नमकीन और चमकदार नमूना
नमकीन और चमकदार
क्यों इस धन्य वचन में यीशु द्वारा लोगों पर पृथ्वी का नमक और जगत की ज्योति होने के लिए ज़ोर डाला गया? क्या वह खुद जगत की ज्योति नहीं? वह हमसे क्या अपेक्षा करते हैं?
यीशु ने धन्य वचन पर अपनी शिक्षा का इस प्रोत्साहन के साथ इसलिए समाप्त किया क्योंकि हमारा मसीही जीवन पृथक नहीं है और न ही यह प्रतिज्ञा किया गया धन्य जीवन हमारे स्वयं के लिए है। हम इसलिए आशीषित हैं ताकि हम दूसरों के लिए आशीष बनें। नमक और ज्योति बनने के द्वारा ही हम ऐसा कर सकते हैं। नमक और ज्योति दोनों ही हमारे अस्तित्व के महत्वूर्ण भाग हैं, लेकिन अंतर केवल इतना है कि एक अदृष्य है और दूसरा प्रत्यक्ष दिखाई देता है। वर्तमान में आप जिस मौसम में है, उसके आधार पर आप या तो नमक हैं या ज्योति। वर्तमान काल की माताएं जिन्हें काम के चलते सोने को नहीं मिलता और जिनके सामने रखा कपड़ों को ढेर खत्म होने का नाम नहीं लेता उन्हें सम्भवतः परमेश्वर की सेवा करने के लिए मौका या मंच नहीं मिल पाता। वे अपने घरों में रहकर अपनी स्थिर सेवा और निर्भरता के साथ अपने पति और बच्चों के जीवन को स्पर्श करती हैं। यदि यह नमकीन होना नहीं है, तो मुझे नहीं पता क्या है। ऊँचे दर्जे वाले सी. ई. ओ या उद्योगपतियों के पास दूसरों को ज्योति की किरण देने के लिए या उन्हें आदर्श मानने वाले लोगों या उनके साथ काम करने वालों को प्रभावित करने के लिए तैयार मंच या दृष्यता हो सकती है। वह वहां ज्योति प्रदान करते हैं। यह उदाहरण बहुत हैं लेकिन आपको अंदाजा मिल गया। आप नमक और ज्योति दोनों हैं। हो सकता है कि फेसबुक पर आपके हजारों अनुयायी न हों, लेकिन कुछ लोग जो आपका अनुसरण करते हैं, आप उनके लिए अपने आप में परमेश्वर द्वारा निर्मित तरीके से एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। हो सकता है कि आप बोलने में अच्छे न हों, लेकिन आप दयालु हो सकते हैं जो हजारों शब्द कहता है। क्या आप भीड़ में स्वयं को अनदेखा महसूस करते हैं? तो क्यों न आप अपने समान उन लोगों से बातें करें जो आपके समान ही अनदेखा महसूस करते हैं और उन्हें प्रेम और विशेष महसूस कराएं? क्या आप अपने सामाजिक दायरे में लोकप्रिय हैं? तो आप इसका प्रयोग और अधिक भलाई के लिए क्यों नहीं करते?
मजे़ कि बात यह है, जबकि जीवन अप्रत्याशित है, हमारे मौसम बदले हैं, और हमारे मंच बंद हो सकते हैं या हमारी दृष्यता फीकी पड़ जाती है, मसीह के अनुयायी होने के नाते हमारा प्रभाव कभी कम नहीं होता। हम जिस संसार में रहते हैं उसके लिए आवश्यक हैं। जिस प्रकार नमक के बिना भोजन स्वाद रहित होता है और प्रकाश के बिना कमरा अंधेरा होता है, उसी तरह हम प्रभाव डालने के लिए बनाए गए है! आप मायने रखते हैं!
जब आप पिछले 10 दिनों में पढ़ी शिक्षाओं में बने रहते हैं, तो परमेश्वर से माँगे कि वह आपको आपका उद्देश्य दिखाए। परमेश्वर से पूछें कि आप क्यों बनाए गए हैं और आप दूसरों को किस प्रकार आशीषित कर सकते हैं कि यह उन पर स्थाई प्रभाव डाले?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
मसीही यात्रा अपने आप में पहाड़ों के शीर्ष दृश्यों और घाटी के गहरे मौसम के साथ विभिन्न अनुभवों में से एक है। चाहे हम जीवन के किसी भी मौसम में हों, हमें अपने आस पास के लोगों पर एक छाप छोड़ने में सक्षम होना चाहिए ताकि वे यीशु का अनुभव करें या कम से कम यह जानने के लिए उत्सुक हों कि हम में क्या अलग है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए We Are Zion को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.wearezion.in