मृत्यु का हत्यारा नमूना
क्या दुनिया की मौजूदा स्थिति को लेकर आपका हृदयभयभीत हो रहा है?मेरा तो हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मृत्युहमारे लिएकाफी हद तक एक पहेली है, रहस्य है।लेकिन, यीशु के लिए मृत्यु एक पहेली नहीं है ।
यह सिर्फ दुश्मन है।
सी.एस. लूइस ने "एक दुःखद निरीक्षण” (A Grief Observed)में अपनी पत्नी कीमृत्यु के बारे में लिखते हैं। वह अपने अनुभवों से बताते हैं कि जब आपके जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है-जब आप परमेश्वर की ओर मुड़ते हैं तब परमेश्वर आपका खुली बाहों से स्वागत करते हैं। लेकिन कई बार जब आपको सचमुच उनकी ज़रूरत होती है, जब आप हताश होते हैं, जब आप खटखटाते तो हो तो आप स्वर्ग का द्वार अंदर से ही बंद पाते हैं।यह परमेश्वर की कथित देरी की प्रारंभिक पहेली है। और फिर अंतिम पहेली स्वयं मृत्यु है।
हाल ही में किसने मौत के बारे में नहीं सोचा होगा? हम में से कोई नहीं जानते कि हमारे पास कितना समय है। मुझे इससे नफरत है, और आपको भी ऐसा ही करना चाहिए।एक इंसान के नज़रिए से, जब हम मौत को देखते हैं, तो यह वाकई एक पहेली है।लेकिन यीशु ने कहा कि यह भी परमेश्वर की महिमा के लिए है।
मृत्यु के बारे में यीशु के दृष्टिकोण के बारे में एक बार और सोचें। उसके लिए मौत कोई रहस्य नहीं है। यह पराजित होने वाली बात है।
लाजर को मरे हुओं में से जिलाने से पहले उसके इस कथन पर गौर कीजिए:“पुनरुत्थानऔर जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।”
क्या अविश्वसनीय बयान है।यह यूहन्ना के सुसमाचार में आरोही चमत्कार कीचरमसीमा है।उसने पहले ही प्रकृति और दुष्टात्मा के शक्तियों पर अपना अधिकार दिखाया था।यहां उसने घोषणा की कि वह अंतिम शत्रु को दिखाएगा कि वह उसके अधीन होगा।मृत्यु को परास्त किया जाएगा, तोड़ा जाएगा, कुचल दिया जाएगा, हमेशा के लिए मार दिया जाएगा।
यीशु वास्तव में कह रहेथे, “मैं, यह व्यक्ति तुम लोगों के सामने खड़ा हूँ, जिसे तुम देख रहे हो, जिसका शरीर और खून सभी जीवन और इतिहास और लक्ष्य का केंद्र बिंदु है, मैं सृष्टि में जीवन शक्ति ला सकता हूं।मैं मृतकों को जीवित कर सकता हूं। मैं, अभी, इसी समय, पुनरुत्थान और जीवन हूँ।भविष्य के किसी समय में नहीं। मैं सिर्फ एक बौद्धिक अवधारणा नहीं हूं। मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।जो मुझ में जीता और विश्वास रखता है, वह कभी नहीं मरेगा, परन्तु यदि वह मर जाए तो भी जीवित रहेगा।”
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
RREACH (विश्व प्रसिद्ध सेवाकाई) के अध्यक्ष और डलास थियोलॉजिकल सेमिनरी के प्रोफेसर डॉ. रमेश रिचर्ड के साथ छह दिन बिताएं, जब वे मसीह के कार्य की मृत्यु की हत्या करने वाले के रूप में छान-बीन कर रहे हैं। हालांकि शारीरिक मृत्यु हम सब के लिए वास्तविक है, लेकिन यहाँ पर आशा है- अर्थात यीशु के नाम में अनन्त जीवन।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/