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भजन संहिता 121

121
प्रभु हमारा रक्षक है
यात्रा-गीत।
1मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर
उठाता हूं।
क्‍या मुझे वहां से सहायता प्राप्‍त होती है?#यिर 3:23
2मुझे प्रभु से सहायता प्राप्‍त होती है,
जो आकाश और पृथ्‍वी का सृजक है।
3वह तेरे पैर फिसलने न देगा,
वह तेरा रक्षक है, वह नहीं ऊंघेगा।
4देखो, इस्राएल का रक्षक
न ऊंघेगा, न सोएगा।
5प्रभु तेरा रक्षक है,
प्रभु तेरे दाहिनें हाथ पर तेरी आड़ है।
6न दिन में सूर्य
और न रात में चन्‍द्रमा तेरी हानि करेंगे।#यश 49:10
7प्रभु समस्‍त बुराई से तेरी रक्षा करेगा।
वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
8तेरे बाहर जाने और लौटने में
अब से सदा तक प्रभु तेरी रक्षा करेगा।#व्‍य 28:6

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