2 शमूएल 13:21-39

2 शमूएल 13:21-39 पवित्र बाइबल (HERV)

राजा दाऊद को इसकी सूचना मिली। वह बहुत क्रोधित हुआ। अबशालोम अम्नोन से घृणा करता था। अबशालोम ने अच्छा या बुरा अम्नोन से कुछ नहीं कहा। वह अम्नोन से घृणा करता था क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहन के साथ कुकर्म किया था। दो वर्ष बाद कुछ व्यक्ति एप्रैम के पास बाल्हासोर में अबशालोम की भेड़ों का ऊन काटने आये। अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को आने और देखने के लिये आमन्त्रित किया। अबशालोम राजा के पास गया और उससे कहा, “मेरे पास कुछ व्यक्ति मेरी भेड़ों से ऊन काटने आ रहे हैं। कृपया अपने सेवकों के साथ आएँ और देखें।” राजा दाऊद ने अबशालोम से कहा, “पुत्र नहीं। हम सभी नहीं जाएंगे। इससे तुम्हें परेशानी होगी।” अबशालोम ने दाऊद से चलने की प्रार्थना की। दाऊद नहीं गया, किन्तु उसने आशीर्वाद दिया। अबशालोम ने कहा, “यदि आप जाना नहीं चाहते तो, कृपाकर मेरे भाई अम्नोन को मेरे साथ जाने दें।” राजा दाऊद ने अबशालोम से पूछा, “वह तुम्हारे साथ क्यों जाये?” अबशालोम दाऊद से प्रार्थना करता रहा। अन्त में दाऊद ने अम्नोन और सभी राजपुत्रों को अबशालोम के साथ जाने दिया। तब अबशालोम ने अपने सवेकों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “अम्नोन पर नजर रखो। जब वह नशे में धुत होगा तब मैं तुम्हें आदेश दूँगा अम्नोन को जान से मार डालो। सजा पाने से डरो नहीं। आखिरकार, तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। अब शक्तिशाली और वीर बनों।” अबशालोम के युवकों ने अबशालोम के आदेश के अनुसार अम्नोन को मार डाला। किन्तु दाऊद के अन्य पुत्र बच निकले। हर एक पुत्र अपने खच्चर पर बैठा और भाग गया। जब राजा के पुत्र मार्ग में थे, दाऊद को सूचना मिली। सूचना यह थी, “अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को मार डाला है! कोई भी पुत्र बचा नहीं है।” राजा दाऊद ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और धरती पर लेट गया। दाऊद के पास खड़े उसके सभी सेवकों ने भी अपने वस्त्र फाड़ डाले। किन्तु शिमा (दाऊद के भाई) के पुत्र योनादाब ने दाऊद से कहा, “ऐसा मत सोचो कि राजा के सभी युवक पुत्र मार डाले गए हैं। नहीं, यह केवल अम्नोन है जो मारा गया है। जब से अम्नोन ने उसकी बहन तामार के साथ कुकर्म किया था तभी से अबशालोम ने यह योजना बनाई थी। मेरे स्वामी राजा यह न सोचें कि सभी राजपुत्र मारे गए हैं। केवल अम्नोन ही मारा गया।” अबशालोम भाग गया। एक रक्षक नगर प्राचीर पर खड़ा था। उसने पहाड़ी की दूसरी ओर से कई व्यक्तियों को आते देखा। इसलिये योनादाब ने राजा दाऊद से कहा, “देखो, मैं बिल्कुल सही था। राजा के पुत्र आ रहें हैं।” जब योनादाब ने ये बातें कहीं तभी राजपुत्र आ गए। वे जोर जोर से रो रहे थे। दाऊद और उसके सभी सेवक रोने लगे। वे सभी बहुत विलाप कर रहे थे। दाऊद अपने पुत्र (अम्नोन) के लिये बहुत दिनों तक रोया। अबशालोम गशूर के राजा अम्मीहूर के पुत्र तल्मै के पास भाग गया। अबशालोम के गशूर भाग जाने के बाद, वह वहाँ तीन वर्ष तक ठहरा। अम्नोन की मृत्यु के बाद दाऊद शान्त हो गया। लेकिन अबशालोम उसे बहुत याद आता था।

