मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)नमूना

मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)

दिन 2 का 6

जिस फसह की शाम को यीशु अपने शिष्यों के साथ मना रहा था, संयोग से उस दिन मंदिर का पर्व भी था। यरूशलेम दुनिया भर से आए यहूदियों से भरा हुआ था जो फसह का पर्व मनाने और बलिदान चढाने मंदिर में आए हुए थे।

वे जो मना रहे थे वह उनके इतिहास की गहराई में बसा हुआ था। वह था इस्राएल देश का जन्म, परमेश्वर द्वारा चुने हुए एक खास लोग, जो लाल समुद्र को पार करके आए थे।

यीशु अपने शिष्यों के साथ यह पर्व मना रहा था। कई चीज़ें जो यीशु ने की वे नबूवत की थी। आदर्श रूप से, उन्हें इसे अपने परिवारों के साथ मनाना चाहिए था। उन बारहों का मेज़ के चारो ओर होना एक नबूवत का चित्र था - यीशु में एक नया परिवार।

हम प्रभु की मेज़ के चारो ओर इकट्ठा हुआ एक परिवार है, क्योंकि हम सभी अब पिता परमेश्वर के हैं। प्रभु की मेज़ परमेश्वर के एक नए चुने हुए वंश, एक राजकीय याजकों का समाज और एक पवित्र राष्ट्र की शुरुआत का चिन्ह भी है। क्रूस हर कुल, भाषा, राष्ट्र के लोग, पुरुष व स्त्री को जोड़ने वाला था: मसीह में एक नया मनुष्य, पुरानी भविष्यवाणियों को पूरा करते हुए।

यीशु क्या चाहता था कि हम याद रखें? इसपर हम कल मनन करेंगे।

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)

यीशु हमारे साथ गहरी बातचीत करना चाहता है। आइए एकसाथ "प्रभु भोज की मेज़" पर मनन करें। नवाज डिक्रूज द्वारा ( Navaz DCruz) लिखा (और गुरमीत धनोवा द्वारा अनुवादित) यह 6 दिवसीय भक्ति–लेख आपको इस विषय की यात्रा पर ले जायेगा की हम प्रभु यीशु द्वारा स्थापित इस नबुवत भरे कार्य में क्या और इसे क्यों मनाते हैं।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वर्ड ऑफ़ ग्रेस चर्च का धन्यवाद करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.wordofgracechurch.org/