निर्गमन 25:13-40

निर्गमन 25:13-40 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना। और डण्डों को सन्दूक के दोनों ओर के कड़ों में डालना, जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना। “फिर चोखे सोने का एक प्रायश्‍चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्‍चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्‍चित्त के ढकने को एक ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना। उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्‍चित्त का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने–सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्‍चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्‍चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा। “फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो। उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे। वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डण्डों के घरों का काम दें कि मेज़ उन्हीं के बल उठाई जाए। डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज उन्हीं से उठाई जाए। और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उंडेलने के कटोरे, सब चोखे सोने के बनवाना। और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियाँ नित्य रखा करना। “फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें; और उसके किनारों से छ: डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट के एक ओर से और तीन डालियाँ उसके दूसरी ओर से निकली हुई हों; एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गाँठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गाँठ और फूल समेत हों; और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गाँठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों। उनकी गाँठें और डालियाँ, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना। और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएँ कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें। उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों। वह सब इन समस्त सामान समेत किक्‍कार भर चोखे सोने का बने। और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।

निर्गमन 25:13-40 पवित्र बाइबल (HERV)

तब सन्दूक ले चलने के लिए बल्लियाँ बनाओ। ये बल्लियाँ बबूल की लकड़ी की बनी हों और सोने से मढ़ी होनी चाहिए। सन्दूक के बगलों के कोनों पर लगे कड़ों में इन बल्लियों को डाल देना। इन बल्लियों का उपयोग सन्दूक को ले जाने के लिए करो। ये बल्लियाँ सन्दूक के कड़ों में सदा पड़ी रहनी चाहिए। बल्लियों को बाहर न निकालो।” परमेश्वर ने कहा, “मैं तुम्हें साक्षीपत्र दूँगा। इस साक्षीपत्र को इस सन्दूक में रखो। तब एक ढक्कन बनाओ। इसे शुद्ध सोने का बनाओ। इसे पैंतालिस इंच लम्बा और सत्ताईस इंच चौड़ा बनाओ। तब दो करूब बनाओ और उन्हें ढक्कन के दोनों सिरों पर लगाओ। इन करूबों को बनाने के लिए स्वर्ण पत्रों का उपयोग करो। एक करूब को ढक्कन के एक सिरे पर लगाओ तथा दूसरे को दूसरे सिरे पर। करूब और ढक्कन को परस्पर जोड़ कर के एक इकाई के रूप में बनाया जाए। करूब एक दूसरे के आमने—सामने होने चाहिए। करूबों के मुख ढक्कन की ओर देखते हुए होने चाहिए। करूबों के पंख ढक्कन पर फैले हों। “मैंने तुमको साक्षीपत्र का जो प्रमाण दिया है उसे साक्षीपत्र के सन्दूक में रखो और विशेष ढक्कन से सन्दूक को बन्द करो। जब मैं तुमसे मिलूँगा तब मैं करूबों के बीच से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक के विशेष ढक्कन पर है, बात करूँगा। मैं अपने सभी आदेश इस्राएल के लोगों को उसी स्थान से दूँगा।” “बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनाओ। मेज़ छत्तीस इंच लम्बी अट्ठारह इंच चौड़ी और सत्ताईस इंच ऊँची होना चाहिए। मेज़ को शुद्ध सोने से मढ़ो और उसके चारों ओर सोने की झालर लगाओ। तब तीन इंच चौड़ा सोने का चौखरा मेज के ऊपर चारों ओर जड़ दो और उसके चारों ओर सोने की झालर लगाओ। तब सोने के चार कड़े बनाओ और मेज़ के चारों कोनों पर पायों के पास लगाओ। हर एक पाए पर एक कड़ा लगा दो। जो मेज़ के ऊपर की चारों ओर की सजावट के समीप हो। इन कड़ों में मेज़ को ले जाने के लिए बनी बल्लियाँ फँसी होंगी। बल्लियोँ को बनाने के लिए बबूल की लकड़ी का उपयोग करो और उन्हें सोने से मढ़ो। बल्लियाँ मेज़ को ले जाने के लिए हैं। पात्र, तवे, मर्तबान और अर्ध के लिए कटोरे इन सबको शुद्ध सोने का बनाना। विशेष रोटी मेज़ पर मेरे सम्मुख रखो। यह सदैव मेरे सम्मुख वहाँ रहनी चाहिए।” “तब तुम्हें एक दीपाधार बनाना चाहिए। दीपाधार के हर एक भाग को बनाने के लिए शुद्ध सोने के पत्तर तैयार करो। सुन्दर दिखने के लिए दीप पर फूल बनाओ। ये फूल, इनकी कलियाँ और पंखुडियाँ शुद्ध सोने की बनी होनी चाहिए और वे सभी चीज़ें एक ही में जुड़ी हुई होनी चाहिए। “दीपाधार की छः शाखाएँ होनी चाहिए। तीन शाखाएँ एक ओर और तीन शाखाएँ दूसरी ओर होनी चाहिए। हर शाखा पर बादाम के आकार के तीन प्याले होने चाहिए। हर प्याले के साथ एक कली और एक फूल होना चाहिए। और स्वयं दीपाधार पर बादाम के फूल के आकार के चार और प्याले होने चाहिए। इन प्यालों के साथ भी कली और फूल होने चाहिए। दीपाधार से निकलने वाली छः शाखाएँ दो दो के तीन भागों में बटीं होनी चाहिए। हर एक दो शाखाओं के जोड़े के नीचे एक एक कली बनाओ जो दीपाधार से निकलती हो। ये सभी शाखाएँ और कलियाँ दीपाधार के साथ एक इकाई बननी चाहिए। और हर एक चीज शुद्ध सोने से तैयार की जानी चाहिए। तब सात छोटे दीपक दीपाधार पर रखे जाने के लिए बनाओ। ये दीपक दीपाधार के सामने के स्थान को प्रकाश देंगे। दीपक की बतियाँ बुझाने के पात्र और तश्तरियाँ शुद्ध सोने की बनानी चाहिए। पचहत्तर पौंड शुद्ध सोने का उपयोग दीपाधार और इसके साथ की सभी चीज़ों को बनाने में करें। सावधानी के साथ हर एक चीज़ ठीक—ठीक उसी ढँग से बनायी जाए जैसी मैंने पर्वत पर तुम्हें दिखाई है।”

