यहेजकेल 13

13
झूठे नबियों के विरुद्ध प्रभु का वचन
1प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा, 2‘ओ मानव, नबूवत कर; इस्राएली राष्‍ट्र के नबियों के विरुद्ध नबूवत कर! ये अपने मन से नबुवत करते हैं, और जनता से कहते हैं, “प्रभु का सन्‍देश सुनो।” #यिर 14:14 3स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : इन मूर्ख नबियों को धिक्‍कार है! ये अपनी आत्‍मा का अनुसरण करते हैं। मैंने इनको अपना दर्शन कभी नहीं दिया। 4ओ इस्राएली राष्‍ट्र! तेरे ये नबी खण्‍डहरों में रहनेवाली लोमड़ियों की तरह हैं। 5ओ नबियो! न तुमने शहरपनाह की दरारें भरीं, और न इस्राएली कुल के लिए शहरपनाह बनाई कि वह प्रभु के दिन युद्ध में स्‍थिर रहे। 6ओ नबियो, तुमने झूठी भविष्‍यवाणी की, और तुम झूठा शकुन विचार कर कहते रहे, “प्रभु यह कहता है” जबकि मैंने तुमको भेजा ही नहीं था। तुम मुझसे आशा करते हो कि मैं तुम्‍हारी झूठी भविष्‍यवाणी को पूरा करूं? 7क्‍या तुम्‍हारे दर्शन की बात सफेद झूठ नहीं है? क्‍या तुम झूठमूठ शकुन नहीं विचारते? तुम कहते हो, “प्रभु यह कहता है,” जबकि मैं तुम से कुछ कहता भी नहीं।’
8स्‍वामी-प्रभु यों कहता है, ‘ओ नबियो, तुमने झूठी बातें कहीं, और झूठे दर्शन देखे, इसलिए, देखो मैं तुम्‍हारे विरुद्ध हूं। स्‍वामी-प्रभु की यह वाणी है। 9झूठी भविष्‍यवाणी करनेवाले और झूठे शकुन विचारनेवाले नबियों पर मैं अपना हाथ उठाऊंगा। ये झूठे नबी मेरे निज लोगों के समाज में सम्‍मिलित नहीं हो सकेंगे, और न ही इस्राएली कुल की नामावली में इनके नाम लिखे जाएंगे। ये इस्राएल देश में कदम भी नहीं रख सकेंगे। तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि मैं ही स्‍वामी-प्रभु हूं। 10ओ झूठे नबियो, तुमने, हां तुमने, मेरे निज लोगों को बहकाया है। तुम कहते हो, “शान्‍ति है” जबकि कहीं शान्‍ति है ही नहीं। लोग दीवार खड़ी करते हैं, तो मानो तुम उस पर लीपा-पोती करते हो!#यिर 6:14
11‘ओ मानव, लीपा-पोती करनेवाले झूठे नबियों से कह कि दीवार ढह जाएगी; क्‍योंकि शीघ्र ही मूसलाधार वर्षा होगी। बड़े-बड़े ओले गिरेंगे और प्रचण्‍ड आंधी बहेगी। 12जब दीवार गिर जाएगी तब क्‍या लोग तुमसे यह न कहेंगे, “तुमने दीवार पर जो लिपाई-पुताई की थी, वह कहां गई?” 13इसलिए स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : मैं क्रोध से प्रचण्‍ड आंधी बहाऊंगा। मेरे प्रकोप के कारण मूसलाधार वर्षा होगी। मैं गुस्‍से में बड़े-बड़े ओले गिराऊंगा, और उसको नष्‍ट कर दूंगा। 14ओ नबियो, जिस दीवार की तुमने लिपाई-पुताई की है, उसको मैं धूल में मिला दूंगा। मैं उसकी नींव तक उखाड़ दूंगा। जब वह गिरेगी तब तुम भी उस में दब कर मर जाओगे। तब तुम्‍हें मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं। 15इस प्रकार मैं दीवार पर, और उसको पोतनेवाले नबियों पर अपना क्रोध उतारूंगा। तब मैं तुमसे पूछूंगा, “कहां गई तुम्‍हारी दीवार, और कहां गए उसको पोतनेवाले?” 16ये इस्राएल के नबी यरूशलेम के कुशल-मंगल की नबूवत करते थे। ये यरूशलेम की शान्‍ति के दर्शन देखते थे, जबकि वहां शान्‍ति थी ही नहीं। स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।
झूठी नबियाओं को दण्‍ड मिलेगा
17‘ओ मानव, अब तू अपने जाति भाई-बन्‍धुओं की पुत्रियों के विरुद्ध अपना मुंह खोल। ये अपने मन से भविष्‍यवाणी करती हैं। तू झूठी भविष्‍यवाणी करनेवाली इन नबियाओं के विरुद्ध नबूवत कर। 18उनसे कह, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम प्राणियों का शिकार करने के लिए ताबीज बनाती हो और बुरकों की सिलाई करती हो। तुम उनको सब लोगों की कलाइयों पर बान्‍धती, और हर एक कद के लोगों के सिरों पर ओढ़ाती हो। तुम मेरे निज लोगों के प्राणों का शिकार करती हो और अपनी जीविका के लिए दूसरे प्राणों को छोड़ देती हो। क्‍या यह उचित है? 19तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्‍द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्‍मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्‍हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्‍हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्‍द करती है।
20‘इसलिए स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : तुम जिन ताबीजों के माध्‍यम से प्राणियों का शिकार करती हो, मैं, उनके विरुद्ध हूं। मैं उनको, तुम्‍हारे भुजबन्‍धों को, बाहों से उतरवा लूंगा, और प्राणियों को तुम्‍हारे जाल से मुक्‍त कर पंछी की तरह उड़ा दूंगा। 21मैं तुम्‍हारे बुरके नोंचकर फेंक दूंगा, और अपने निज लोगों को तुम्‍हारे हाथ से मुक्‍त करूंगा। वे फिर कभी तुम्‍हारे हाथों का शिकार नहीं बनेंगे। तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
22‘मैंने धार्मिक व्यक्‍ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्‍यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्‍साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता। 23इसलिए, ओ नबियाओ! तुम फिर कभी झूठा दर्शन नहीं देखोगी, और न शकुन विचार सकोगी। मैं तुम्‍हारे चंगुल से अपने निज लोगों को मुक्‍त करूंगा। तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।’

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