निर्गमन 25:13-40

निर्गमन 25:13-40 HINOVBSI

फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना। और डण्डों को सन्दूक के दोनों ओर के कड़ों में डालना, जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना। “फिर चोखे सोने का एक प्रायश्‍चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्‍चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्‍चित्त के ढकने को एक ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना। उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्‍चित्त का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने–सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्‍चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्‍चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा। “फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो। उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे। वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डण्डों के घरों का काम दें कि मेज़ उन्हीं के बल उठाई जाए। डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज उन्हीं से उठाई जाए। और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उंडेलने के कटोरे, सब चोखे सोने के बनवाना। और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियाँ नित्य रखा करना। “फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें; और उसके किनारों से छ: डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट के एक ओर से और तीन डालियाँ उसके दूसरी ओर से निकली हुई हों; एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गाँठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गाँठ और फूल समेत हों; और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गाँठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों। उनकी गाँठें और डालियाँ, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना। और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएँ कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें। उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों। वह सब इन समस्त सामान समेत किक्‍कार भर चोखे सोने का बने। और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।