गलत सोच से हटते हुए उपवास करनानमूना

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

दिन 20 का 40

दिन 20

“एक मसीही होना बहुत अदिक कदिन है।”

आज हम उस दवचार से हटने का उपवास कर रहे हैं जो कहता है, “एक ्सीही होना बहुत कडिन है।”

हम इस मानदसकता को एक बार में सिैव के दलए तोड़ने जा रहे हैं क्योंदक यह सबस अदिक गलत अविारणा है जो दवश्वादसयों को परादजत कर रही है।

यीरु ने कहा दक मेरा जूआ उिाओ क्योंदक वह आसान है और उसका बोझ हलका है। यह परमेश्वर की कृ पा है! उसने भार उिाने का काम दकया, और अब हमारा काम उसके दवश्ाम में प्रवेर करना है।

आइए आज हम इसे बिलें

1. जो आप पहलरे सरे ही है वह बनना एक कडिन बात नहीं है। यीरु ने आपको एक मसीही बनाया है, और संसार में ऐसा कु छ भी नहीं है जो इसे बिल सके । आप एक नई रचना हैं! आप पहले से ही जयवंत से भी बढकर हैं! आपको मानव होने के प्र्यास करने की कोई आवशयकता नहीं है। आप पहले से एक मानव है! उसी तरह से: आप एक मसीही हैं!

2. यह परमे मेश्वर है जि सने हमें बनाया है, न कि हम जो स्वय ं को बनाते हैं। सेला- रुकें और इस पर वि चार करें। उसने आपको एक मसीही बनाया है। और जो परमेश्वर ने कि या है, आप उसे बदल नहीं सकते।

3. ्यीशु नरे सब कु छ कर डद्या है। जब उसने यूहनना 19:30 में यह कहा, “पूरा हुआ", तब उसका अर्त रा: “कज्त का भुगतान दकया गया है; िणि पूरा हो गया है; जय प्राप्त कर ली गई है! मैंने तुमहें बचाने और रादनत प्रिान करने के दलए जो भी कु छ आवशयक रा वह सब कु छ दकया है।” अब, बस दवश्वास करें।

4. “्सीही” का अथ्त “आप ्ें ्सीह” है, इसरे जानें। वह आप में है। जब आप के भीतर, वह अदभषेक, मसीह, काय्त कर रहा है, तो आपका असिल होना असमभव है।

5. उसका जूआ सहज है। अपनी सोच को उलट िें। सोचें, “मसीही होना बहुत आसान है।” उसका जूआ सहज है। उसका बोझ हलका है। आप उसके सार जुड़े /समबदनित/एक हो चुके हैं!

6. इस तर्य ्ें डवश्ा् पा्यें डक आपको डसद्ध नहीं होना है। परमेश्वर आपको एक दसद्ध मानक पर खरा उतरने को नहीं कह रहा हैं। यीरु आपकी दसद्धता हैं। बस इस सचचाई में रादनत पाए!

इसे सोचें और इसे कहें

मसीही जीवन जीना आसान है क्योंदक परमेश्वर ने मुझे पहले से ही मुझे जयवंत से भी बढकर बनाया है। यीरु ने सब कु छ कर दिया है!

उसका जीवन मुझमें है। उसका प्रेम मुझमें है। उसकी सामरय्त मुझमें है। उसका आतमा मुझमें है। इसदलए, मैं एक मसीही के रूप में असिल नहीं हो सकता! मैं अके ला नहीं हूँ, और कभी नहीं रहूँगा।

मैं उसके सार जूए में जुता हुआ हूँ, और इसदलए मैं परमेश्वर के प्रडत अपने कत्त्तवय को पूरा करने का प्रयास करने की बजाय, परमेश्वर के साथ अपने समबनि का आननि ले सकता हूँ। यीरु के नाम से मैं सवतंत् हूँ!

दिन 19दिन 21

इस योजना के बारें में

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

यह भोजन से "तेज" नहीं है, यह 40 नकारात्मक विचारों से उपवास है जो आपको संकट, चिंता, उदासी, दर्द, अवसाद और चोट पहुंचा रहे हैं - और वे विचार जो आपको मार रहे हैं - और आपको वास्तविक अनुभव करने से रोक रखा है यीशु। हजारों लोगों ने गलत सोच से उपवास का अनुभव किया है। यह आपके जीवन को बदल देगा।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए ग्रेगरी डिको मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://gregorydickow.com