मत्ती 6:30

मत्ती 6:30 ODR

ऐवास्ते अगर नरीकार जंगला चे खड़ा नु, जको आज़ छै ते सुवारे भाड़ मां झोंकती ङिले जई, इसड़ी ओढ़णी घलावे, तां हे अल्पविश्‍वासी लौक, ओ तम्हानु ऐकनु बढ़ती कर कां नी घलावी?

Àwọn fídíò fún मत्ती 6:30