परमेश्वर के वचन से समय के सदुपयोग के लिए सिद्धांत।नमूना

Time Management Principles From God’s Word

दिन 6 का 6

बेझिझक न कहें

जब मरकुस अपने विवरण में यीशु की सवकाई का वर्णन करना आरंभ करते हैं, वे उद्धारकर्ता मसीह को चंगाई के दौरे पर निकला हुआ सा दर्शाते हैं, जहां वह अराधनालय में एक मनुष्य के अंदर से दुष्टात्माओं को निकालता है और पतरस की सास को कफरनहूम में उनके घर पर चंगाई प्रदान करता है। उसी दिन संध्या के समय,"लोग सब बीमारों को और उन्हें, जिनमें दुष्‍टात्माएँ थीं, यीशु के पास लाए। और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ और यीशु ने बहुतों को चंगा किया" 

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि अगले दिन भोर को चेले दौड़ते हुए यीशु के पास आते हैं व कहते हैं,"सब लोग तुझे ढूंढ़ रहे हैं!" निस्संदेह उस नगर को यीशु की चमत्कारी शक्तियों की हवा लग चुकी थी व दूसरे दिन वे पुनः प्रदर्शन की मांग कर रहे थी। परन्तु यीशु ने इंकार कर दिया। यीशु ने कहा, "आओ; हम और कहीं आसपास की बस्तियों में जाएँ, कि मैं वहाँ भी प्रचार करूँ, क्योंकि मैं इसी लिये निकला हूँ।" जिसे सुन कर चेले अवश्य ही भौचक्के रह गए होंगे।

यह पहली बार है जब हम सुसमाचारों में यीशु को "नहीं" शब्द कहते पाते हैं, परन्तु निश्चय ही यह आखिरी बार नहीं है। यीशु ने "नहीं" क्यों कहा? निस्संदेह और भी लोगों को चंगा करने की शक्ति उसके पास थी। निस्संदेह इन लोगों के जीवनों को वेदना से मुक्त करने की चाहत उसके मन में थी। जबकि यीशु और भी लोगों को चंगा करने की चाहत रखता होगा, वह जानता था कि पृथ्वी पर अपना "उद्देश्य" पूरा करने के लिए उसके पास सीमित समय ही था। यीशु पृथ्वी पर केवल चंगाई प्रदान करने व अपनी पहचान प्रकट करने के लिए ही नहीं आया था। पापियों के उद्धार हेतु जो मृत्यु वह क्रूस पर सहने वाला था वह उसकी तैयारी में सुसमाचार का प्रचार करने आया था। यीशु अपने उद्देश्य के विषय में अत्यंत सुनिश्चित था और इस कारण वह उस प्रमुख विषय, जिसके लिए वह पृथ्वी पर आया था, पर ध्यान देने हेतु भली बातों के प्रति भी न कह पाता था।

यदि यीशु हर बात के लिए हां नहीं कह सकता था तो हम भी नहीं कह सकते हैं। आपके पास व मेरे पास समय व संसाधन सीमित हैं। जो समय हमारे पास शेष उपलब्ध है, उसका पूरा लाभ उठाने के लिए यह अवश्य है कि हम सुनिश्चित कर लें कि परमेश्वर ने हमें किस उद्देश्य के लिए बुलाया है और सुअवसरों को हां बेहतरीन सुअवसरों को भी इनकार करने की शैली बनाएं जिससे कि हम अपने प्रमुख लक्ष्य से न भटकें।

स्मरण करें, आप एक उद्देश्य के लिए जीवित हैं! मेरी प्रार्थना है कि पवित्र शास्त्र के जिन भागों से हमने बीते छह दिनों में चर्चा की है वे हमें इस पृथ्वी पर हमारे शेष समय को समझदारी के साथ बिताने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, शेष घड़ियों को परमेश्वर से प्रेम करते हुए, एक दूसरे से प्रेम करते हुए व अपने जीवन और कामों के द्वारा यीशु के लिए चेले बनाते हुए जियें।

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पवित्र शास्त्र

दिन 5

इस योजना के बारें में

Time Management Principles From God’s Word

क्या आप एक दिन में 24 से अधिक घंटे न होने को लेकर हताश हैं? क्या आप शेष कामों की सूची की लंबाई के कारण अभिप्लुत हैं? क्या आप थकान के कारण परमेश्वर के वचन में और अपने परिवार व दोस्तों के साथ बिताने के लिए समय के अभाव से थके हुए हैं? शायद ये संसार के सबसे सामान्य संघर्ष होंगे। खुशखबरी यह है कि अपना समय उपयुक्त रीति से उपयोग करने के लिए बाइबल हमें स्पष्ट सिद्धांत प्रदान करती है। यह प्लान पवित्र-शास्त्र के उन भागों की व्याख्या प्रस्तुत करेगा व जितना समय इस जीवन में आपके पास शेष है, उसका सदुपयोग करने के लिए अत्यंत प्रायोगिक सलाहें प्रदान करेगा!

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इस प्लान को उपलब्ध करवाने के लिए हम जॉर्डन रेनर का धन्यवाद करना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें: http://www.jordanraynor.com/time/