यीशु की चरनी को यात्रनमूना

Journey To The Manger

दिन 18 का 70

विश्वास से चलिये

पवित्र शास्त्र हम को याद दिलाते हैं की कइ धरमिक लोग इन्के आशा के सफलता को नही देखा जब तक कि उनके विश्वास का परीक्षण नहीं किये गये थे। कुच समय, उन्के पुरे जिवन मे वे उन्के प्रार्थना के जवाब नही देखे। लैकिन इसने उन्हें दिन-प्रतिदिन परमेश्वर पर विश्वास करने से नहीं रोका।

कोइ लिखने वाले नबी नही थैं इस्राएल मे चार सौ साल केलिये, लैकिन शिमोन और हन्ना के जैसे धरमिक लोग सच्चे मसीहा के लिए इंतजार कर रहे थे और फिर भी विश्वास किया कि परमेश्वर असल मे करेंगे जैसे उन्होंने कहा था। वे, बूढ़ाइ मे भी, उन्के आशा को नही छोड़े। कोई आश्चर्य नहीं हैं कि वे तुरंत उन को मसीहा पहचान लिया जब उन्होंने उसे उन्की माँ के साथ देखा, भले ही किसी और ने उन्को नहीं पहचाना।

उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि यह नया परिवार गरीब था, या की वे मंदिर को सबसे सस्ता बलिदान ले रहे थै। शमौन और हन्नाह ने उन को तुरन्त परचाना क्योंकि वे हमेशा परमेश्वर के साथ बात करते थै, और वे रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।

कार्यःएक NGO जो जरूरतमंद बच्चों को यीशु जयंती केलिये उपहार वितरित करता है को एक नये खिलौना योगदान करो।

पवित्र शास्त्र

दिन 17दिन 19

इस योजना के बारें में

Journey To The Manger

2,000 साल पहले, एक शांत रात में, स्वर्गदूतों ने दुनिया के उद्धारकर्ता के जन्म की खबर को चरवाहों के समूह में लाया। खबर सुनने के बाद, उन चरवाहों ने बैतलहम में एक बच्चे की तलाश में सब कुछ छोड़ दिया। इन सभी वर्षों के बाद, आमंत्रण नहीं बदला है। Dr. Charles Stanley से जुड़ें, क्योंकि वह आपको उद्धारकर्ता के निकट आने में मदद करता है, और आपको इस मौसम में पिता के प्यार में आराम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

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हम In Touch Ministries को धन्यवाद देने चाहते है इस योजना के लिये। अगर आप और सूचना चाहते है, https://intouch.cc/yv18 को चलिये।