योएल 3
3
प्रभु सब राष्ट्रों का न्याय करेगा।
1 # 3:1 मूल में अध्याय 4:1 ‘जब मैं यहूदा प्रदेश और यरूशलेम नगर की समृद्धि लौटा दूंगा, देखो, उस समय, उन दिनों में 2मैं सब कौमों को एकत्र करूंगा, और उन्हें यहोशापाट की घाटी में ले जाऊंगा। उन्होंने मेरे निज लोग, मेरी मीरास इस्राएल को अन्य राष्ट्रों में तितर-बितर किया था; मेरे देश इस्राएल को आपस में बांट लिया था, अत: मैं वहां उन कौमों का न्याय करूंगा।#प्रक 16:13-16 3उन्होंने मेरे निज लोगों पर चिट्ठी डालकर उनको आपस में बांट लिया था।
वे वेश्या से सम्भोग करते और उसके बदले
में एक लड़का देते;
वे शराब पीते, और उसका मूल्य एक लड़की
देकर चुकाते थे।
4‘ओ सोर और सीदोन नगर-राज्यो,
ओ पलिश्तीन देश के पंच राज्यो!
तुम्हारा मुझसे क्या सम्बन्ध?
क्या तुम मेरे काम का प्रतिफल मुझे दोगे?
यदि तुम मुझे मेरा प्रतिफल चुका रहे हो
तो मैं अविलम्ब, तुरन्त, तुम्हारे सिर पर
तुम्हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा।#यश 23; 14:29-31
5तुम मेरे मन्दिर का सोना-चांदी ले गए,
तुमने मेरी बहुमूल्य वस्तुएं अपने मन्दिर में
रख लीं।
6तुमने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम नगर के
निवासियों को यूनान देश के लोगों के हाथ
में बेच दिया।
तुमने उनके सीमा-क्षेत्र से उखाड़कर
उन्हें बहुत दूर फेंक दिया।
7जिस देश में तुमने उन्हें बेचा है,
वहां से मैं अब उन्हें उभाड़ूंगा,
और यों तुम्हारे सिर पर
तुम्हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा।
8मैं तुम्हारे पुत्रों और पुत्रियों को
यहूदा प्रदेश के निवासियों के हाथ में बेचूंगा
और वे उनको सुदूर राष्ट्र के हाथ में,
शबाई राष्ट्र के हाथ में बेच देंगे,
मुझ-प्रभु का यह सन्देश है।’
9तुम राष्ट्रों में यह घोषित करो:
‘युद्ध की तैयारी करो,
योद्धाओं को उत्तेजित करो।
सैनिक एकत्र हों, और वे चढ़ाई करें।
10अपने हल की फालों से तलवार बनाओ,
अपने हंसियों को भालों में बदलो।
दुर्बल व्यक्ति भी यह कहे:
“मैं योद्धा हूं।” ’#यश 2:4; मी 4:3
11ओ चारों ओर की कौमो, अविलम्ब आओ।
वहां एकत्र हो।
हे प्रभु, अपने योद्धाओं को वहां ले जा।
12‘कौमें अपने को उत्तेजित करें,
वे यहोशापाट की घाटी में जाएं।
वहां मैं न्याय-सिंहासन पर बैठूंगा,
और चारों ओर की कौमों का न्याय करूंगा।
13फसल पक गई, उसको हंसिए से काटो।
आओ, अंगूर का रस निकालने के लिए
उनको रौंदो।
अंगूर-कुण्ड मुंह तक भरे हैं।
रस के मटके लबालब भरे हैं।
उनके पाप के घड़े भी भर चुके हैं।’#मक 4:29; प्रक 14:15
14निर्णय की घाटी में
भीड़ की भीड़ जमा हो गई।
निर्णय की घाटी में
प्रभु का दिन समीप आ गया।
15सूर्य और चन्द्रमा काले पड़ गए!
तारे बुझ गए!
यहूदा प्रदेश की जनता का उद्धार
16प्रभु सियोन पर्वत से हुंकार रहा है,
वह यरूशलेम नगर से गरज रहा है।
आकाश और पृथ्वी कांप उठे।
प्रभु अपने निज लोगों का शरण-स्थल
है। इस्राएली कौम का वह गढ़ है।#आमो 1:2
17‘तब तुम्हें अनुभव होगा,
कि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं,
और मैं अपने पवित्र पर्वत
सियोन पर निवास करता हूं।
यरूशलेम पवित्र नगर बनेगा,
और उसके मार्ग से
विदेशी कभी नहीं जा सकेंगे।
18‘उस दिन यह घटना घटेगी :
पहाड़ों से अंगूर-रस चूएगा,
पहाड़ियों पर दूध की नदियां बहेंगी,
यहूदा प्रदेश की बरसाती नदियां
जल से भर जाएंगी।
प्रभु के भवन से एक झरना फूटेगा,
जो शिट्टीम घाटी को सींचेगा।#यहेज 47:1-12; आमो 9:13; जक 14:8; प्रक 22:1
19मिस्र देश और एदोम देश ने
यहूदा प्रदेश के निवासियों की हत्या की,
उन्होंने उनके देश में
निरपराध लोगों का खून बहाया,
अत: मिस्र देश उजड़ जाएगा,
एदोम देश निर्जन मरुस्थल हो जाएगा।
20पर यहूदा प्रदेश सदा आबाद रहेगा,
पीढ़ी से पीढ़ी तक यरुशलेम नगर बसा
रहेगा।
21जिन राष्ट्रों ने उनकी हत्या की है,
उनसे मैं प्रतिशोध लूंगा,
मैं उनकी हत्या के अपराध को
क्षमा नहीं करूंगा।’
प्रभु सियोन पर्वत पर निवास करता है।
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योएल 3: HINCLBSI
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