‘देखो, आज मैं तुम्हारे सम्मुख आशिष और श्राप रखता हूँ : यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं को सुनोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ, तो परमेश्वर से तुम्हें आशिष प्राप्त होगी। किन्तु यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं को नहीं सुनोगे, और उस मार्ग से भटक जाओगे, जिस पर चलने का आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ, और उन देवताओं का अनुसरण करोगे, जिन्हें तुम नहीं जानते हो, तो तुम्हें परमेश्वर श्राप देगा!