1 इतिहास 22

22
1दाऊद ने कहा, ‘इस स्‍थान पर प्रभु परमेश्‍वर का भवन होगा, और यहीं इस्राएली राष्‍ट्र के लिए अग्‍नि-बलि की वेदी भी बनेगी।’
मन्‍दिर-निर्माण की तैयारी
2इस्राएल देश में विदेशी मजदूर थे। दाऊद ने उनको एकत्र होने का आदेश दिया। तत्‍पश्‍चात् उसने परमेश्‍वर का भवन बनाने के लिए पत्‍थरों को काटने-छांटने के उद्देश्‍य से शिल्‍पकार नियुक्‍त किए। 3फिर दाऊद ने फाटकों के किवाड़ों के लिए कीले और अंकुड़े बनाने के लिए बहुत लोहा, और अत्‍यधिक मात्रा में पीतल इकट्ठा किया। 4उसने देवदार के असंख्‍य लट्ठे भी एकत्र किए। सीदोन और सोर देशों के व्‍यापारी दाऊद के पास अपार मात्रा में देवदार की इमारती लकड़ी लाए।
5दाऊद यह सोचता था, ‘मेरा पुत्र सुलेमान अभी किशोर है। उसे अनुभव नहीं है। जो भवन प्रभु के लिए बनाया जाएगा, उसको अत्‍यन्‍त विशाल होना चाहिए ताकि समस्‍त देशों में उसका नाम और भव्‍यता की चर्चा हो। अत: मैं भवन-निर्माण की तैयारी करूंगा।’ यह सोचकर दाऊद ने अपनी मृत्‍यु के पूर्व अत्‍यधिक मात्रा में इमारती साज-सामान एकत्र कर लिया।
6एक दिन दाऊद ने अपने पुत्र सुलेमान को बुलाया, और उसको इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के लिए भवन बनाने का आदेश दिया। 7दाऊद ने सुलेमान से यह कहा, ‘मेरे पुत्र, मेरी हार्दिक इच्‍छा थी कि मैं अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम की प्रतिष्‍ठा के लिए एक भवन बनाऊं।#2 शम 7:2 8परन्‍तु प्रभु का यह वचन मैंने सुना है: “तूने बहुत रक्‍त बहाया है। तूने बड़ी-बड़ी लड़ाइयां लड़ीं। अत: तू मेरे नाम पर भवन नहीं बनाएगा। तूने मेरे सम्‍मुख धरती पर बहुत रक्‍त बहाया है। 9देख, तुझे एक पुत्र उत्‍पन्न होगा। वह शान्‍ति-प्रिय होगा। मैं उसके चहुंओर के शत्रुओं से उसको मुक्‍त रखूंगा और शान्‍ति प्रदान करूंगा। उसका नाम सुलेमान होगा। मैं उसके शासनकाल में इस्राएली राष्‍ट्र को शान्‍ति#22:9 मूल इब्रानी में ‘शलोमो’ (सुलेमान) और ‘शालोम’ (शान्‍ति) और चैन प्रदान करूंगा। 10वह मेरे नाम पर एक भवन बनाएगा। वह मेरा पुत्र होगा, और मैं उसका पिता। मैं इस्राएल देश में उसके राज्‍य-सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए सुदृढ़ कर दूंगा।”
11‘अब, मेरे पुत्र, प्रभु तेरे साथ हो! जैसा उसने तेरे विषय में कहा है, वैसा ही तू अपने प्रभु परमेश्‍वर के लिए भवन बनाने में सफल हो! 12प्रभु तुझे समझ और बुद्धि प्रदान करे। इस प्रकार जब तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे इस्राएली राष्‍ट्र का शासक नियुक्‍त करेगा, तब तू उसकी व्‍यवस्‍था का पालन कर सके। 13जो संविधियां और न्‍याय-सिद्धान्‍त प्रभु ने इस्राएली राष्‍ट्र के लिए मूसा को दिए थे, यदि तू उनका पालन करने में तत्‍पर रहेगा तो तू फूलेगा-फलेगा। शक्‍तिशाली और साहसी बन! भयभीत मत हो! निराश मत हो!#यहो 1:7; व्‍य 31:23 14मैंने दु:ख-तकलीफ सहकर प्रभु के भवन के लिए पैंतीस लाख किलो सोना और साढ़े तीन करोड़ किलो चांदी#22:14 मूल में, ‘एक लाख किक्‍कार सोना और दस लाख किक्‍कार चांदी’। तथा इतना पीतल और लोहा इकट्ठा किया है, कि उसको तोला नहीं जा सकता है! मैंने भवन के लिए इमारती लकड़ी और पत्‍थर भी इकट्ठा किया है। तू इनको और इकट्ठा करना। 15तेरे पास असंख्‍य कारीगर हैं: शिल्‍पकार, राज, बढ़ई, तथा सब प्रकार की पच्‍ची-कारीगरी करने वाले अगणित कारीगर; 16सोने, चांदी, पीतल और लोहे का कार्य करने वाले कुशल सुनार। उठ! कार्य आरम्‍भ कर! प्रभु तेरे साथ हो!’
17दाऊद ने इस्राएली राष्‍ट्र के उच्‍चाधिकारियों को आदेश दिया कि वे उसके पुत्र सुलेमान की सहायता करें। दाऊद ने कहा, 18‘क्‍या प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हारे साथ नहीं है? क्‍या उसने तुम्‍हारे चारों ओर शान्‍ति प्रदान नहीं की है? उसने इस देश के निवासियों को मेरे हाथ में सौंप दिया है। सारा देश प्रभु के सम्‍मुख उसके निज लोग इस्राएलियों के अधीन हो गया है। 19अत: अब तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर अपना प्राण और हृदय केन्‍द्रित करो, और उसकी खोज करो। उठो, और प्रभु परमेश्‍वर के पवित्र स्‍थान का निर्माण करो, ताकि प्रभु के नाम की प्रतिष्‍ठा के लिए निर्मित भवन में प्रभु की विधान-मंजूषा और परमेश्‍वर के पवित्र पात्र रखे जा सकें।’

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