जब बिल्आम ने देखा कि प्रभु की दृष्टि में यह भला है कि इस्राएलियों को आशिष प्राप्त हो, तब वह पहले के समान सगुन विचारने के लिए नहीं गया, वरन् वह निर्जन प्रदेश की ओर मुड़ा। बिल्आम ने आंखें ऊपर उठाईं तो उसने इस्राएलियों को अपने-अपने कुल के अनुसार बसे हुए देखा। परमेश्वर का आत्मा बिल्आम पर उतरा, और उसने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया,
‘बओर के पुत्र, बिल्आम की यह वाणी है,
यह वाणी उस व्यक्ति की है, जो द्रष्टा है।
यह परमेश्वर के वचन सुनने वाले व्यक्ति
की वाणी है,
जो सर्वशक्तिमान के दर्शन को देखनेवाला
दर्शी है;
जो गिरता है, जिसकी आंखें खुली रहती हैं;
ओ याकूब! तेरे तम्बू कितने मनोहर हैं!
ओ इस्राएल, तेरे शिविर कितने सुन्दर हैं।
वे दूर-दूर फैली हुई घाटियों के समान,
या नदी के तट के उद्यानों के सदृश,
अथवा प्रभु के द्वारा रोपे गए अगर-वृक्ष के
समान,
या जलाशय के निकट के देवदार के सदृश
हैं।
याकूब की बालटियों से जल बहेगा,
और उसका बीज जलाशय में अंकुरित
होगा।
उसका राजा, अगग से अधिक महान होगा,
उसका राज्य उन्नत होगा।
परमेश्वर उसे मिस्र देश से बाहर निकाल
रहा है;
वह उसके लिए जंगली सांड के बल के
समान है।
वह उसके बैरी राष्ट्रों को खा जाएगा,
और उनकी हड्डियों को चूर-चूर करेगा,
और तीरों से उनको बेधेगा।
वह घात लगाकर बैठता है,
वह सिंह के सदृश,
अथवा सिंहनी के समान लेटता है।
कौन उसको उठा सकता है?
ओ याकूब, तुझे आशिष देने वाला स्वयं
आशिष प्राप्त करे।
किन्तु तुझे श्राप देनेवाला
स्वयं श्रापित हो।’
तब राजा बालाक का क्रोध बिल्आम के प्रति भड़क उठा। उसने अपने हाथ पर हाथ मारकर बिल्आम से कहा, ‘मैंने अपने शत्रुओं को श्राप देने के लिए तुम्हें बुलाया था। किन्तु देखो, तुमने उन्हें तीन बार आशिष दी। अब, तुम अपने स्थान को भाग जाओ। मैंने कहा था, “मैं निश्चय ही तुम्हें सम्मानित करूँगा।” किन्तु प्रभु ने तुम्हें सम्मानित होने से वंचित कर दिया।’ बिल्आम ने राजा बालाक से कहा, ‘जिन दूतों को आपने मेरे पास भेजा था, क्या मैंने उनसे यह नहीं कहा था, “चाहे बालाक सोना-चांदी से भरा अपना घर प्रदान करें तो भी मैं प्रभु की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करूंगा और अपनी इच्छा के अनुसार भला अथवा बुरा नहीं करूंगा। जो कुछ प्रभु बोलेगा, वही मैं बोलूंगा।” अब, देखिए, मैं अपने भाई-बन्धुओं के पास जा रहा हूं। आइए, मैं आपको बता दूं कि ये इस्राएली लोग आपकी प्रजा के साथ आनेवाले दिनों में क्या करेंगे।’