निर्गमन 25:13-40 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तू बबूल की लकड़ी के डण्‍डे बनाना और उन्‍हें सोने से मढ़ना। तू डण्‍डों को मंजूषा के दोनों ओर के कड़ों में डालना जिससे उनके सहारे मंजूषा को उठाया जा सके। डण्‍डे मंजूषा के कड़ों में लगे रहेंगे। वे उससे अलग नहीं किए जाएँगे। जो साक्षी-पत्र मैं तुझे दूँगा, उसे मंजूषा में रखना। ‘तत्‍पश्‍चात् तू शुद्ध सोने का दया-आसन बनाना। उसकी लम्‍बाई एक मीटर साढ़े बारह सेंटीमीटर, और चौड़ाई साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर होगी। सोने के दो करूब बनाना। तू दया-आसन के दोनों छोर पर उन्‍हें ढाल पर बनाना: एक करूब एक छोर पर और दूसरा करूब दूसरे छोर पर। दया-आसन को, और उसके दोनों छोर पर करूबों को धातु के एक ही टुकड़े से बनाना। करूब अपने पंखों को इस प्रकार ऊपर फैलाएँ कि उनके पंखों से दया-आसन ढका रहे और उनके मुख आमने-सामने हों। करूबों के मुख दया-आसन की ओर रहेंगे। तू दया-आसन को मंजूषा के ऊपर स्‍थापित करना। जो साक्षी-पत्र मैं तुझे दूँगा, उसे मंजूषा में रखना। मैं वहाँ तुझसे भेंट किया करूँगा। जो आज्ञाएँ मैं तुझे इस्राएली समाज के लिए दूँगा, उनके विषय में मैं तुझसे दया-आसन के ऊपर से, साक्षी-मंजूषा पर स्‍थापित दोनों करूबों के मध्‍य से, वार्तालाप करूँगा। ‘तू बबूल की लकड़ी की एक मेज़ बनाना। उसकी लम्‍बाई नब्‍बे सेंटीमीटर, चौड़ाई पैंतालीस सेंटीमीटर, और ऊंचाई साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर होगी। तू उसे शुद्ध सोने से मढ़ना और उसके चारों ओर सोने की भित्ती बनाना। तू उसके चारों ओर साढ़े सात सेंटीमीटर चौड़ा चौखटा बनाना और इस चौखटे के चारों ओर सोने की भित्ती बनाना। तू उसके लिए सोने के चार कड़े बनाना, और उसके चारों पायों के किनारे में कड़ों को लगा देना। चारों कड़े चौखटे के निकट ही होने चाहिए जिससे वे मेज़ को उठाने के लिए डण्‍डों के जकड़-पट्टे का काम दें। तू बबूल की लकड़ी के डण्‍डे बनाना, और उन्‍हें सोने से मढ़ना। मेज़ उन्‍हीं के सहारे उठाई जाएगी। तू धूप के लिए परात, धूपदान, तथा पेयार्पण के लिए सुराहियाँ और चषक बनाना। तू इन्‍हें शुद्ध सोने से बनाना। तू मेज़ पर मेरे सम्‍मुख भेंट की रोटियाँ निरन्‍तर रखना। ‘तू शुद्ध सोने का एक दीपाधार बनाना। उसका पाया और डण्‍डी सोना ढालकर बनाए जाएँ। उसके पुष्‍प-कोष, गाँठ और फूल धातु के एक ही टुकड़े से बनाना। उसकी छ: शाखाएँ निकली होंगी। दीपाधार की एक ओर तीन शाखाएँ और दूसरी ओर तीन शाखाएँ रहेंगी। प्रत्‍येक शाखा में बादाम की बौंड़ी के समान तीन पुष्‍पकोष, एक गांठ और एक फूल होंगे। दीपाधार की छ: शाखाओं में ऐसा ही होगा। दीपाधार की डण्‍डी में भी बादाम की बौंड़ी के समान चार पुष्‍प-कोष, अपनी-अपनी गांठ और फूल के साथ होंगे। दीपाधार की डण्‍डी पर छ: शाखाओं की एक-एक जोड़ी-शाखा के नीचे एक-एक गांठ होगी। गांठे और डण्‍डी धातु के एक ही टुकड़े से बनाई जाएँगी। गांठे और शाखाएँ भी धातु के एक ही टुकड़े से बनाई जाएँगी। शुद्ध सोना ढालकर पूरा दीपाधार एक ही टुकड़े से बनाना। तू उसके लिए सात दीपक बनाना। उनको इस प्रकार जलते हुए रखना कि उनका प्रकाश सामने के स्‍थान पर पड़े। उसके गुलतराश और गुलदान शुद्ध सोने के होंगे। दीपाधार और उसके सब पात्र लगभग पैंतीस किलो शुद्ध सोने से बनाए जाएँगे। ध्‍यान रखना कि ये वस्‍तुएँ अपने-अपने ढांचे के अनुरूप बनाई जाएँ, जो मैंने तुझे पहाड़ पर दिखाया है।

