्रति समर्पित हैं, इसलिए वे अपने अधिकार का दिखावा नहीं करते। यीशु नम्रता का प्रमुख उदाहरण थे क्योंकि उन्होंने शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार, ताने और तानाशाही, नामधराई और तिरस्कार को सहा जबकि वह अपनी सहायता के लिए अपने एक शब्द से स्वर्गदूतों की कुछ पलटनों को बुला सकते थे। यीशु ने कहा कि नम्र व्यक्ति पृथ्वी के अधिकारी होंगे जो आज की दुनिया में विचित्र जान पड़ता है जहाँ यह ऐसा लगता है कि मानो यह अति महत्वाकाशी और उस व्यक्ति के समान है जिसे अपने आस पास कि जगह विरासत में मिली हो। नम्रता के लिए शास्त्रीय यूनानी शब्द ‘‘प्राउस” है जो कि युद्ध के घोड़ों का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इन घोड़ो को सेना में सेवा करने के उदेश्य से पैदा व तैयार किया जाता था इसलिए वे हमेशा लड़ाई के लिए तैयार थे और बहुत शक्तिशाली होते थे। इस ताकत के अलावा वे उच्च प्रशिक्षित और बेहद आज्ञाकारी थे। इसलिए नम्रताका साधारण अनुवाद ‘‘नियंत्रण में सामर्थ्य” होगा।
हममें से प्रत्येक जो प्रभु यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप जानते हैं, हमारे अंदर मसीह की पुनरूत्थान की सामथ्र्य है, लेकिन हमें वास्तव में नम्र होने के लिए पूर्ण रूप से उनके प्रति आज्ञाकारी होना चाहिए। यह जानने की स्थिति कि हम किसके हैं और हम मसीह में कौन हैं, हमें आत्मविश्वास से नम्र और परमेश्वर के परिणाम पर भरोसा करने की क्षमता प्रदान करता है। नम्रता कमजोरी नहीं है, वे धनी हैं क्योंकि उनका पिता उन्हें मिरास में यह पृथ्वी देता है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
मसीही यात्रा अपने आप में पहाड़ों के शीर्ष दृश्यों और घाटी के गहरे मौसम के साथ विभिन्न अनुभवों में से एक है। चाहे हम जीवन के किसी भी मौसम में हों, हमें अपने आस पास के लोगों पर एक छाप छोड़ने में सक्षम होना चाहिए ताकि वे यीशु का अनुभव करें या कम से कम यह जानने के लिए उत्सुक हों कि हम में क्या अलग है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.wearezion.in