व्यवस्था-विवरण 11:13-14
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 पवित्र बाइबल (HERV)
“तुम्हें जो आदेश मैं आज दे रहा हूँ, उसे तुम्हें सावधानी से सुनना चाहिएः यहोवा से प्रेम और उसकी सेवा पूरे हृदय और आत्मा से करनी चाहिए। यदि तुम वैसा करोगे तो मैं ठीक समय पर तुम्हारी भूमि के लिए वर्षा भेजूँगा। मैं पतझड़ और बसंत के समय की भी वर्षा भेजूँगा। तब तुम अपना अन्न, नया दाखमधु और तेल इकट्ठा करोगे
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘यदि तुम मेरी आज्ञाओं को निश्चय ही मानोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ, और अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम करोगे, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी सेवा करोगे, तो वह निर्धारित समय पर तुम्हारे देश को शरद-कालीन और वसन्त-कालीन वर्षा प्रदान करेगा। तब तुम अनाज, अंगूर का रस और तेल एकत्र कर सकोगे।
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 Hindi Holy Bible (HHBD)
और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो, तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूँ ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो, तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊँगा, जिससे तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूँ ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो, तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने-अपने समय पर बरसाऊँगा, जिससे तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा। (याकू. 5:7)
व्यवस्था-विवरण 11:13-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यह तय है कि यदि तुम मेरे द्वारा आज दिए जा रहे इन आदेशों का पालन करोगे, अर्थात् याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करोगे, और उन्हीं की सेवा अपने पूरा हृदय और अपने पूरा प्राणों से करोगे, तो वह उपयुक्त मौसम में तुम्हारी भूमि के लिए बारिश भेजेंगे, शुरुआती और अंतिम बारिश, ताकि तुम अपने अन्न, नई दाखमधु और अपना तेल इकट्ठा कर सको.