यशायाह 11:1-5

यशायाह 11:1-5 पवित्र बाइबल (HERV)

यिशै के तने (वंश) से एक छोटा अंकुर (पुत्र) फूटना शुरु होगा। यह अब शाखा यिशै के मूल से फूटेगी। उस पुत्र में यहोवा की आत्मा होगी। वह आत्मा विवेक, समझबूझ, मार्ग दर्शन और शक्ति की आत्मा होगी। वह आत्मा इस पुत्र को यहोवा को समझने और उसका आदर करने में सहायता देगी। यह पुत्र यहोवा का आदर करेगा और इससे वह प्रसन्न होगा। यह पुत्र वस्तुएँ जैसी दिखाई दे रही होगी, उसके अनुसार लोगों का न्याय नहीं करेगा। वह सुनी, सुनाई के आधार पर ही न्याय नहीं करेगा। वह गरीब लोगों का न्याय ईमानदारी और सच्चाई के साथ करेगा। धरती के दीन जनों के लिये जो कुछ करने का निर्णय वह लेगा, उसमें वह पक्षपात रहित होगा। यदि वह यह निर्णय करता है कि लोगों पर मार पड़े तो वह आदेश देगा और उन लोगों पर मार पड़ेगी। यदि वह निर्णय करता है कि उन लोगों की मृत्यु होनी चाहिये तो वह आदेश देगा और उन दुष्टों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। नेकी और सच्चाई इस पुत्र को शक्ति प्रदान करेंगी। उसके लिए नेकी और सच्चाई एक ऐसे कमर बंद के समान होंगे जिसे वह अपनी कमर के चारों ओर लपेटता है।

यशायाह 11:1-5 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

यिशय वंश के तने से एक शाखा निकलेगी; उसकी जड़ से एक टहनी फूटेगी, और फलवंत होगी। प्रभु की आत्‍मा, बुद्धि और समझ की आत्‍मा, सम्‍मत्ति और सामर्थ्य की आत्‍मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्‍मा उस पर ठहरी रहेगी। प्रभु का भय ही उसका आनन्‍द होगा। वह केवल मुंह देखकर न्‍याय नहीं करेगा; वह केवल कान से सुनकर निर्णय नहीं देगा; वरन् वह गरीबों का न्‍याय धार्मिकता से करेगा, वह पृथ्‍वी के दीन-दलितों का निर्णय निष्‍पक्षता से करेगा। वह अपने शब्‍द-रूपी डंडे से अत्‍याचारियों पर प्रहार करेगा; वह मुंह की फूंक से दुष्‍टों का नाश करेगा। धर्म ही उसकी शक्‍ति, सच्‍चाई ही उसका सामर्थ्य होगी।

यशायाह 11:1-5 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकल कर फलवन्त होगी। और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। ओर उसको यहोवा का भय सुगन्ध सा भाएगा॥ वह मुंह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा; परन्तु वह कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपने फूंक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्चाई होगी॥

यशायाह 11:1-5 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब यिशै के ठूँठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी। यहोवा का आत्मा, बुद्धि और समझ का आत्मा, युक्‍ति और पराक्रम का आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय का आत्मा उस पर ठहरा रहेगा। और उसको यहोवा का भय सुगन्ध–सा भाएगा। वह मुँह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा; परन्तु वह कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपने फूँक के झोंके से दुष्‍ट को मिटा डालेगा। उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्‍चाई होगी।

यशायाह 11:1-5 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब यिशै के ठूँठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी। (प्रेरि. 13:23, यिर्म. 23:5, प्रका. 22:16) और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। (इफि. 1:17, यशा. 42:1, यूह. 14:17) ओर उसको यहोवा का भय सुगन्ध—सा भाएगा। वह मुँह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा; (यूह. 8:15,16, यूह. 7:24) परन्तु वह कंगालों का न्याय धार्मिकता से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपनी फूँक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। (2 थिस्स. 2:8, प्रका. 19:15, नीति. 31:8,9) उसकी कटि का फेंटा धार्मिकता और उसकी कमर का फेंटा सच्चाई होगी। (यशा. 59:17, इफि. 6:14)