तन्हाई और ख़ामोशीनमूना

तन्हाई और ख़ामोशी

दिन 3 का 5

क्या ख़ामोशी कानों में गूंज सकती हैं ? 🤔

सलाम,

क्या आपने कभी असल में ख़ामोशी को महसूस किया है? एक ऐसा पल जहाँ कोई आवाज़ ही न हो?? बिलकुल सन्नाटा?

जब मैं मुंबई में रहती थी, तो कभी भी ख़ामोशी का माहौल नहीं होता था। हमेशा पंखे की आवाज़, पुराने विंडो ए.सी. की गड़गड़ाहट की आवाज़, दूर से गाड़ियों के हॉर्न का आवाज़, सड़क पर कुत्तों का भौंकना - हर तरह की आवाज़ें होती रहती थीं। जब मैं शांत जगह जाती हूँ, जैसे की कोई छोटे शहर या अपने देश, तो ख़ामोशी से मेरे कान गूंजने लगते हैं। मुझे वह असल में ख़ामोशी सुनाई देने लगती है।👂🏼

अजीब है ना? 🤪

हमारे आध्यात्मिक कान भी इसी तरह गूंज सकते हैं। हम शोर के लिए इतना तरस जाते हैं कि उसकी लत लग जाती है और हम हमेशा अपने दिमाग़ को व्यस्त रखने के लिए कुछ न कुछ ढूंढ़ते रहते हैं - सोशल मीडिया पर बेवज़ह स्क्रोल करना, बिना सोचे समझे नेटफ्लिक्स देखना, या खुद को अकेलेपन से बचाने के लिए हमेशा लोगों से घिरे रहना।

जब आप तन्हाई और ख़ामोशीका अभ्यास करना शुरू करते हैं, तो यह अजीब लग सकता है, जैसे कि आपकी आत्मा में एक अलग सा शोर हो रहा हैं। जब आप मन को शांत करते हैं, तब आपके ख्याल तेज़ हो जाते हैं क्योंकि वे चारों ओर के शोर से अब घिरे नहीं हैं। यह ख़ामोशी थोड़ी अज़ीब लग सकती है; क्योंकि कई सालों से आपको हर तरह के शोर की आदत लग गई थी।

“चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ।" – भजन संहिता ४६:१०

तन्हाई और ख़ामोशी का अभ्यास करना यक़ीन का एक कार्य है। ख़ामोश रहें और इस बात पर यक़ीन करें कि ज्ञान आएगा। अपने आपको उपलब्ध करें और ख़ुदा का इंतज़ार करें; कोई भी लफ़्ज या कार्य उनकी प्रतिक्रिया को मजबूर नहीं कर सकती हैं। रोमियों १२:१ के अनुसार अपने आप को एक जीवित और पवित्र बलिदान के रूप में उसके हवाले कर दें।

*“आपको बुलाने वाला वफ़ादार है और वो इसे पूरा करेगा।”- १ थिस्सलुनीकियों ५:२४

चलिए, इस अभ्यास को मिलकर जारी रखें!

१. आराम से मगर जागरूक होकर बैठें। उदाहरण के तौर पर, खुले हाथों से सीधे बैठें, लेकिन लेटकर सोने का ख़तरा न लें।
२. रुकावटों को दूर करें। फ़ोन और म्यूज़िक बंद कर दें।
३. एक छोटासा लक्ष तय करें - १० या १५ मिनट का टाइमर सेट करें।
४. ख़ुदा से एक आसान दुआ करें, जैसे "मैं यहाँ हूँ"। जब-जब आपका ध्यान भटके, तो इस दुआ को दोहराएं और ख़ुदा में फिरसे मगन हो जाए।
५. मत्ती ६:९-१३ की दुआ पढ़कर समाप्त करें, और चाहें जैसा भी आपने महसूस या अनुभव किया है, याद रखें आपका वक्त ख़ुदा के साथ ज़ाया नही हुआ हैं।

आप एक चमत्कार हैं।

जेनी मेंडीस

(*इस प्रोत्साहन के कुछ आयत मेरे अल्फ़ाज़ और अंदाज़ में लिखे गए हैं)

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

तन्हाई और ख़ामोशी

अपनी आत्मिक ज़िंदगी में तन्हाई और ख़ामोशी की ताक़त को महसूस करें। यह बाइबल पढने की योजना न केवल इस अभ्यास के लिए बाइबल से प्रेरणा देती है, बल्कि इसे बढ़ाने के लिए क़दम-दर-क़दम तरीक़े भी बताती है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Jesus.net - Desi को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: hi.jesus.net/chamatkar-every-day/?utm_campaign=amed&utm_source=Youversion&utm_medium=referral&utm_content=hindi-solitude-and-silence