जन-गणना 24:1-14
जन-गणना 24:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)
बिलाम को मालूम हुआ कि यहोवा इस्राएल को आशीर्वाद देना चाहता है। इस्रालिए बिलाम ने किसी प्रकार के जादू मन्तर का उपयोग करके उसे बदलना नहीं चाहा। किन्तु बिलाम मुड़ा और उसने मरुभूमि की ओर देखा। बिलाम ने मरुभूमि के पार तक देखा और इस्राएल के सभी लोगों को देख लिया। वे अपने अलग—अलग परिवार समूहों के क्षेत्र में डेरा डाले हुए थे। तब परमेश्वर ने बिलाम को प्रेरित किया। और बिलाम ने ये शब्द कहेः “बोर का पुत्र बिलाम जो सब कुछ स्पष्ट देख सकता है ये बातें कहता है। ये शब्द कहे गए, क्योंकि मैं परमेश्वर की बात सुनता हूँ। मैं उन चीज़ों को देख सकता हूँ जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर चाहता है की मैं देखूँ। मैं जो कुछ स्पष्ट देख सकता हूँ वही नम्रता के साथ कहता हूँ। “याकूब के लोगो तुम्हारे खेमे बहुत सुन्दर हैं! इस्राएल के लोगो जिनके घर सुन्दर हैं! तुम्हारे डेरे घाटियों की तरह प्रदेश के आर—पार फैले हैं। ये नदी के किनारे उगे बाग की तरह हैं। ये यहोवा द्वारा बोयी गई फसल की तरह हैं। ये नदियों के किनारे उगे देवदार के सुन्दर पेड़ों की तरह हैं। तुम्हें पीने के लिए सदा पर्याप्त पानी मिलेगा। तुम्हें फसलें उगाने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। तुम लोगों का राजा अगाग से महान होगा। तुम्हारा राज्य बहुत महान हो जाएगा। “परमेश्वर उन लोगों को मिस्र से बाहर लाया। वे इतने शक्तिशाली हैं जितना कोई जंगली साँड। वे अपने सभी शत्रुओं को हरायेंगे। वे अपने शत्रुओं की हड्डियाँ चूर करेंगे। और उनके बाण उनके शत्रु को मार डालेंगे वे उस सिंह की तरह हैं जो अपने शिकार पर टूट पड़ना चाहता हो। वे उस सिंह की तरह है जो सो रहा हों। कोई व्यक्ति इतना साहसी नहीं जो उसे जगा दे! कोई व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीष पाएगा, और कोई व्यक्ति जो तुम्हारे विरुद्ध बोलेगा विपत्ति में पड़ेगा।” तब बिलाम पर बालाक बहुत क्रोधित हुआ। बालाक ने बिलाम से कहा, “मैंने तुम्हे आने और अपने शत्रुओं के विरुद्ध कुछ कहने के लिए बुलाया। किन्तु तुमने उनको आशीर्वाद दिया है। तुमने उन्हें तीन बार आशीर्वाद दिया है। अब विदा हो और घर जाओ। मैंने कहा था कि मैं तुम्हें बहुत अधिक सम्पन्न बनाऊँगा। किन्तु यहोवा ने तुम्हें पुरस्कार से वंचित कराया है।” बिलाम ने बालाक से कहा, “तुमने आदमियों को मेरे पास भेजा। उन व्यक्तियों ने मुझसे आने के लिए कहा। किन्तु मैंने उनसे कहा, ‘बालाक अपना सोने—चाँदी से भरा घर मुझको दे सकता है। परन्तु मैं तब भी केवल वही बातें कह सकता हूँ जिसे कहने के लिए यहोवा आदेश देता है। मैं अच्छा या बुरा स्वयं कुछ नहीं कर सकता। मुझे वही करना चाहिए जो यहोवा का आदेश हो। क्या तुम्हें याद नहीं कि मैंने ये बातें तुम्हारे लोगों से कहीं।’ अब मैं अपने लोगों के बीच जा रहा हूँ किन्तु तुमको एक चेतावनी दूँगा। मैं तुमसे कहूँगा कि भविष्य में इस्राएल के ये लोग तुम्हारे और तुम्हारे लोगों के साथ क्या करेंगे।”
