कोमल उत्तर देने से क्रोध शान्त हो जाता है; परन्तु कटु वचन से क्रोधाग्नि धधक उठती है। बुद्धिमान के कंठ से ज्ञान की धारा प्रवाहित होती है; किन्तु मूर्ख अपने मुंह से केवल मूर्खता ही निकालता है। प्रभु की दृष्टि सर्वव्यापी है; प्रभु हमारे प्रत्येक कार्य को देखता है, चाहे हम भला करें, चाहे बुरा! मधुर वचन बोलनेवाली जिह्वा जीवन का वृक्ष है; पर छल-कपट की बातें बोलनेवाली जीभ से आत्मा को कष्ट होता है। मूर्ख पुत्र अपने पिता की शिक्षाप्रद बातों का तिरस्कार करता है; परन्तु जो पुत्र अपने पिता की डांट-डपट को स्वीकार करता है, वह व्यवहारकुशल बन जाता है। धार्मिक मनुष्य के घर में बहुत धन रहता है, परन्तु दुर्जन की आमदनी में घुन लग जाता है। बुद्धिमान अपनी वाणी से ज्ञान का प्रसार करता है; पर मूर्ख का मस्तिष्क ऐसा नहीं कर पाता।
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