निर्गमन 25:13-40 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हे भी सोने से मढ़वाना। और डण्डों को सन्दूक की दोनोंअलंगों के कड़ों में डालना जिस से उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएं। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूंगा उसे उसी सन्दूक में रखना। फिर चोखे सोने का एक प्रायश्चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित्त के ढकने को उसके ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनो सिरों पर लगवाना। और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित्त का ढकना उन से ढंपा रहे, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूंगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूंगा; और इस्त्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएं मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूंगा॥ फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊंचाई डेढ़ हाथ की हो। उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे। वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डण्डों के घरों का काम दें कि मेज़ उन्हीं के बल उठाई जाए। और डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज़ उन्हीं से उठाई जाए। और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उंडेलने के कटोरे, सब चोखे सोने के बनवाना। और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियां नित्य रखा करना॥ फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गांठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें; और उसकी अलंगों से छ: डालियां निकलें, तीन डालियां तो दीवट की एक अलंग से और तीन डालियां उसकी दूसरी अलंग से निकली हुई हों; एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गांठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गांठ और फूल समेत हों; और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गांठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों। उनकी गांठे और डालियां, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना। और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएं कि वे दीवट के साम्हने प्रकाश दें। और उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों। वह सब इन समस्त सामान समेत किक्कार भर चोखे सोने का बने। और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है॥

