जन-गणना 7
7
प्रतिष्ठा-भेंट
1जिस दिन मूसा ने निवास-स्थान को खड़ा किया, उसको तथा उसके समस्त उपकरणों को अभ्यंजित एवं पवित्र किया और वेदी को भी उसके समस्त पात्रों के साथ अभ्यंजित एवं पवित्र किया#नि 40:17 2उस दिन इस्राएल के नेताओं ने चढ़ावा चढ़ाया। ये अपने पूर्वजों के परिवारों के मुखिया, कुलों के नेता थे, जो जनगणना के लिए नियुक्त किए गए थे। 3वे प्रभु के सम्मुख अपना चढ़ावा लाए : छतवाली छह गाड़ियाँ और बारह बैल। दो नेताओं की ओर से एक बैल। उन्होंने उनको निवास-स्थान के सम्मुख चढ़ाया। 4प्रभु ने मूसा से कहा, 5‘यह चढ़ावा उनके हाथ से ग्रहण कर जिससे वह मिलन-शिविर के सेवा-कार्यों में प्रयुक्त किया जाए। यह लेवी वंशीय प्रत्येक व्यक्ति के सेवा-कार्य के अनुसार उसको दे देना।’ 6अत: मूसा ने गाड़ियाँ तथा बैल ग्रहण किए और उन्हें लेवी वंशियों को सौंप दिया। 7उन्होंने दो गाड़ी तथा चार बैल गेर्शोनियों के सेवा-कार्य के अनुसार उनको दिए। 8चार गाड़ी तथा आठ बैल मरारियों के सेवा-कार्य के अनुसार उनको दिए। ये पुरोहित हारून के पुत्र ईतामर के अधीन कार्य करते थे। 9किन्तु मूसा ने कहात वंशियों को कुछ नहीं दिया; क्योंकि उनका पवित्र वस्तुओं से सम्बन्धित यह सेवा-कार्य था कि वे उनको अपने कन्धों पर वहन किया करें।
10जिस दिन वेदी को अभ्यंजित किया गया, उस दिन नेताओं ने “प्रतिष्ठा भेंट” चढ़ाई। नेताओं ने वेदी के सम्मुख अपना-अपना चढ़ावा चढ़ाया। 11प्रभु ने मूसा से कहा, ‘प्रत्येक दिन एक नेता वेदी की प्रतिष्ठा-भेंट के हेतु अपना चढ़ावा चढ़ाएगा।’
12पहले दिन चढ़ावा चढ़ानेवाला व्यक्ति यहूदा कुल के अम्मीनादब का पुत्र नहशोन था। 13यह उसका चढ़ावा था : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 14धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 15अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 16पाप-बलि के लिए एक बकरा; 17सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीनादब के पुत्र नहशोन का यही चढ़ावा था।
18दूसरे दिन इस्साकार कुल के नेता, सूआर के पुत्र नतनेल ने चढ़ावा चढ़ाया। 19उसने अपने चढ़ावे में यह चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 20धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 21अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 22पाप-बलि के लिए एक बकरा; 23सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। सूआर के पुत्र नतनेल का यही चढ़ावा था।
24तीसरे दिन जबूलून वंशियों के नेता, हेलोन के पुत्र एलीआब ने 25अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 26धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 27अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 28पाप-बलि के लिए एक बकरा; 29सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। हेलोन के पुत्र एलीआब का यही चढ़ावा था।
30चौथे दिन रूबेन वंशियों के नेता, शदेऊर के पुत्र एलीसूर ने 31अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 32धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 33अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 34पाप-बलि के लिए एक बकरा; 35सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। शदेऊर के पुत्र एलीसूर का यही चढ़ावा था।
36पांचवें दिन शिमोन वंशियों के नेता, सूरीशद्दय के पुत्र शलूमीएल ने 37अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 38धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 39अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 40पाप-बलि के लिए एक बकरा; 41सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। सूरीशद्दय के पुत्र शलूमीएल का यही चढ़ावा था।
42छठे दिन गाद वंशियों के नेता, दूएल के पुत्र एलयासप ने 43अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 44धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 45अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 46पाप-बलि के लिए एक बकरा; 47सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। दूएल के पुत्र एलयासप का यही चढ़ावा था।