2 शमूएल 13:21-39 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

राजा दाऊद ने ये बातें सुनीं। वह अत्‍यन्‍त क्रुद्ध हुआ। किन्‍तु उसने अपने पुत्र अम्‍नोन को दण्‍ड नहीं दिया। अम्‍नोन उसका ज्‍येष्‍ठ पुत्र था, और दाऊद उससे प्रेम करता था। अबशालोम ने भी अम्‍नोन से भला-बुरा कुछ नहीं कहा। पर वह अम्‍नोन से घृणा करने लगा; क्‍योंकि अम्‍नोन ने उसकी बहिन तामार से बलात्‍कार किया था। दो वर्ष के बाद यह घटना घटी : अबशालोम ने एफ्रइम प्रदेश के निकट बअल-हासोर पहाड़ी क्षेत्र में भेड़ों का ऊन काटा। उसने सब राजकुमारों को निमन्‍त्रण दिया। वह राजा दाऊद के पास आया। उसने कहा, ‘महाराज, मैंने, आपके सेवक ने, भेड़ों का ऊन काटा है। अत: कृपाकर, महाराज, आप और आपके समस्‍त दरबारी इस सेवक के साथ चलें।’ परन्‍तु राजा दाऊद ने अबशालोम से यह कहा, ‘नहीं, मेरे पुत्र, हम सब नहीं जाएँगे। अन्‍यथा हम तेरे लिए भार बन जाएँगे।’ अबशालोम ने उससे आग्रह किया। परन्‍तु दाऊद ने जाने से इन्‍कार कर दिया। फिर भी उसने उसे आशीर्वाद दिया। तब अबशालोम ने कहा, ‘यदि आप नहीं आएँगे तो, कृपाकर, मेरे भाई अम्‍नोन को हमारे साथ जाने दीजिए।’ राजा दाऊद ने उससे कहा, ‘उसे तेरे साथ क्‍यों जाना चाहिए?’ किन्‍तु अबशालोम ने उस पर दबाव डाला। अत: उसने अम्‍नोन तथा अन्‍य राजकुमारों को उसके साथ भेज दिया। अबशालोम ने राजभोज तैयार किया। उसने अपने सेवकों को यह आदेश दिया, ‘ध्‍यान से मेरी बात सुनो। जब अम्‍नोन शराब पीकर मदहोश हो जाएगा, और जब मैं तुम से यह कहूँगा : “अम्‍नोन पर वार करो,” तब तुम उसे मार डालना। मत डरना। मैंने तुम्‍हें इस बात का आदेश दिया है। साहसी बनो! शूरवीर बनो!’ जैसा आदेश अबशालोम ने अपने सेवकों को दिया था, उन्‍होंने अम्‍नोन के साथ वैसा ही किया। अन्‍य राजकुमार भोज से उठे। वे अपने-अपने खच्‍चर पर सवार हुए और भाग गए। जब राजकुमार मार्ग में थे तब यह उड़ती खबर दाऊद तक पहुँची : ‘अबशालोम ने सब राजकुमारों को मार डाला है। एक भी राजकुमार नहीं बचा।’ राजा दाऊद तुरन्‍त उठा। उसने शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े। वह भूमि पर लेट गया। उसके साथ सब दरबारियों ने भी अपने वस्‍त्र फाड़े। दाऊद के भाई शिमआह के पुत्र योनादब ने कहा, ‘मेरे स्‍वामी यह न सोचें कि उन्‍होंने सब राजकुमारों को मार डाला है। महाराज, केवल अम्‍नोन ही मारे गए हैं। जिस दिन अम्‍नोन ने अबशालोम की बहिन तामार से बलात्‍कार किया था, उसी दिन से अबशालोम की आज्ञा से इस बात का निश्‍चय कर लिया गया था। इसलिए अब महाराज मेरे स्‍वामी, अपने हृदय में यह बात न रखें कि सब राजकुमार मारे गए हैं। केवल अम्‍नोन ही मारे गए हैं।’ अबशालोम भाग गया। पहरे पर तैनात प्रहरी ने आँख उठाकर ऊपर देखा। उसने यह देखा कि एक विशाल समुदाय होरोनइम मार्ग से पहाड़ की ढाल पर उतर रहा है। प्रहरी राजा के पास आया। उसने राजा को यह बताया। उसने कहा, ‘महाराज, मैंने लोगों को होरोनइम मार्ग से पहाड़ की ढाल पर उतरते हुए देखा है।’ योनादब ने राजा से यह कहा, ‘महाराज, आपके सेवक ने जैसा कहा था वैसा ही हुआ। देखिए, राजकुमार आ गए।’ अभी उसकी बात समाप्‍त नहीं हुई थी कि राजकुमार आ गए। वे जोर-जोर से रोने लगे। राजा और उसके दरबारी भी फूट-फूट कर रोने लगे। अबशालोम भाग कर गशूर के राजा अम्‍मीहूद के पुत्र तलमइ के पास चला गया। दाऊद अपने पुत्र के लिए दिन-प्रतिदिन शोक मनाता रहा। अबशालोम गशूर में तीन वर्ष तक रहा। दाऊद अबशालोम के पास जाने के लिए विकल था। अम्‍नोन की मृत्‍यु से उत्‍पन्न उसका दु:ख अब शान्‍त हो गया था।