निर्गमन 25:13-40 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना। और डण्डों को सन्दूक के दोनों ओर के कड़ों में डालना, जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना। “फिर चोखे सोने का एक प्रायश्‍चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्‍चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्‍चित्त के ढकने को एक ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना। उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्‍चित्त का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने–सामने और प्रायश्‍चित्त के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्‍चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्‍चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा। “फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो। उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे। वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डण्डों के घरों का काम दें कि मेज़ उन्हीं के बल उठाई जाए। डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज उन्हीं से उठाई जाए। और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उंडेलने के कटोरे, सब चोखे सोने के बनवाना। और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियाँ नित्य रखा करना। “फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें; और उसके किनारों से छ: डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट के एक ओर से और तीन डालियाँ उसके दूसरी ओर से निकली हुई हों; एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गाँठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गाँठ और फूल समेत हों; और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गाँठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों। उनकी गाँठें और डालियाँ, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना। और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएँ कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें। उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों। वह सब इन समस्त सामान समेत किक्‍कार भर चोखे सोने का बने। और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।

निर्गमन 25:13-40 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर बबूल की लकड़ी के डंडे बनवाना, और उन्हें भी सोने से मढ़वाना। और डंडों को सन्दूक की दोनों ओर के कड़ों में डालना जिससे उनके बल सन्दूक उठाया जाए। वे डंडे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएँ। और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे उसी सन्दूक में रखना। “फिर शुद्ध सोने का एक प्रायश्चित का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई ढाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्चित के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित के ढकने को उसके ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना। और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित का ढकना उनसे ढँपा रहे, और उनके मुख आमने-सामने और प्रायश्चित के ढकने की ओर रहें। और प्रायश्चित के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूँगा; और इस्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएँ मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभी के विषय मैं प्रायश्चित के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूँगा। “फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊँचाई डेढ़ हाथ की हो। उसे शुद्ध सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना। और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे। वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डंडों के घरों का काम दें कि मेज उन्हीं के बल उठाई जाए। और डंडों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज उन्हीं से उठाई जाए। और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उण्डेलने के कटोरे, सब शुद्ध सोने के बनवाना। और मेज पर मेरे आगे भेंट की रोटियाँ नित्य रखा करना। “फिर शुद्ध सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवा कर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें; और उसके किनारों से छः डालियाँ निकलें, तीन डालियाँ तो दीवट की एक ओर से और तीन डालियाँ उसकी दूसरी ओर से निकली हुई हों; एक-एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन-तीन पुष्पकोष, एक-एक गाँठ, और एक-एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी-अपनी गाँठ और फूल समेत हों; और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो-दो डालियों के नीचे एक-एक गाँठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकड़े के बने हुए हों। उनकी गाँठें और डालियाँ, सब दीवट समेत एक ही टुकड़े की हों, शुद्ध सोना ढलवा कर पूरा दीवट एक ही टुकड़े का बनवाना। और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएँ कि वे दीवट के सामने प्रकाश दें। और उसके गुलतराश और गुलदान सब शुद्ध सोने के हों। वह सब इन समस्त सामान समेत किक्कार भर शुद्ध सोने का बने। और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।