जन-गणना 24:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब बिल्आम ने देखा कि प्रभु की दृष्टि में यह भला है कि इस्राएलियों को आशिष प्राप्त हो, तब वह पहले के समान सगुन विचारने के लिए नहीं गया, वरन् वह निर्जन प्रदेश की ओर मुड़ा। बिल्आम ने आंखें ऊपर उठाईं तो उसने इस्राएलियों को अपने-अपने कुल के अनुसार बसे हुए देखा। परमेश्वर का आत्मा बिल्आम पर उतरा, और उसने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया, ‘बओर के पुत्र, बिल्आम की यह वाणी है, यह वाणी उस व्यक्ति की है, जो द्रष्टा है। यह परमेश्वर के वचन सुनने वाले व्यक्ति की वाणी है, जो सर्वशक्तिमान के दर्शन को देखनेवाला दर्शी है; जो गिरता है, जिसकी आंखें खुली रहती हैं; ओ याकूब! तेरे तम्बू कितने मनोहर हैं! ओ इस्राएल, तेरे शिविर कितने सुन्दर हैं। वे दूर-दूर फैली हुई घाटियों के समान, या नदी के तट के उद्यानों के सदृश, अथवा प्रभु के द्वारा रोपे गए अगर-वृक्ष के समान, या जलाशय के निकट के देवदार के सदृश हैं। याकूब की बालटियों से जल बहेगा, और उसका बीज जलाशय में अंकुरित होगा। उसका राजा, अगग से अधिक महान होगा, उसका राज्य उन्नत होगा। परमेश्वर उसे मिस्र देश से बाहर निकाल रहा है; वह उसके लिए जंगली सांड के बल के समान है। वह उसके बैरी राष्ट्रों को खा जाएगा, और उनकी हड्डियों को चूर-चूर करेगा, और तीरों से उनको बेधेगा। वह घात लगाकर बैठता है, वह सिंह के सदृश, अथवा सिंहनी के समान लेटता है। कौन उसको उठा सकता है? ओ याकूब, तुझे आशिष देने वाला स्वयं आशिष प्राप्त करे। किन्तु तुझे श्राप देनेवाला स्वयं श्रापित हो।’ तब राजा बालाक का क्रोध बिल्आम के प्रति भड़क उठा। उसने अपने हाथ पर हाथ मारकर बिल्आम से कहा, ‘मैंने अपने शत्रुओं को श्राप देने के लिए तुम्हें बुलाया था। किन्तु देखो, तुमने उन्हें तीन बार आशिष दी। अब, तुम अपने स्थान को भाग जाओ। मैंने कहा था, “मैं निश्चय ही तुम्हें सम्मानित करूँगा।” किन्तु प्रभु ने तुम्हें सम्मानित होने से वंचित कर दिया।’ बिल्आम ने राजा बालाक से कहा, ‘जिन दूतों को आपने मेरे पास भेजा था, क्या मैंने उनसे यह नहीं कहा था, “चाहे बालाक सोना-चांदी से भरा अपना घर प्रदान करें तो भी मैं प्रभु की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करूंगा और अपनी इच्छा के अनुसार भला अथवा बुरा नहीं करूंगा। जो कुछ प्रभु बोलेगा, वही मैं बोलूंगा।” अब, देखिए, मैं अपने भाई-बन्धुओं के पास जा रहा हूं। आइए, मैं आपको बता दूं कि ये इस्राएली लोग आपकी प्रजा के साथ आनेवाले दिनों में क्या करेंगे।’
जन-गणना 24:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)
यह देखकर, कि यहोवा इस्त्राएल को आशीष ही दिलाना चाहता है, बिलाम पहिले की नाईं शकुन देखने को न गया, परन्तु अपना मुंह जंगल की ओर कर लिया। और बिलाम ने आंखे उठाई, और इस्त्राएलियों को अपने गोत्र गोत्र के अनुसार बसे हुए देखा। और परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा। तब उसने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, कि बोर के पुत्र बिलाम की यह वाणी है, जिस पुरूष की आंखें बन्द थीं उसी की यह वाणी है, ईश्वर