जसने यसइया अगमवक्तावा युहन्नाक बारेमा कहले बडसि,
“उराठ-ठउरियासे कुनहुँ एक जन जबड स्वर निकडाके यसके कहइ बडिय,
‘प्रभुक तहिँया पइडा तयार पारह,
हुनेक पइडावाह सोझ बनोह।
जम्मे खोल्सा-खोल्सि पुरेतइ,
पहाड हसे परवत सम बनेतइ।
टेड पइडा सोझ
हसे गारह पइडा उसार हतइ,
हसे जम्मे मन्सावाह
परमेस्वरक मुक्ति देखतइ’।”