प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं, वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुँझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियाँ हों, तो समाप्त हो जाएँगी; भाषाएँ हों, तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा। क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी; परन्तु जब सर्वसिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा। जब मैं बालक था, तो मैं बालकों के समान बोलता था, बालकों का सा मन था, बालकों की सी समझ थी; परन्तु जब सियाना हो गया तो बालकों की बातें छोड़ दीं। अभी हमें दर्पण में धुँधला सा दिखाई देता है, परन्तु उस समय आमने–सामने देखेंगे; इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है, परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूँगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूँ। पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थायी हैं, पर इन में सबसे बड़ा प्रेम है।
1 कुरिन्थियों 13 पढ़िए
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सभी संस्करणों की तुलना करें: 1 कुरिन्थियों 13:4-13
चार दिन
इस बात को जानें कि किस प्रकार आप परमेश्वर के प्रेम और दयालुता के माध्यम बन सकते हैं जब आप यीशु के उदाहरण का अनुसरण करते हैं --- वह जिसकी दया में कभी कमी नहीं होती है।
18 दिन
कुछ समय से परमेश्वर मुझे दोबारा यूहन्ना 15 के पास ले आ रहा है। इन हालातों में यह मेरे पावों के लिए दीपक और रास्ते के लिए ज्योति बन गया है। मैं आपको आमंत्रित करती हूं इन वचनों के कुछ मुख्य विषयों पर मनन करने; जानने, बढ़ने, और प्रेम करने के लिए। English Title: Know, Grow, Show - Reflections on John 15 by Navaz DCruz
28 दिन
बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|
7 Days
Whether we suffer emotional or physical wounds, forgiveness is the cornerstone of the Christian life. Jesus Christ experience all kinds of unfair and unjust treatment, even to the point of a wrongful death. Yet in his final hour, he forgave the mocking thief on the other cross and his executioners.
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