यह देखकर कि यहोवा इस्राएल को आशीष ही दिलाना चाहता है, बिलाम पहले के समान शकुन देखने को न गया, परन्तु अपना मुँह जंगल की ओर कर लिया। और बिलाम ने आँखें उठाई, और इस्राएलियों को अपने गोत्र-गोत्र के अनुसार बसे हुए देखा। और परमेश्वर का आत्मा उस पर उतरा। तब उसने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा,
“बोर के पुत्र बिलाम की यह वाणी है,
जिस पुरुष की आँखें खुली थीं उसी की यह वाणी है,
परमेश्वर के वचनों का सुननेवाला,
जो दण्डवत् में पड़ा हुआ खुली हुई आँखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है,
उसी की यह वाणी है कि
हे याकूब, तेरे डेरे,
और हे इस्राएल, तेरे निवास-स्थान क्या ही मनभावने हैं!
वे तो घाटियों के समान,
और नदी के तट की वाटिकाओं के समान ऐसे फैले हुए हैं,
जैसे कि यहोवा के लगाए हुए अगर के वृक्ष,
और जल के निकट के देवदारू। (इब्रा. 8:2)
और उसके घड़ों से जल उमड़ा करेगा,
और उसका बीज बहुत से जलभरे खेतों में पडे़गा,
और उसका राजा अगाग से भी महान होगा,
और उसका राज्य बढ़ता ही जाएगा।
उसको मिस्र में से परमेश्वर ही निकाले लिए आ रहा है;
वह तो जंगली साँड़ के समान बल रखता है,
जाति-जाति के लोग जो उसके द्रोही हैं उनको वह खा जाएगा,
और उनकी हड्डियों को टुकड़े-टुकड़े करेगा,
और अपने तीरों से उनको बेधेगा।
वह घात लगाए बैठा है,
वह सिंह या सिंहनी के समान लेट गया है; अब उसको कौन छेड़े?
जो कोई तुझे आशीर्वाद दे वह आशीष पाए,
और जो कोई तुझे श्राप दे वह श्रापित हो।”
तब बालाक का कोप बिलाम पर भड़क उठा; और उसने हाथ पर हाथ पटककर बिलाम से कहा, “मैंने तुझे अपने शत्रुओं को श्राप देने के लिये बुलवाया, परन्तु तूने तीन बार उन्हें आशीर्वाद ही आशीर्वाद दिया है। इसलिए अब तू अपने स्थान पर भाग जा; मैंने तो सोचा था कि तेरी बड़ी प्रतिष्ठा करूँगा, परन्तु अब यहोवा ने तुझे प्रतिष्ठा पाने से रोक रखा है।” बिलाम ने बालाक से कहा, “जो दूत तूने मेरे पास भेजे थे, क्या मैंने उनसे भी न कहा था, कि चाहे बालाक अपने घर को सोने चाँदी से भरकर मुझे दे, तो भी मैं यहोवा की आज्ञा तोड़कर अपने मन से न तो भला कर सकता हूँ और न बुरा; जो कुछ यहोवा कहेगा वही मैं कहूँगा?
“अब सुन, मैं अपने लोगों के पास लौटकर जाता हूँ; परन्तु पहले मैं तुझे चेतावनी देता हूँ कि आनेवाले दिनों में वे लोग तेरी प्रजा से क्या-क्या करेंगे।”