निर्गमन 25:13-40 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

फिर बबूल की लकड़ी से डंडे बनवाना, उस पर भी सोना लगाना. डंडों को दोनों तरफ के कड़ों में डालना ताकि संदूक को उठाना आसान हो. डंडे को संदूक की कड़ों में से न हटाना. मैं तुम्हें एक साक्षी पट्टिया दूंगा, उसे उस संदूक में रखना. “सोने से करुणासन बनाना, जो एक सौ दस सेंटीमीटर लंबा तथा सत्तर सेंटीमीटर चौड़ा होगा. सोने के पत्रों से दो करूबों को बनाकर करुणासन के दोनों ओर लगाना. एक करूब एक तरफ तथा दूसरा करूब दूसरी तरफ लगाना. ये करूब करुणासन के साथ ऐसे जुड़े हों, मानो यह एक ही हो. करूबों के पंख ऊपर से ऐसे खुले हों जिससे करुणासन उनसे ढका रह सके और वे एक दूसरे के आमने-सामने तथा उनके मुंह करुणासन की ओर झुके हुए हों. करुणासन को संदूक के ऊपर लगाना और साक्षी पट्टिया जो मैं तुम्हें दूंगा उसे संदूक के अंदर रखना. और मैं करुणासन के ऊपर से तुमसे मिलूंगा और इस्राएलियों के लिए जितनी आज्ञा मैं तुम्हें दूंगा वह संदूक के अंदर रखना. “तुम बबूल की लकड़ी से एक मेज़ बनाना. जो नब्बे सेंटीमीटर लंबी, पैंतालीस सेंटीमीटर चौड़ी और साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर ऊंची होगी. मेज़ पर पूरा सोना लगाना मेज़ की किनारी भी सोने की बनाना. मेज़ के चारों ओर सोने की साढ़े सात सेंटीमीटर चौड़ी पट्टी लगाना और चारों तरफ से इस पट्टी को सोने से मढ़ना. मेज़ के लिए सोने के चार कड़े बनाना और मेज़ के चारों पैरों के ऊपर के कोनों पर इन सोने के कड़ों को लगाना. कड़े पट्टी के पास लगाना ताकि मेज़ उठाने के लिये डंडे इन कड़ों में डाले जा सके. डंडे बबूल की लकड़ी से बनाकर उस पर सोना चढ़ाना. डंडे के सहारे से ही मेज़ को उठाया जाए. तुम धूप के लिए थालियों, तवों, कटोरियों तथा सुराहियां, चम्मच सब सोने से बनवाना. मेज़ पर मेरे सामने भेंट की रोटी हमेशा रखना. “फिर शुद्ध सोने का एक दीपस्तंभ बनाना. उसके आधार तथा उसके डंडे को बनाना, और उसमें फूलों के समान प्याले बनाना. प्यालों के साथ कलियां और खिले हुए पुष्प हों. ये सभी चीज़ें सोना पीटकर एक ही इकाई में परस्पर जुड़ी हुई हो. दीये से छः डालियां निकलें, तीन एक तरफ और तीन दूसरी तरफ रखना. हर डाली में बादाम के फूल जैसी तीन कलियां और एक गांठ हों, और एक फूल दीये से बाहर निकली हुई, पूरी छः डालियों को इसी आकार से बनाना. दीये की डंडी में चार फूल बनाना, जिसमें बादाम के फूल के समान कलियां तथा पंखुड़ियां बनाना. दीये से निकली हुई छः डालियों में से दो-दो डालियों के नीचे एक-एक गांठ हों और दीये समेत एक ही टुकड़े से बने हो. कलियां, शाखाएं और दीप का स्तंभ शुद्ध सोने को पीटकर बने हो. “सात दीये बनाना और सातों दीयों को जलाए रखना ताकि वे रोशनी दे सकें. चिमटियां तथा इन्हें रखने के बर्तन भी सोने के हों. ये पूरा सामान लगभग पैंतीस किलो सोने से बना हो. सावधानी से इन सभी चीज़ों को बिलकुल वैसा ही बनाना जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था.