जद ज्योतसी सोर्या हा जणा सपना म परमेसर बानै चेतायो क, हेरोद कनै मना जायो, जणा बे दुसरा गेलाऊँ आपकै देस चलेग्या।
ज्योतस्याँ क चल्या जाबा क पाछै परबु को एक ईस्बर नगरी दुत युसूफनै सपना म दरसाव देर ओडायो, “उठ अर टाबर अर बिकी माँनै लेर मिसर देस म भागज्या अर जद ताँई म तेरूँ नइ बोलुँ जद ताँई बठैई रेह्जे; क्युं क राजा हेरोद इ टाबरनै ढुंढर्यो ह। बो इनै मारबो चावै ह।”