कड़वाहट आपको नष्ट न करने पाए नमूना
क्या कारण था कि अहितोपेल अपने परम मित्र के प्रति गद्दार हो गया ?
यह बात समझने में कठिन है कि कैसे एक परम मित्र और दाऊद का विश्वास पात्र गद्दार हो सकता है ? लेकिन परमेश्वर के वचन का अध्ययन शिक्षाप्रद सूचना को प्रकाशित करता है I
लोगों के अन्दर एक कड़वी आत्मा के विकसित होने का एक कारण होता है I फिर चाहे वह अपशब्द हो, दुर्व्यवहार हो, या प्रेम में दुःख हो I दुसरे अन्य कारण भी हो सकते हैं I
हम देखते हैं कि अहितोपेल के पास भी एक कारण था I 2 शमूएल 11:3 में हम पढ़ते हैं “तब दाऊद ने भेजकर उस स्त्री को पुछवाया , तब किसी ने कहा , “क्या वह एलिआम के बेटी,और हित्ती उरिय्याह कि पत्नी बतशेबा नहीं है ?
एलिआम कौन था, इस बात को समझने में कुंजी का काम करेगी कि क्यों अहितोपेल ने ऐसा किया I 2 शमूएल 23 अध्याय में हम दाऊद के शूरवीरों की सूचि को देखते हैं I यदि आप ध्यान से देखें तो 23 अध्याय के 34 पद के आखिरी भाग में हम पाते हैं कि एलिआम गिलोई अहितोपेल का पुत्र था I
अहितोपेल बतशेबा का दादा था और दाऊद के इस कृत्य द्वारा उसका परिवार तहस नहस हो गया था I
बतशेबा के साथ व्यभिचार और उरिय्याह की हत्या दाऊद का चरम सीमा का घिनौना काम था I
अहितोपेल इससे बौखला गया था I उरिय्याह कब्र में था , उसकी प्यारी पोती बतशेबा को बहका दिया गया था I नाराज़ अहितोपेल ने दाऊद को त्याग दिया , गधे पर अपनी काठी कसी और अपने घर गिलोह चला गया I
दाऊद का का यह कृत्य उसके लिए और उसके परिवार के लिए कितना भयंकर झटका था I अहितोपेल ने दाऊद की सेवा आदर और सम्मान के साथ की थी , अपने पुत्र को युद्ध में दे दिया था और अपने दामाद को भी (उरिय्याह भी दाऊद के शूरवीरों में था)
आगे की घटना, दाऊद के कड़वे पश्चताप ने अहितोपेल के ह्रदय को और कठोर कर दिया I क्या आँसू मृतक उरिय्याह को वापस ला सकते हैं ? क्या आँसू एक लड़की की आत्मा पर लगे दाग को मिटा सकते हैं ? कभी नहीं !
दस साल के बाद जब अहितोपेल ने अबशालोम के बगावत करने के बारे में सुना तो इसको उसने एक अवसर कि तरह देखा की वह बदला ले सके I
अबशालोम को मालूम था कि अहितोपेल के ह्रदय में कड़वाहट है और 2 शमूएल 15:12 में हम पढ़ते हैं कि उसने अहितोपेल को गिलोह से बुलवा लिया I और इस तरह गोष्टी ने बल पकड़ा I
2 शमूएल 16:20 में हम पढ़ते हैं कि अब वह अबशालोम को सम्मति देने वाला हो गया है: “तब अबशालोम ने अहितोपेल से कहा, “ तुम अपनी सम्मति दो, कि क्या करना चाहिए I”
जे एडम्स बताते हैं कि आपके विरोध में किसी की गलत क्रिया के प्रति दो गलत प्रतिउत्तर होते हैं I या तो आप “क्रोधित होते हैं” या “शांत रहते हैं ” जब लोग क्रोध को पीकर शांत रहते हैं तो इसका एक दुखत सत्य यह है कि वे बाद में आखिरकार क्रोधित होते हैं I और यही अहितोपेल के साथ भी हुआ I
दस साल उसने इंतज़ार किया I यही कड़वाहट उसके अन्दर एक कैंसर के रूप में बढ़ती चली गई और अंत में उसे मार दिया I
अहितोपेल ने बतशेबा और उरिय्याह के कारण प्रतिशोध की भावना की आशा में अपने भीतर क्षमा न करने का निर्णय लेकर गलती की I उसको अपने अन्दर उस कड़वाहट को प्रवेश नहीं करने देना चाहिए था I
क्या आप भी बहुत सालों से अपने भीतर किसी के प्रति असंतोष को पाल रहे हैं ? इसको अपने भीतर एक कैंसर का रूप न लेने दें जिससे कि आपकी मौत हो जाए I
टिपण्णी : कड़वाहट ही एक ऐसा रसायन है जो उसी बर्तन को नष्ट कर देती है जो उसको थाम के रखता है I
प्रार्थना : प्रभु मेरी सहायता करें कि मैं किसी के प्रति अपने मन में असंतोष न रखूं , चाहे जो भी गलत उन्होंने मेरे साथ किया हो , क्योंकि मैं इस बात को जानता हूँ कि यह उनको नहीं मुझे मार देगा I
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
अहितोपेल दाऊद का एक विश्वासयोग्य परामर्श दाता था I परन्तु कड़वापन के कारण वह दाऊद के साथ छल करके उसके बेटे अब्शालोम का सहयोग किया और अन्त में उसने आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन का अंत कर लिया I इन पाँच दिनों के मनन को पढ़ें और कड़वापन के कारण को जानें, ताकि वह आप को मार न डाले I
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इस योजना को प्रदान करने के लिए हम विजय थंगैया को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://www.facebook.com/ThangiahVijay