के वचनों का सुनने वाला, जो दण्डवत में पड़ा हुआ खुली हुई आंखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है: कि हे याकूब, तेरे डेरे, और हे इस्त्राएल, तेरे निवास स्थान क्या ही मनभावने हैं! वे तो नालों वा घाटियों की नाईं, और नदी के तट की वाटिकाओं के समान ऐसे फैले हुए हैं, जैसे कि यहोवा के लगाए हुए अगर के वृक्ष, और जल के निकट के देवदारू। और उसके डोलों से जल उमण्डा करेगा, और उसका बीच बहुतेरे जलभरे खेतों में पड़ेगा, और उसका राजा अगाग से भी महान होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। उसको मिस्र में से ईश्वर की निकाले लिये आ रहा है; वह तो बनैले सांड़ के सामान बल रखता है, जाति जाति के लोग जो उसके द्रोही है उन को वह खा जायेगा, और उनकी हड्डियों को टुकड़े टुकड़े करेगा, और अपने तीरों से उन को बेधेगा। वह दबका बैठा है, वह सिंह वा सिंहनी की नाईं लेट गया है; अब उसको कौन छेड़े? जो कोई तुझे आशीर्वाद दे सो आशीष पाए, और जो कोई तुझे शाप दे वह स्रापित हो॥ तब बालाक का कोप बिलाम पर भड़क उठा; और उसने हाथ पर हाथ पटककर बिलाम से कहा, मैं ने तुझे अपने शत्रुओं के शाप देने के लिये बुलवाया, परन्तु तू ने तीन बार उन्हें आशीर्वाद ही आशीर्वाद दिया है। इसलिये अब तू अपने स्थान पर भाग जा; मैं ने तो सोचा था कि तेरी बड़ी प्रतिष्ठा करूंगा, परन्तु अब यहोवा ने तुझे प्रतिष्ठा पाने से रोक रखा है। बिलाम ने बालाक से कहा, जो दूत तू ने मेरे पास भेजे थे, क्या मैं ने उन से भी न कहा था, कि चाहे बालाक अपने घर को सोने चांदी से भरकर मुझे दे, तौभी मैं यहोवा की आज्ञा तोड़कर अपने मन से न तो भला कर सकता हूं और न बुरा; जो कुछ यहोवा कहेगा वही मैं कहूंगा? अब सुन, मैं अपने लोगों के पास लौट कर जाता हूं; परन्तु पहिले मैं तुझे चिता देता हूं कि अन्त के दिनों में वे लोग तेरी प्रजा से क्या क्या करेंगे।
जन-गणना 24:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यह देखकर कि यहोवा इस्राएल को आशीष ही दिलाना चाहता है, बिलाम पहले के समान शकुन देखने को न गया, परन्तु अपना मुँह जंगल की ओर कर लिया। और बिलाम ने आँखें उठाईं, और इस्राएलियों को अपने गोत्र गोत्र के अनुसार बसे हुए देखा। और परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा। तब उसने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, “बोर के पुत्र बिलाम की यह वाणी है, जिस पुरुष की आँखें बन्द थीं उसी की यह वाणी है, ईश्वर के वचनों का सुननेवाला, जो दण्डवत् में पड़ा हुआ खुली हुई आँखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है : कि हे याक़ूब, तेरे डेरे, और हे इस्राएल, तेरे निवास–स्थान क्या ही मनभावने हैं! वे तो घाटियों के समान और नदी के तट की वाटिकाओं के समान ऐसे फैले हुए हैं, जैसे कि यहोवा के लगाए हुए अगर के वृक्ष, और जल के निकट के देवदारु। और उसके घड़ों से जल उमण्डा करेगा और उसका बीज बहुत से जलभरे खेतों में पड़ेगा, और उसका राजा अगाग से भी महान् होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। उसको मिस्र में से परमेश्वर ही निकाले लिये आ रहा है; वह