प्रमुदित और उज्ज्वल: हर रोज़ बड़ा दिन मनाते हुएनमूना
यह एक अद्भुत ज़िन्दगी है
“बड़े दिन के बारे में मेरा ख्याल चाहे पुराने ज़माने का हो या आधुनिक, बहुत सरल है: दूसरों को प्यार करना।" — बोब होप
बड़े दिन के कार्ड भेजना, एक सामान्य परंपरा है, जिसमें हर साल के आखिरी महीने के दौरान लोग भाग लेते हैं। बड़े दिन के कार्ड की शुरुआत १८४० के दशक में सर हेनरी कोल द्वारा की गई थी और असल में इसकी पैदाइश उनके घर में इकट्ठा हो रहे पत्राचार का समय से जवाब ना दे पाने के कारण हुई थी। उनको दूसरे लोग जिन्होंने उनको पत्र लिखे थे उनके प्रति ऐसा करना ठीक महसूस नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने अपने परिवार का हाल - चाल बताने के लिए एक कलाकार को काम पर रखा जिसने पहला बड़े दिन का कार्ड बनाया। जबकि कुछ ने उनकी इस समय बचत हरकत के लिए उनकी आलोचना की, कई अन्य लोगों को यह अच्छा लगा और बड़े दिन पर अपने पत्र और कार्ड भेजने शुरू कर दिए।
हमारी संस्कृति में उपकरणों और सोशल मीडिया के आगमन के साथ, कई लोगों ने वास्तविक कार्ड भेजना बन्द कर दिया है और इसके बजाय, मोबाइल पर संदेश या फ़ेसबुक आदि पर अपना हाल चाल ब्यान कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि हमें बड़े दिन पर कार्ड नहीं भेजने चाहिए। हमें ऐसा करना चाहिए अगर हमें इसमें आनंद आता है। लेकिन, क्या यह बहुत अच्छा नहीं होगा अगर हमें इसकी ज़रूरत ही ना हो? अगर हम जनवरी और अक्टूबर के बीच करीबी दोस्तों और परिवार के साथ बेहतर संपर्क रखने का प्रयास करें तो?
हम पहले से कहीं अधिक व्यस्त हैं क्योंकि हमारी ज़िंदगियों की जिम्मदारियां पहले से कहीं अधिक हैं। हम शायद मोबाइल पर एक संदेश भेज सकते हैं, लेकिन असल में डाक के द्वारा कार्ड भेजना? यह बिल्कुल बेतुका और प्राचीन है ... सही कहा?
क्या होगा अगर हम साल के हर महीने किसी को एक वास्तविक कलम और कागज से एक छोटा पत्र लिखने का प्रयास करें? क्या होगा अगर हम उससे थोड़ा आगे बढ़कर एक महीने में दोपत्र भेजने का फैसला करें? या, क्या होगा अगर हम इसे अगले स्तर पर ले जाएं और कहें, "मैं ५२ लोगों को हर साल ५२ नोट लिखने वाला हूं।" हर हफ्ते एक। यह बिल्कुल पागलपन है।
या ऐसा है?
हमें कभी नहीं पता चल सकता कि किसी के लिए इसका क्या महत्व होगा जब किसी को हमारा एक पत्र प्राप्त होता है- या तो उनके डाक में, उनके मेज़ पर, या उनकी गाड़ी की विंडशील्ड पर। किसी को एक उत्साहजनक पत्र लिखने का कोई एक तरीका नहीं है। यह किसी ऐसे दिन उन तक पहुंच सकता है जब वे आगे बढ़ने की स्तिथि में ना ही, और हमारे प्रोत्साहन के शब्दों से उन्हें उस स्थिति का सामना करने के लिए आवश्यक बल मिले।
मनन करें
- क्या आपको लगता है कि आपके जीवन में लोगों को विशिष्ट बड़े दिन कार्ड के परे आपसे एक पत्र मिलने से लाभ होगा?
- उन लोगों की सूची बनाएं जिन्हें आप पत्र भेजना चाहते हैं। योजना बनाएं की आप उन्हें यह पत्र कब देंगे और इसको पूर्ति तक पालन में लाएं।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
बड़े दिन के बारे में कुछ खास है जो हममें सर्वश्रेष्ठ को सामने लाता है। हम और ज़्यादा दयालु, और ज़्यादा उदार, और जिन को हम प्यार करते हैं उनके साथ और ज़्यादा समय बिताते हैं। पर क्या होता अगर बड़ा दिन दिसंबर में ख़तम ना होता? क्या होता अगर हम बड़ा दिन हर रोज़ मना सकते?
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