2 शमूएल 13:21-39 Hindi Holy Bible (HHBD)

जब ये सब बातें दाऊद राजा के कान में पडीं, तब वह बहुत झुंझला उठा। और अबशालोम ने अम्नोन से भला-बुरा कुछ न कहा, क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहिन तामार को भ्रष्ट किया था, इस कारण अबशालोम उस से घृणा रखता था। दो वर्ष के बाद अबशालोम ने एप्रैम के निकट के बाल्हासोर में अपनी भेड़ों का ऊन कतरवाया और अबशालोम ने सब राजकुमारों को नेवता दिया। वह राजा के पास जा कर कहनलगा, बिनती यह है, कि तेरे दास की भेड़ों का ऊन कतरा जाता है, इसलिये राजा अपने कर्मचारियो समेत अपने दास के संग चले। राजा ने अबशालोम से कहा, हे मेरे बेटे, ऐसा नहीं; हम सब न चलेंगे, ऐसा न हो कि तुझे अधिक कष्ट हो। तब अबशालोम ने उसे बिनती करके दबाया, परन्तु उसने जाने से इनकार किया, तौभी उसे आशीर्वाद दिया। तब अबशालोम ने कहा, यदि तू नहीं तो मेरे भाई अम्नोन को हमारे संग जाने दे। राजा ने उस से पूछा, वह तेरे संग क्यों चले? परन्तु अबशालोम ने उसे ऐसा दबाया कि उसने अम्नोन और सब राजकुमारों को उसके साथ जाने दिया। और अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, कि सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूं, अम्नोन को मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूं? हियाव बान्धकर पुरुषार्थ करना। तो अबशालोम के सेवकों ने अम्नोन के साथ अबशालोम की आज्ञा के अनुसार किया। तब सब राजकुमार उठ खड़े हुए, और अपने अपने खच्चर पर चढ़कर भाग गए। वे मार्ग ही में थे, कि दाऊद को यह समाचार मिला कि अबशालोम ने सब राजकुमारों को मार डाला, और उन में से एक भी नहीं बचा। तब दाऊद ने उठ कर अपने वस्त्र फाड़े, और भूमि पर गिर पड़ा, और उसके सब कर्मचारी वस्त्र फाड़े हुए उसके पास खड़े रहे। तब दाऊद के भाई शिमा के पुत्र योनादाब ने कहा, मेरा प्रभु यह न समझे कि सब जवान, अर्थात राजकुमार मार डाले गए हैं, केवल अम्नोन मारा गया है; क्योंकि जिस दिन उसने अबशालोम की बहिन तामार को भ्रष्ट किया, उसी दिन से अबशालोम की आज्ञा से ऐसी ही बात ठनी थी। इसलिये अब मेरा प्रभु राजा अपने मन में यह समझकर कि सब राजकुमार मर गए उदास न हो; क्योंकि केवल अम्नोन ही मर गया है। इतने में अबशालोम भाग गया। और जो जवान पहरा देता था उसने आंखें उठा कर देखा, कि पीछे की ओर से पहाड़ के पास के मार्ग से बहुत लोग चले आ रहे हैं। तब योनादाब ने राजा से कहा, देख, राजकुमार तो आ गए हैं; जैसा तेरे दास ने कहा था वैसा ही हुआ। वह कह ही चुका था, कि राजकुमार पहुंच गए, और चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे; और राजा भी अपने सब कर्मचारियों समेत बिलख बिलख कर रोने लगा। अबशालोम तो भागकर गशूर के राजा अम्मीहूर के पुत्र तल्मै के पास गया। और दाऊद अपने पुत्र के लिये दिन दिन विलाप करता रहा। जब अबशालोम भागकर गशूर को गया, तब वहां तीन वर्ष तक रहा। और दाऊद के मन में अबशालोम के पास जाने की बड़ी लालसा रही; क्योंकि अम्नोन जो मर गया था, इस कारण उसने उसके विषय में शान्ति पाई।