48सातवें दिन एफ्रइम वंशियों के नेता, अम्मीहूद के पुत्र एलीशामा ने 49अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 50धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 51अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 52पाप-बलि के लिए एक बकरा; 53सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीहूद के पुत्र एलीशामा का यही चढ़ावा था।
54आठवें दिन मनश्शे वंशियों के नेता, पदासूर के पुत्र गम्लीएल ने 55अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 56धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 57अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 58पाप-बलि के लिए एक बकरा; 59सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। पदासूर के पुत्र गम्लीएल का यही चढ़ावा था।
60नौवें दिन बिन्यामिन वंशियों के नेता, गिद्ओनी के पुत्र अबीदन ने 61अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 62धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 63अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 64पाप-बलि के लिए एक बकरा; 65सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। गिद्ओनी के पुत्र अबीदन का यही चढ़ावा था।
66दसवें दिन दान वंशियों के नेता, अम्मीशद्दय के पुत्र अहीएजर ने 67अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 68धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 69अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 70पाप-बलि के लिए एक बकरा; 71सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। अम्मीशद्दय के पुत्र अहीएजर का यही चढ़ावा था।
72ग्यारहवें दिन आशेर वंशियों के नेता, ओक्रन के पुत्र पगईएल ने 73अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 74धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 75अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 76पाप-बलि के लिए एक बकरा; 77सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। ओक्रन के पुत्र पगईएल का यही चढ़ावा था।
78बारहवें दिन नफ्ताली वंशियों के नेता, एनन के पुत्र अहीर ने 79अपना चढ़ावा चढ़ाया : चांदी का एक परात, जिसका भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार डेढ़ किलो था, और आठ सौ ग्राम चांदी की एक चिलमची−दोनों पात्रों में अन्न-बलि के लिए तेल सम्मिश्रित मैदा भरा था−; 80धूप से भरा एक सौ बीस ग्राम का स्वर्ण-धूपदान; 81अग्नि-बलि के लिए एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक एक-वर्षीय मेमना; 82पाप-बलि के लिए एक बकरा; 83सहभागिता-बलि के लिए दो बैल, पांच मेढ़े, पांच बकरे और एक-एक वर्ष के पांच मेमने। एनन के पुत्र अहीर का यही चढ़ावा था।
84जिस दिन वेदी को अभ्यंजित किया गया, उस दिन इस्राएल के नेताओं की ओर से वेदी के लिए यही ‘प्रतिष्ठा भेंट’ चढ़ाई गई : चांदी के बारह परात, चांदी की बारह चिलमची, बारह स्वर्ण-धूपदान। 85प्रत्येक परात का भार डेढ़ किलो, हरएक चिलमची का भार आठ सौ ग्राम था। इस प्रकार चांदी के समस्त पात्रों का भार पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार सत्ताईस किलो छ: सौ ग्राम था। 86पवित्र-स्थान की तौल के अनुसार प्रत्येक धूपदान का भार एक सौ बीस ग्राम था। धूप से भरे बारह स्वर्ण-धूपदान थे। इस प्रकार धूपदानों का स्वर्ण-भार एक किलो चार सौ चालीस ग्राम था। 87अग्नि-बलि के लिए अन्न-बलि के साथ कुल बारह बैल, बारह मेढ़े, एक-एक वर्ष के बारह मेमने, तथा पाप-बलि के लिए बारह बकरे। 88सहभागिता-बलि के लिए कुल चौबीस बैल, साठ मेढ़े, साठ बकरे, एक-एक वर्ष के साठ मेमने। वेदी के अभ्यंजन के पश्चात् वेदी के लिए चढ़ाई गई ‘प्रतिष्ठा भेंट’ यही थी।
89मूसा प्रभु से वार्तालाप करने के लिए मिलन-शिविर में गए। वहाँ उन्होंने दया-आसन के ऊपर साक्षी-मंजूषा पर स्थापित दोनों करूबों के मध्य से यह वाणी सुनी, जो उनसे बात कर रही थी।
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