मारकुस 12:29-31
मारकुस 12:29-31 पवित्र बाइबल (HERV)
यीशु ने उत्तर दिया, “सबसे महत्त्वपूर्ण आदेश यह है: ‘हे इस्राएल, सुन! केवल हमारा परमेश्वर ही एकमात्र प्रभु है। समूचे मन से, समूचे जीवन से, समूची बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से तुझे प्रभु अपने परमेश्वर से प्रेम करना चाहिये।’ दूसरा आदेश यह है: ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम कर जैसे तू अपने आप से करता है।’ इन आदेशों से बड़ा और कोई आदेश नहीं है।”
मारकुस 12:29-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
येशु ने उत्तर दिया, “पहली आज्ञा यह है : ‘इस्राएल सुनो! हमारा प्रभु परमेश्वर एकमात्र प्रभु है। अपने प्रभु परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण हृदय, सम्पूर्ण प्राण, सम्पूर्ण बुद्धि और सम्पूर्ण शक्ति से प्रेम करो।’ दूसरी आज्ञा यह है, ‘अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।’ इन से बड़ी कोई आज्ञा नहीं।”
मारकुस 12:29-31 Hindi Holy Bible (HHBD)
यीशु ने उसे उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है; हे इस्राएल सुन; प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है। और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।
मारकुस 12:29-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यीशु ने उसे उत्तर दिया, “सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है : ‘हे इस्राएल सुन! प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है, और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से, और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।’ और दूसरी यह है, ‘तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना। ’ इससे बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।”
मारकुस 12:29-31 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यीशु ने उसे उत्तर दिया, “सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है: ‘हे इस्राएल सुन, प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है। और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से, और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।’ और दूसरी यह है, ‘तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना।’ इससे बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।”
मारकुस 12:29-31 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
मसीह येशु ने उत्तर दिया, “सबसे बड़ी आज्ञा है: ‘सुनो, इस्राएलियो! प्रभु हमारे परमेश्वर अद्वितीय प्रभु हैं. तुम प्रभु तुम्हारे परमेश्वर से अपने सारे हृदय, सारे प्राण, सारे समझ तथा सारी शक्ति से प्रेम करो.’ दूसरी आज्ञा है, ‘तुम अपने पड़ोसी से अपने ही समान प्रेम करो.’ इनसे बढ़कर कोई और आज्ञा है ही नहीं.”