2 शमूएल 13:21-39 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जब ये सब बातें दाऊद राजा के कान में पड़ीं, तब वह बहुत झुँझला उठा। परन्तु अबशालोम ने अम्नोन से भला–बुरा कुछ न कहा, क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहिन तामार को भ्रष्‍ट किया था, इस कारण अबशालोम उससे घृणा करता था। दो वर्ष के बाद अबशालोम ने एप्रैम के निकट बाल्हासोर में अपनी भेड़ों का ऊन कतरवाया, और अबशालोम ने सब राजकुमारों को नेवता दिया। वह राजा के पास जाकर कहने लगा, “विनती यह है, कि तेरे दास की भेड़ों का ऊन कतरा जाता है, इसलिये राजा अपने कर्मचारियों समेत अपने दास के संग चले।” राजा ने अबशालोम से कहा, “हे मेरे बेटे, ऐसा नहीं; हम सब न चलेंगे, ऐसा न हो कि तुझे अधिक कष्‍ट हो।” तब अबशालोम ने विनती करके उस पर दबाव डाला, परन्तु उसने जाने से इन्कार किया, तौभी उसे आशीर्वाद दिया। तब अबशालोम ने कहा, “यदि तू नहीं तो मेरे भाई अम्नोन को हमारे संग जाने दे।” राजा ने उससे पूछा, “वह तेरे संग क्यों चले?” परन्तु अबशालोम ने उसे ऐसा दबाया कि उसने अम्नोन और सब राजकुमारों को उसके साथ जाने दिया। तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मारो,’ तब निडर होकर उसको मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।” अत: अबशालोम के सेवकों ने अम्नोन के साथ अबशालोम की आज्ञा के अनुसार किया। तब सब राजकुमार उठ खड़े हुए, और अपने अपने खच्‍चर पर चढ़कर भाग गए। वे मार्ग ही में थे, कि दाऊद को यह समाचार मिला, “अबशालोम ने सब राजकुमारों को मार डाला, और उनमें से एक भी नहीं बचा।” तब दाऊद ने उठकर अपने वस्त्र फाड़े, और भूमि पर गिर पड़ा, और उसके सब कर्मचारी वस्त्र फाड़े हुए उसके पास खड़े रहे। तब दाऊद के भाई शिमा के पुत्र योनादाब ने कहा, “मेरा प्रभु यह न समझे कि सब जवान, अर्थात् राजकुमार मार डाले गए हैं, केवल अम्नोन मारा गया है; क्योंकि जिस दिन उसने अबशालोम की बहिन तामार को भ्रष्‍ट किया, उसी दिन से अबशालोम की आज्ञा से ऐसी ही बात निश्‍चित थी। इसलिये अब मेरा प्रभु राजा अपने मन में यह समझकर कि सब राजकुमार मर गए उदास न हो; क्योंकि केवल अम्नोन ही मारा गया है।” इतने में अबशालोम भाग गया। और जो जवान पहरा देता था उसने आँखें उठाकर देखा, कि पीछे की ओर से पहाड़ के पास के मार्ग से बहुत लोग चले आ रहे हैं। तब योनादाब ने राजा से कहा, “देख, राजकुमार आ गए हैं; जैसा तेरे दास ने कहा था वैसा ही हुआ।” वह कह ही चुका था, कि राजकुमार पहुँच गए, और चिल्‍ला चिल्‍लाकर रोने लगे; और राजा भी अपने सब कर्मचारियों समेत बिलख बिलख कर रोने लगा। अबशालोम तो भागकर गशूर के राजा अम्मीहूर के पुत्र तल्मै के पास गया। और दाऊद अपने पुत्र के लिये दिन दिन विलाप करता रहा। अत: अबशालोम भागकर गशूर को गया, और वहाँ तीन वर्ष तक रहा। दाऊद के मन में अबशालोम के पास जाने की बड़ी लालसा रही; क्योंकि अम्नोन जो मर गया था, इस कारण उसने उसके विषय में शान्ति पाई।

