हुज़ूर ईसा ने अपने शागिर्दों को पास बुलाकर उन से फ़रमाया, “मैं तुम से सच कहता हूं, बैतुलमुक़द्दस के ख़ज़ाने में नज़राना डालने वाले लोगों में, इस ग़रीब बेवा ने सब से ज़्यादा डाला है। क्यूंके उन्होंने तो अपनी ज़्यादती में से कुछ रक़म को डाला; मगर इस ने, ग़रीबी के बावुजूद, सब कुछ जो उस के पास था दे दिया यानी के अपनी सारी पूंजी डाल दी।”