मत्ती 5:10

मत्ती 5:10 GHMNT

“धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।”

Фото-стихи для मत्ती 5:10

मत्ती 5:10 - “धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।”मत्ती 5:10 - “धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।”मत्ती 5:10 - “धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।”मत्ती 5:10 - “धन्य छिन उ जु धर्मी जीवन जींण का कारण से सतै जंदींनि, किलैकि स्वर्ग को राज्य ऊंको ही च।”