तब उसने अपने शिष्यों को पास बुलाकर उनसे कहा,“मैं तुमसे सच कहता हूँ कि इस मंदिर-कोष में डालनेवालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से अधिक डाला है। क्योंकि सब ने अपनी भरपूरी में से डाला है, परंतु इसने अपने अभाव में से जो कुछ उसके पास था, वह सब, अर्थात् अपनी संपूर्ण जीविका डाल दी है।”