कड़वाहट आपको नष्ट न करने पाए नमूना
अहितोपेल कौन था
अहितोपेल दाऊद का एक विश्वासयोग्य परामर्श दाता था I 2 शमूएल 16:23 हमें बताता है कि उसकी सम्मति परमेश्वर के वचन के समान होती थी I कुछ दुसरे अनुवाद कहते हैं कि अहितोपेल जो कुछ कहता था वह इतनी बुद्धिमत्ता के लगते थे कि जैसे सीधे परमेश्वर के मुख से निकले हों ! इसका अर्थ यह है कि वह समार्थी रूप से परमेश्वर की ओर से बोलने के लिए अभिषिक्त था I उसको “संसार का सबसे बुद्धिमान” व्यक्ति भी कहा जा सकता था I
भजन संहिता 55 :12-14 में हम उसके और दाऊद के संबंध के बारे में देखते हैं जहाँ अहितोपेल के विषय लिखा है – “जो मेरी बराबरी का मनुष्य , मेरा परम मित्र और मेरी जान पहचान का था I “हम दोनों कैसे आपस में मीठी-मीठी बातें करते थे ;हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे”
अहितोपेल का अर्थ मूर्खता का भाई होता है I कैसे यह मनुष्य मूर्खता का भाई बन गया ? उसने कौन सा मूर्खता का काम किया ?
हम देखते हैं अहितोपेल दाऊद के साथ आरंभ से है जब वह हेब्रोन में राज्य करता था , और बहुत सालों तक उसका करीबी रहा , 2 शमूएल 16:15 में हम पढ़ते हैं कि वह अपने राजा का विश्वासघाती हो गया और अबशालोम के षड़यंत्र में भागी हो गया
जब अबशालोम ने अपने पिता के विरुद्ध बलवा लिया तब अहितोपेल ने खेमा बदल दिया और अबशालोम का सम्मति देने वाला बन गया I
उसने अबशालोम को दो तरह की रणनीति की सम्मति दी I उसने पहली सम्मति यह दी कि राजा की रखेलियों के भवन को अपने अधिकार में ले ले और अपने आप को राजा से अधिक पराक्रमी दिखाए I (2 शमूएल 16 :21,22 )
उसकी दूसरी सम्मति थी कि दाऊद का जल्दी से पीछा करके उसे मार डाला जाये जब वह अबशालोम से भाग रहा था I अहितोपेल ने अबशालोम को सम्मति दी कि दाऊद को तुरंत घात करे उसको इतनी जल्दी थी कि उसने अबशालोम से पुरुषों को माँगा कि वह खुद जाकर दाऊद को मार डाले I (2 शमूएल 17:1-4)
“तल्मुद” (रब्बियों का साहित्य) में अहितोपेल को ऐसा पुरुष कहा गया है जो “बालाम” के सामान है जिसने अपनी महान बुद्धि और समझ को दीनता से स्वर्गीय वरदान के रूप में ग्रहण नहीं किया और यह उसके लिए ठोकर का कारण बना I वह उनमे से एक था जिनकी आँखें उस वस्तु पर टिकी रहती हैं जो ऊनकी है ही नहीं और वे वह सबकुछ खो देते हैं जो उनका अपना होता है I
अहितोपेल के जीवन से हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात सीखते हैं कि बुद्धिमान लोग भी मूर्खता भरे चुनाव कर सकते I अहितोपेल की गणना बुद्धिमान पुरुषों में से की जा सकती थी लेकिन उसकी बुद्धि उसके ह्रदय को जीवन की सबसे बड़ी गलती करने से नहीं रोक पाई और इसकी कीमत उसको अपने प्राण देकर चुकानी पड़ी I
जब आप अपने जीवन को देखते हैं तो क्या आप किसी गलत चुनाव के विषय विचारते हैं जो आपने अपने संबंधों में लिए हों ? क्या आपने परम मित्र द्वारा धोखा दिए जाने का अनुभव किया है ?
अहितोपेल के जीवन से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं I
टिप्पणी : “कभी-कभी जिन लोगों के लिए आप खतरा उठाते है असल में वही आस्तीन के सांप होते हैं “
प्रार्थना : प्रभु मेरी सहायता करे कि मैं अपने जीवन में सही चुनाव ले सकूँ I होनें दें कि किसी गुप्त और स्वार्थी उद्धेश्य के लिए मैं विश्वासघात न करूँ , आमीन
इस योजना के बारें में
अहितोपेल दाऊद का एक विश्वासयोग्य परामर्श दाता था I परन्तु कड़वापन के कारण वह दाऊद के साथ छल करके उसके बेटे अब्शालोम का सहयोग किया और अन्त में उसने आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन का अंत कर लिया I इन पाँच दिनों के मनन को पढ़ें और कड़वापन के कारण को जानें, ताकि वह आप को मार न डाले I
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इस योजना को प्रदान करने के लिए हम विजय थंगैया को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://www.facebook.com/ThangiahVijay