2 शमूएल 13:21-39 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जब ये सब बातें दाऊद राजा के कान में पड़ीं, तब वह बहुत झुँझला उठा। और अबशालोम ने अम्नोन से भला-बुरा कुछ न कहा, क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहन तामार को भ्रष्ट किया था, इस कारण अबशालोम उससे घृणा करता था। दो वर्ष के बाद अबशालोम ने एप्रैम के निकट के बाल्हासोर में अपनी भेड़ों का ऊन कतरवाया और अबशालोम ने सब राजकुमारों को नेवता दिया। वह राजा के पास जाकर कहने लगा, “विनती यह है, कि तेरे दास की भेड़ों का ऊन कतरा जाता है, इसलिए राजा अपने कर्मचारियों समेत अपने दास के संग चले।” राजा ने अबशालोम से कहा, “हे मेरे बेटे, ऐसा नहीं; हम सब न चलेंगे, ऐसा न हो कि तुझे अधिक कष्ट हो।” तब अबशालोम ने विनती करके उस पर दबाव डाला, परन्तु उसने जाने से इन्कार किया, तो भी उसे आशीर्वाद दिया। तब अबशालोम ने कहा, “यदि तू नहीं तो मेरे भाई अम्नोन को हमारे संग जाने दे।” राजा ने उससे पूछा, “वह तेरे संग क्यों चले?” परन्तु अबशालोम ने उसे ऐसा दबाया कि उसने अम्नोन और सब राजकुमारों को उसके साथ जाने दिया। तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मार डालना।’ क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।” अतः अबशालोम के सेवकों ने अम्नोन के साथ अबशालोम की आज्ञा के अनुसार किया। तब सब राजकुमार उठ खड़े हुए, और अपने-अपने खच्चर पर चढ़कर भाग गए। वे मार्ग ही में थे, कि दाऊद को यह समाचार मिला, “अबशालोम ने सब राजकुमारों को मार डाला, और उनमें से एक भी नहीं बचा।” तब दाऊद ने उठकर अपने वस्त्र फाड़े, और भूमि पर गिर पड़ा, और उसके सब कर्मचारी वस्त्र फाड़े हुए उसके पास खड़े रहे। तब दाऊद के भाई शिमआह के पुत्र योनादाब ने कहा, “मेरा प्रभु यह न समझे कि सब जवान, अर्थात् राजकुमार मार डाले गए हैं, केवल अम्नोन मारा गया है; क्योंकि जिस दिन उसने अबशालोम की बहन तामार को भ्रष्ट किया, उसी दिन से अबशालोम की आज्ञा से ऐसी ही बात निश्चित थी। इसलिए अब मेरा प्रभु राजा अपने मन में यह समझकर कि सब राजकुमार मर गए उदास न हो; क्योंकि केवल अम्नोन ही मारा गया है।” इतने में अबशालोम भाग गया। और जो जवान पहरा देता था उसने आँखें उठाकर देखा, कि पीछे की ओर से पहाड़ के पास के मार्ग से बहुत लोग चले आ रहे हैं। तब योनादाब ने राजा से कहा, “देख, राजकुमार तो आ गए हैं; जैसा तेरे दास ने कहा था वैसा ही हुआ।” वह कह ही चुका था, कि राजकुमार पहुँच गए, और चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे; और राजा भी अपने सब कर्मचारियों समेत बिलख-बिलख कर रोने लगा। अबशालोम तो भागकर गशूर के राजा अम्मीहूद के पुत्र तल्मै के पास गया। और दाऊद अपने पुत्र के लिये दिन-दिन विलाप करता रहा। अतः अबशालोम भागकर गशूर को गया, तब वहाँ तीन वर्ष तक रहा। दाऊद के मन में अबशालोम के पास जाने की बड़ी लालसा रही; क्योंकि अम्नोन जो मर गया था, इस कारण उसने उसके विषय में शान्ति पाई।