तो बनैले साँड़ के समान बल रखता है, जाति जाति के लोग जो उसके द्रोही हैं उनको वह खा जायेगा, और उनकी हड्डियों को टुकड़े टुकड़े करेगा, और अपने तीरों से उनको बेधेगा। वह दबका बैठा है, वह सिंह या सिंहनी के समान लेट गया है; अब उसको कौन छेड़े? जो कोई तुझे आशीर्वाद दे वह आशीष पाए, और जो कोई तुझे शाप दे वह शापित हो।” तब बालाक का कोप बिलाम पर भड़क उठा; और उसने हाथ पर हाथ पटककर बिलाम से कहा, “मैं ने तुझे अपने शत्रुओं को शाप देने के लिये बुलवाया, परन्तु तू ने तीन बार उन्हें आशीर्वाद ही आशीर्वाद दिया है। इसलिये अब तू अपने स्थान पर भाग जा; मैं ने तो सोचा था कि तेरी बड़ी प्रतिष्ठा करूँगा, परन्तु अब यहोवा ने तुझे प्रतिष्ठा पाने से रोक रखा है।” बिलाम ने बालाक से कहा, “जो दूत तू ने मेरे पास भेजे थे, क्या मैं ने उनसे भी न कहा था, कि चाहे बालाक अपने घर को सोने–चाँदी से भरकर मुझे दे, तौभी मैं यहोवा की आज्ञा तोड़कर अपने मन से न तो भला कर सकता हूँ और न बुरा; जो कुछ यहोवा कहेगा वही मैं कहूँगा? “अब सुन, मैं अपने लोगों के पास लौट कर जाता हूँ; परन्तु पहले मैं तुझे चिता देता हूँ कि अन्त के दिनों में वे लोग तेरी प्रजा से क्या क्या करेंगे।”
जन-गणना 24:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यह देखकर कि यहोवा इस्राएल को आशीष ही दिलाना चाहता है, बिलाम पहले के समान शकुन देखने को न गया, परन्तु अपना मुँह जंगल की ओर कर लिया। और बिलाम ने आँखें उठाई, और इस्राएलियों को अपने गोत्र-गोत्र के अनुसार बसे हुए देखा। और परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा। तब उसने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, “बोर के पुत्र बिलाम की यह वाणी है, जिस पुरुष की आँखें खुली थीं उसी की यह वाणी है, परमेश्वर के वचनों का सुननेवाला, जो दण्डवत् में पड़ा हुआ खुली हुई आँखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है कि हे याकूब, तेरे डेरे, और हे इस्राएल, तेरे निवास-स्थान क्या ही मनभावने हैं! वे तो घाटियों के समान, और नदी के तट की वाटिकाओं के समान ऐसे फैले हुए हैं, जैसे कि यहोवा के लगाए हुए अगर के वृक्ष, और जल के निकट के देवदारू। (इब्रा. 8:2) और उसके घड़ों से जल उमड़ा करेगा, और उसका बीज बहुत से जलभरे खेतों में पडे़गा, और उसका राजा अगाग से भी महान होगा, और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा। उसको मिस्र में से परमेश्वर ही निकाले लिए आ रहा है; वह तो जंगली साँड़ के समान बल रखता है, जाति-जाति के लोग जो उसके द्रोही हैं उनको वह खा जाएगा, और उनकी हड्डियों को टुकड़े-टुकड़े करेगा, और अपने तीरों से उनको बेधेगा। वह घात लगाए बैठा है, वह सिंह या सिंहनी के समान लेट गया है; अब उसको कौन छेड़े? जो कोई तुझे आशीर्वाद दे वह आशीष पाए, और जो कोई तुझे श्राप दे वह श्रापित हो।” तब बालाक का कोप बिलाम पर भड़क उठा; और उसने हाथ पर हाथ पटककर बिलाम से कहा, “मैंने तुझे अपने शत्रुओं को श्राप देने के लिये बुलवाया, परन्तु तूने तीन बार उन्हें आशीर्वाद ही आशीर्वाद दिया है। इसलिए अब तू अपने स्थान पर भाग