परमेश्वर के वचन से समय के सदुपयोग के लिए सिद्धांत।नमूना

Time Management Principles From God’s Word

दिन 3 का 6

अपनी प्रतिबद्धताओं को संगठित करें

यीशु ने आज्ञा दी थी कि हमारे"हां", "हां" हों परन्तु आधिकांश अवसरों पर एक मसीही व्यक्ति के "हां" का अर्थ वास्तव में "नहीं" होता है। वह प्रत्येक अवसर जब हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में असफल होते हैं, या विलंब से पहुंचते हैं, या कोई कार्य समय पर पूरा नहीं कर पाते, या वॉइस-मेल पर दिए गए शीघ्र वापस संपर्क करने का वायदा निभाने में असफल होते हैं, हम यीशु की इस आज्ञा की, कि हमारे "हां" "हां" हों, अवज्ञा करते हैं। अपनी तेज रफ्तार से दौड़ रही ज़िंदगियों में हम अत्यधिक मात्रा में "हां" कह रहे हैं, जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ, परन्तु अपने वचन को निभाने में असफल साबित हो रहे हैं। इस पाप को इतना मामूली प्रतीत होते देख, कलीसिया में खतरे की घंटियां बजनी चाहिए। हम इस भटके हुए संसार के लिए, परमेश्वर के सादृश्य में बनाए गए यीशु मसीह के अभ्यावेदन हैं। अपने उद्धारकर्ता की ज्योति को उचित रीति से प्रकट करने के लिए, हमें अपने वचन को पूरा करने वाले होना होगा

परन्तु प्रायोगिक ढंग से यह कैसे किया जा सकता है? इसका आरंभ अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को संगठित करने के लिए सक्षम एक व्यवस्था ढूंढने से होता है। यह व्यवस्था एक कागज के टुकड़े जैसी सरल वस्तु भी हो सकती है या ओमनी-फोकस नामक कामों को सुनियोजित करने के एक डिजिटल उपकरण के समान जटिल भी हो सकता है। उपकरण से कई अधिक महत्वपूर्ण है पद्धति। यदि यीशु की हमारे"हां" के "हां" होने की आज्ञा का हमें पालन करना है तो हमारे पास उन सब विषयों को संगठित करने का कोई मार्ग होना चाहिए जिनके विषय में हम "हां" कह चुके हैं। यह सुनने में सामान्य बुद्धि जैसा लगता है, क्यों? जी हां, यह सामान्य बुद्धि ही है! परंतु दुर्भाग्यवश बहुत कम लोग इसका पालन करते हैं। अच्छी खबर यह है कि यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान बहुत ही सरल है।

आज ही आधा घंटा निकाल कर अपनी याददाश्त के ढेर से वह सभी प्रतिबद्धतायें जो आपने किसी से भी किए हों, चाहे अपने आप से, या अपने पति से या पत्नी से या मित्रों से या बच्चों से या सहकर्मियों से, इन सब को अलग करें व उनकी एक सूची बनाएं। जब यह सूची पूरी रीति से तैयार हो जाए, इसमें ऐसी प्रतिबद्धताओं को खोजें जिनके विषय में आपको समझौता करने की आवश्यकता हो अथवा जिन्हें शीघ्र निपटाने की आवश्यकता हो। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने अपनी दादी से वायदा किया था कि आप उन्हें बीते सप्ताह फोन करेंगे और अब तक नहीं किया है, तो 5 मिनट निकाल कर अपनी दादी को फोन करें व इस प्रतिबद्धता को पूरा करें। भले ही विलंब से ही क्यों न हो, अपने "हां" को "हां"रखें। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि जब आप इस अभ्यास को पूरा कर लेंगे व सुनिश्चित हो जाएंगे कि आपने सब कुछ निपटा दिया है तो अपरिमित राहत और शांति महसूस करेंगे।

डेविड एलेन की किताब गेटिंग थिंग्स डन, सबसे उत्तम स्रोत है जिसे मैं प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखने के लिए आपके लिए ढूंढ़ पाया। इस किताब का एक लघु सारांश डाउनलोड करने के लिए व अपने "हां" को सदा "हां" रखने के विषय में और सलाह पाने के लिए यहां क्लिक करें

पवित्र शास्त्र

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

Time Management Principles From God’s Word

क्या आप एक दिन में 24 से अधिक घंटे न होने को लेकर हताश हैं? क्या आप शेष कामों की सूची की लंबाई के कारण अभिप्लुत हैं? क्या आप थकान के कारण परमेश्वर के वचन में और अपने परिवार व दोस्तों के साथ बिताने के लिए समय के अभाव से थके हुए हैं? शायद ये संसार के सबसे सामान्य संघर्ष होंगे। खुशखबरी यह है कि अपना समय उपयुक्त रीति से उपयोग करने के लिए बाइबल हमें स्पष्ट सिद्धांत प्रदान करती है। यह प्लान पवित्र-शास्त्र के उन भागों की व्याख्या प्रस्तुत करेगा व जितना समय इस जीवन में आपके पास शेष है, उसका सदुपयोग करने के लिए अत्यंत प्रायोगिक सलाहें प्रदान करेगा!

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इस प्लान को उपलब्ध करवाने के लिए हम जॉर्डन रेनर का धन्यवाद करना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें: http://www.jordanraynor.com/time/

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