2 शमूएल 13:21-39 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस घटना का समाचार सुनकर राजा दावीद बहुत क्रुद्ध हो गए. अबशालोम ने अम्मोन से भला-बुरा कुछ भी न कहा. अम्मोन ने उसकी बहन को भ्रष्‍ट किया था, इसलिए अबशालोम अम्मोन से घृणा करने लगा. इस घटना के बाद दो वर्ष पूर्ण होने पर अबशालोम ने राजा के सारे पुत्रों को बाल-हाज़ोर नामक स्थान पर आमंत्रित किया. यह स्थान एफ्राईम के निकट था. यहीं अबशालोम के भेड़ के ऊन कतरनेवाले चुने गए थे. अबशालोम ने राजा के निकट जाकर उनसे विनती की, “कृपा कर सुनिए: आपके सेवक ने भेड़ के ऊन कतरनेवाले चुने हैं. कृपया महाराज और उनके सेवक मेरे साथ वहां पधारे.” मगर राजा ने अबशालोम को उत्तर दिया, “नहीं मेरे पुत्र, हम सबका वहां जाना सही न होगा. हम सब तुम्हारे लिए बोझ बन जाएंगे.” अबशालोम विनती करता रहा मगर राजा मना करते रहे. हां, राजा ने अबशालोम को आशीर्वाद अवश्य दिया. इस स्थिति में अबशालोम ने अपने पिता से कहा, “अच्छा, यदि आप नहीं जा सकते तो हमारे साथ मेरे भाई अम्मोन को ही जाने दे.” इस पर राजा ने प्रश्न किया, “क्यों? वह क्यों जाएगा तुम्हारे साथ?” मगर जब अबशालोम विनती करता ही रहा, दावीद ने अम्मोन और सारे राजपुत्रों को उसके साथ जाने की आज्ञा दे दी. अबशालोम ने अपने सेवकों को आदेश दे रखा था, “देखते रहना! जब अम्मोन दाखमधु से नशे में हो जाए, और जब मैं तुम्हें आदेश दूं, ‘अम्मोन पर वार करो,’ तब तुम उसे घात कर देना. ज़रा भी न झिझकना. स्वयं मैं तुम्हें यह आदेश दे रहा हूं; साहस बनाए रखना और वीरता दिखाना.” अबशालोम के सेवकों ने इस आदेश का पूरा-पूरा पालन किया. वह होते ही सभी राजपुत्र अपने-अपने घोड़ों पर सवार हो भाग गए. जब वे सब मार्ग में ही थे, दावीद को यह समाचार इस प्रकार भेजा गया: “अबशालोम ने सभी राजपुत्रों का संहार कर दिया है; एक भी जीवित शेष न रहा है.” यह सुनकर राजा ने शोक में अपने वस्त्र फाड़ दिए, और उठकर भूमि पर जा लेटे. उनके निकट सभी सेवकों ने भी अपने वस्त्र फाड़ दिए. मगर दावीद के भाई सिमअह के पुत्र योनादाब ने आश्वासन दिया, “मेरे प्रभु, यह न मान लें कि उन्होंने सारे युवा राजपुत्रों का संहार कर दिया है. वध मात्र अम्मोन का ही किया गया है. इसका निश्चय अबशालोम ने उसी दिन कर लिया था, जिस दिन अम्मोन ने अपनी बहन तामार से बलात्कार किया था. मेरे स्वामी महाराज, इस विचार से उदास न हों, कि सारे राजपुत्रों का संहार किया जा चुका है, क्योंकि सिर्फ अम्मोन का ही संहार किया गया है.” इसी बीच अबशालोम वहां से भाग निकला. वहां नियुक्त युवा पहरेदार ने दृष्टि की, तो देखा कि उसके पीछे के मार्ग से पर्वत की एक ओर से अनेक लोग चले आ रहे थे. योनादाब ने राजा से कहा, “देखिए राजपुत्र लौट आए हैं! ठीक वैसा ही हुआ है, जैसे आपके सेवक ने आपको कहा था.” वह यह कह ही रहा था, कि राजपुत्र आ पहुंचे और ऊंची आवाज में रोने लगे. उनके साथ राजा और सारे सेवक भी फूट-फूटकर रोने लगे. इस समय अबशालोम कूच करके गेशूर के राजा अम्मीहूद के पुत्र तालमाई की शरण में जा पहुंचा. राजा दावीद अपने पुत्र के लिए हर रोज़ रोते रहे. अबशालोम भागकर गेशूर नामक स्थान पर गया और वहां तीन साल तक रहता रहा. राजा दावीद का हृदय अबशालोम से मिलने के लिए व्याकुल रहता था. अब उन्हें अम्मोन मृत्यु के विषय में शांति प्राप्‍त हो चुकी थी.