क्रोध को छोड़ देनानमूना

क्रोध को छोड़ देना

दिन 2 का 5

मुक़दमें से हाथ उठाना, पुरुष की महिमा ठहरती है l नीतिवचन 20:3

एक दिन पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में फिओन मुलहॉलैंड ने देखा कि उसकी कार नहीं थी l उसने जाना कि गलती से उसने निषिद्ध क्षेत्र में कार खड़ी कर दी थी इसलिए वह खींच ली गयी थी l स्थिति की जांच के बाद, अर्थात्, खींचकर ले जाने और पार्किंग जुर्माना 600 डॉलर देने के बाद, मुलहॉलैंड निराश हुआ, किन्तु उसने निर्णय लिया कि वह अपनी कार को छुड़ाने के लिए सम्बंधित व्यक्ति पर क्रोधित नहीं होगा l उसने क्रोध न दर्शाते हुए उस स्थिति के विषय एक हास्य कविता लिखकर गाड़ी-यार्ड के कार्यकर्त्ता को पढ़कर सुनाया l कार्यकर्त्ता ने कविता पसंद की, और संभवतः भद्दी बातचीत टल गयी l

नीतिवचन की पुस्तक सिखाती है, “मुक़दमें से हाथ उठाना, … महिमा ठहरती है” (20:3) l झगड़ा वह घर्षण है जो या तो अन्दर ही अन्दर उबलता रहता है अथवा खुले में फूट जाता है जब दो लोग एक मत नहीं होते l

परमेश्वर ने दूसरों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से रहने के लिए संसाधन दिए हैं l उसका वचन  आश्वस्त करता है कि क्रोध तो करो किन्तु पाप ने करो (इफि.4:26) l उसकी आत्मा  हमें क्रोध की चिंगारियों को बुझाने की ताकत देता है जो हमें परेशान करनेवालों पर टूट पड़ने से हमें रोकती हैं l और उत्तेजित होने पर परमेश्वर ने हमें अनुसरण के लिए अपना उदाहरण  दिया है (1 पतरस 2:23) l वह दयालु, अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है l

विलम्ब क्रोधी रहें l

पवित्र शास्त्र

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

क्रोध को छोड़ देना

क्रोध सबसे प्रबल भावनाओं में से एक है – यह लाभकारी और प्रेममय भी हो सकता है, और विनाशकारी और स्वार्थपरायण भी हो सकता हैl हमारी प्रतिदिन की रोटी में से इन पांच चिन्तनों को पढ़ते हुए अपने क्रोध को परमेश्वर के हवाले कर देने के विषय में और अधिक जानेंl

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हमारी दैनिक रोटी - भारत का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://hindi-odb.org/subscription/?utm_source=YouVersion&utm_campaign=Hindi_Anger