जा; मैंने तो सोचा था कि तेरी बड़ी प्रतिष्ठा करूँगा, परन्तु अब यहोवा ने तुझे प्रतिष्ठा पाने से रोक रखा है।” बिलाम ने बालाक से कहा, “जो दूत तूने मेरे पास भेजे थे, क्या मैंने उनसे भी न कहा था, कि चाहे बालाक अपने घर को सोने चाँदी से भरकर मुझे दे, तो भी मैं यहोवा की आज्ञा तोड़कर अपने मन से न तो भला कर सकता हूँ और न बुरा; जो कुछ यहोवा कहेगा वही मैं कहूँगा? “अब सुन, मैं अपने लोगों के पास लौटकर जाता हूँ; परन्तु पहले मैं तुझे चेतावनी देता हूँ कि आनेवाले दिनों में वे लोग तेरी प्रजा से क्या-क्या करेंगे।”
जन-गणना 24:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब बिलआम ने यह ध्यान दिया कि इस्राएल को आशीर्वाद देने पर याहवेह प्रसन्न होते हैं, उसने पूर्व अवसरों के समान शकुन ज्ञात करने का प्रयास नहीं किया. उसने निर्जन प्रदेश की ओर अपना मुख स्थिर किया. जब बिलआम ने दृष्टि की, तो उसे गोत्र के अनुसार व्यवस्थित इस्राएली डेरे डाले हुए दिखाई दिए. परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा. उसने अपना वचन शुरू कर दिया: “बेओर के पुत्र बिलआम की वाणी, उस व्यक्ति की वाणी, जिसे दृष्टि दी गई है, यह उसकी वाणी है, जो परमेश्वर के वचन सुनता है, जो सर्वशक्तिमान का दर्शन देखा करता है, वह भूमि पर दंडवत पड़ा है, उसकी दृष्टि खुली है: “याकोब कैसे सुंदर लग रहे हैं, तुम्हारे शिविर, इस्राएल, तुम्हारे डेरे! “जो फैली हुई घाटी के समान है, जो नदी तट के बगीचे के समान है, जो याहवेह द्वारा रोपित अगरू पौधे के समान, जो जल के निकट के देवदार वृक्ष के समान है. जल उसके जल पात्रों से हमेशा बहता रहेगा, उसका बीज जल भरे खेतों के निकट होगा. “उसका राजा, अगाग से भी अधिक महान होगा, उसका राज्य बढ़ता जाएगा. “परमेश्वर उसे मिस्र देश से निकाल लाए; उसके लिए परमेश्वर जंगली सांड़ के सींग के समान हैं, वह उन राष्ट्रों को चट कर जाएगा, जो उसके विरुद्ध हैं, उनकी हड्डियां चूर-चूर हो जाएंगी, वह अपने बाणों से उन्हें नाश कर देगा. वह शेर के समान लेटता तथा विश्राम करता है, किसमें साहस है कि इस शेर को छेड़ें? “सराहनीय हैं वे सब, जो उसे आशीर्वाद देते हैं, शापित हैं, वे सब जो उसे शाप देते हैं!” बिलआम के प्रति बालाक का क्रोध भड़क उठा, अपने हाथ पीटते हुए बिलआम से कहा, “मैंने तुम्हें अपने शत्रुओं को शाप देने के उद्देश्य से यहां बुलाया था और अब देख लो, तुमने उन्हें तीनों बार आशीष ही देने की हठ की है. इसलिये अब भाग जाओ यहां से अपने देश को. मैंने चाहा था, तुम्हें बहुत ही सम्मानित करूंगा; किंतु देख लो, याहवेह ने यह सम्मान भी तुमसे दूर ही रखा है.” बिलआम ने बालाक को उत्तर दिया, “क्या, मैंने आपके द्वारा भेजे गए दूतों के सामने यह स्पष्ट न किया था, ‘चाहे बालाक मेरे घर को चांदी-सोने से भर दे, मेरे लिए याहवेह के आदेश के विरुद्ध अपनी ओर से अच्छाई या बुराई करना असंभव होगा. मैं तो वही कहूंगा, जो याहवेह मुझसे कहेंगे’? फिर अब यह सुन लीजिए: मैं अपने लोगों के बीच में लौट रहा हूं, मैं आपको चेतावनी दूंगा कि भविष्य में ये लोग आपकी प्रजा के साथ क्या-क्या करने पर हैं.”