अपने समय को परमेश्वर के लिए उपयोग करना।नमूना
अपने समय को लाभकारी ढंग से उपयोग करना
मैं जब प्रारंभिक स्कूल में पढने वाला बच्चा हुआ करता था, तब लोग अक्सर मुझसे पूछते थे, 'तुम्हारा पसंदीदा विषय कौनसा है?" बेहिचक मेरा जवाब दो में से एक होता था. मैं या तो कहता,"मध्यावकाश" या "जिम/व्यायामशाला". मेरे जवाब ने मेरी गहरी पुर्वभिरुची को उजागर किया. मैंने काम की अपेक्षा खेल को वरीयता दी, मेरी नवजात दार्शनिक सोच में "क्यूँ?" वाले प्रश्न उजागर हुए जब मैं स्कूल से वापसी के लम्बे रास्ते के दौरान मैं यूँ उछल कूद करता हुआ घर आ रहा था जैसे मैं किसी सर्कस में ऊंची रस्सी पर चलने वाला हूँ
सप्ताहांत में खेलने का मौका पाने के लिए सप्ताह के बाकि ५ दिनों में मुझे वो करना पड़ता जो मैं नहीं करना चाहता था, इसी दौरान मैंने स्वयं से जीवन का अर्थ पूछा. मैं स्कूल शुरू होने के एक घंटे पहले अपने स्कूल पहुँच जाता था - अपनी पढाई में अव्वल आने के उत्साह में नहीं बल्कि इसलिए की स्कूल की घंटी बजने से पहले एक घंटे तक मैदान में खेलकर मैं प्रतिदिन के उत्पीडन को "भजा" सकूं. मेरे लिए, समय निकलना मतलब ज़रूरी काम के घंटो में से मूल्यवान खेल के समय को बचाना होता था
मुझे ये बोध हुआ की प्रेरित पौलुष ने जब अपने पाठकों को उपदेश दिया की "अवसर को बहुमूल्य समझो क्यूंकि दिन बुरे हैं" (इफिसियो 5:16), मेरी कार्यप्रणाली वैसी नहीं जैसा उसने सोचा था उसकी पद्दति परमेश्वर के राज्य के लिए किसी के समय का उपयोगी इस्तेमाल करने की एक महांन बुलाहट थी
कोरम डेओ: परमेश्वर के सम्मुख जीवन व्यतीत करना
क्या आप परमेश्वर के राज्य के लिए अपने समय का लाभकारी ढंग से इस्तेमाल करते हैं?
कॉपीराइट ©लिगोनिअर सेवकाई. आर सी स्प्राउल की अक किताब मुफ्त पाएं यहाँ पर Ligonier.org/freeresource
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
4 दिवसीय मनन R.C. Sproul के द्वारा परमेश्वर मे आपका समय बीताना हर मनन आपको बुलाता हे परमेश्वर की उपस्थिति मे, परमेश्वर के आधिकार मे, परमेश्वर की महिमा है ।
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